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Assembly Election 2023: राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा पाने के लिए KCR की BRS एमपी में भी ठेकेगी ताल, सशंकित कांग्रेस करेगी पलटवार

मध्यप्रदेश के साथ ही छत्तीसगढ़ व राजस्थान में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव (KCR) की पार्टी बीआरएस (BRS) चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. KCR के इन इरादों से कांग्रेस सतर्क हो गई है. कांग्रेस को लगता है कि KCR उसे विशेषकर मध्यप्रदेश में नुकसान पहुंचा सकते हैं. इसी के मद्देनजर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे KCR को कड़ा संदेश देने की तैयारी कर रहे हैं.

CONGRESS Vs BRS
राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा पाने के लिए KCR की BRS एमपी में भी ठेकेगी ताल
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 16, 2023, 11:54 AM IST

भोपाल। इस साल के अंत में देश के 4 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. 4 राज्यों में बीजेपी का सीधा मुकाबाला कांग्रेस से है. मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ व राजस्थान में दोनों दलों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है. वहीं, तेलंगाना में कांग्रेस का सीधा मुकाबला के.चंद्रशेखर राव (KCR) की पार्टी बीआरएस (BRS) से है. इन चारों राज्यों में कांग्रेस फिलहाल मजबूत स्थिति में दिख रही है. बीआरएस के प्रमुख के. चंद्रशेखर राव ने अपनी पार्टी को राष्ट्रीय स्तर का दर्जा प्राप्त कराने के लिए मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ व राजस्थान में भी नजरें गड़ा दी हैं. विशेषकर मध्यप्रदेश में केसीआर ने कुछ नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कर इरादे साफ कर दिए हैं. इससे कांग्रेस चिंतित है.

कांग्रेस को नुकसान का अंदेशा : मध्यप्रदेश में बीएसआर के केसीआर ने पिछले माह कांग्रेस व बीजेपी से नाराज चल रहे नेताओं को अपनी पार्टी बीएसआर में शामिल किया है. मध्यप्रदेश में कांग्रेस खुद को मजबूत स्थिति में मानकर चल रही है. मध्यप्रदेश में किसी भी समीकरण को कांग्रेस आसानी से दूसरे के हाथ में नहीं जाने देना चाहती है. इसके साथ ही कांग्रेस को लगता है कि केसीआर एमपी में उसे नुकसान पहुंचा सकते हैं. क्योंकि केसीआर ने साफ कर दिया है कि वह मध्यप्रदेश में मजबूती से चुनाव लड़ेंगे. इसी के मद्देनजर केसीआर का भोपाल दौरा भी प्रस्तावित है. केसीआर भलीभांति जानते हैं कि मध्यप्रदेश में उसका न तो जनाधार है और न ही संगठन है. लेकिन कांग्रेस से लाए गए नेताओं के दम पर वह इतने वोट प्राप्त करना चाहते हैं, जिससे वह राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा पाने में कामयाब हो सके.

BRS को कड़ा जवाब देगी कांग्रेस : मध्य प्रदेश के साथ ही तीनों राज्यों में होने वाले संभावित नुकसान को देखते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे केसीआर को कड़ा संदेश देने की तैयारी कर रहे हैं. तेलंगाना के हैदराबाद में कांग्रेस की होने जा रही बैठक में ये साफ कर दिया जाएगा कि अगर केसीआर उसे तीन राज्यों में नुकसान पहुंचाएंगे तो तेलंगाना में केसीआर से नाराज चले नेताओं को भी तोड़ा जाएगा. तेलंगाना में केसीआर के कई समर्थक नेताओं से कांग्रेस संपर्क में है. खड़गे ने साफ संकेत दिए हैं कि अगर मध्यप्रदेश सहित राजस्थान व छत्तीसगढ़ में केसीआर ने कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया तो फिर तेलंगाना में जवाब दिया जाएगा.

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एमपी के ये नेता BRS में शामिल : गौरतलब है कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की पार्टी बीआरएस मध्यप्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुकी है. कुछ महीने पहले हैदराबाद में एमपी के राजनीतिक दलों के कुछ नेताओ ने चंद्रशेखर राव की मौजूदगी में BRS ज्वॉइन की है. बीजेपी के मध्य प्रदेश के रीवा संसदीय क्षेत्र से पूर्व सांसद बुद्धसेन पटेल, बसपा पार्टी के पूर्व विधायक डॉ. नरेश सिंह गुर्जर, सपा पार्टी के सतना के पूर्व विधायक धीरेंद्र सिंह, सतना की पूर्व जिला पंचायत सदस्य विमला बागरी, सर्वजन कल्याण पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय यादव, भोपाल से राकेश मालवीय, सत्येंद्र सिंह सहित अन्य बीआरएस पार्टी में शामिल हुए थे.

भोपाल। इस साल के अंत में देश के 4 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. 4 राज्यों में बीजेपी का सीधा मुकाबाला कांग्रेस से है. मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ व राजस्थान में दोनों दलों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है. वहीं, तेलंगाना में कांग्रेस का सीधा मुकाबला के.चंद्रशेखर राव (KCR) की पार्टी बीआरएस (BRS) से है. इन चारों राज्यों में कांग्रेस फिलहाल मजबूत स्थिति में दिख रही है. बीआरएस के प्रमुख के. चंद्रशेखर राव ने अपनी पार्टी को राष्ट्रीय स्तर का दर्जा प्राप्त कराने के लिए मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ व राजस्थान में भी नजरें गड़ा दी हैं. विशेषकर मध्यप्रदेश में केसीआर ने कुछ नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कर इरादे साफ कर दिए हैं. इससे कांग्रेस चिंतित है.

कांग्रेस को नुकसान का अंदेशा : मध्यप्रदेश में बीएसआर के केसीआर ने पिछले माह कांग्रेस व बीजेपी से नाराज चल रहे नेताओं को अपनी पार्टी बीएसआर में शामिल किया है. मध्यप्रदेश में कांग्रेस खुद को मजबूत स्थिति में मानकर चल रही है. मध्यप्रदेश में किसी भी समीकरण को कांग्रेस आसानी से दूसरे के हाथ में नहीं जाने देना चाहती है. इसके साथ ही कांग्रेस को लगता है कि केसीआर एमपी में उसे नुकसान पहुंचा सकते हैं. क्योंकि केसीआर ने साफ कर दिया है कि वह मध्यप्रदेश में मजबूती से चुनाव लड़ेंगे. इसी के मद्देनजर केसीआर का भोपाल दौरा भी प्रस्तावित है. केसीआर भलीभांति जानते हैं कि मध्यप्रदेश में उसका न तो जनाधार है और न ही संगठन है. लेकिन कांग्रेस से लाए गए नेताओं के दम पर वह इतने वोट प्राप्त करना चाहते हैं, जिससे वह राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा पाने में कामयाब हो सके.

BRS को कड़ा जवाब देगी कांग्रेस : मध्य प्रदेश के साथ ही तीनों राज्यों में होने वाले संभावित नुकसान को देखते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे केसीआर को कड़ा संदेश देने की तैयारी कर रहे हैं. तेलंगाना के हैदराबाद में कांग्रेस की होने जा रही बैठक में ये साफ कर दिया जाएगा कि अगर केसीआर उसे तीन राज्यों में नुकसान पहुंचाएंगे तो तेलंगाना में केसीआर से नाराज चले नेताओं को भी तोड़ा जाएगा. तेलंगाना में केसीआर के कई समर्थक नेताओं से कांग्रेस संपर्क में है. खड़गे ने साफ संकेत दिए हैं कि अगर मध्यप्रदेश सहित राजस्थान व छत्तीसगढ़ में केसीआर ने कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया तो फिर तेलंगाना में जवाब दिया जाएगा.

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एमपी के ये नेता BRS में शामिल : गौरतलब है कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की पार्टी बीआरएस मध्यप्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुकी है. कुछ महीने पहले हैदराबाद में एमपी के राजनीतिक दलों के कुछ नेताओ ने चंद्रशेखर राव की मौजूदगी में BRS ज्वॉइन की है. बीजेपी के मध्य प्रदेश के रीवा संसदीय क्षेत्र से पूर्व सांसद बुद्धसेन पटेल, बसपा पार्टी के पूर्व विधायक डॉ. नरेश सिंह गुर्जर, सपा पार्टी के सतना के पूर्व विधायक धीरेंद्र सिंह, सतना की पूर्व जिला पंचायत सदस्य विमला बागरी, सर्वजन कल्याण पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय यादव, भोपाल से राकेश मालवीय, सत्येंद्र सिंह सहित अन्य बीआरएस पार्टी में शामिल हुए थे.

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