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असम में UCC लागू करने की तैयारी, विधानसभा सत्र में पेश किया जाएगा बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने वाला विधेयक

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 15, 2023, 7:12 PM IST

असम सरकार ने उल्फा के साथ होने वाले शांति समझौते का मसौदा तैयार कर लिया है, जिस पर इस महीने के अंत या मध्य जनवरी तक हस्ताक्षर होने की संभावना है. राज्य सरकार यूसीसी लागू करने की भी तैयारी में है. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट. Uniform Civil Code, Chief Minister Himanta Biswa Sarma.

Chief Minister Himanta Biswa Sarma
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा

नई दिल्ली: उत्तराखंड के बाद असम ने भी बहुचर्चित समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने की तैयारी कर ली है. असम सरकार का रुख स्पष्ट करते हुए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को ईटीवी भारत से कहा कि उनकी सरकार राज्य में बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाएगी. सरमा ने कहा कि '4 फरवरी से हमारा विधानसभा सत्र होगा जहां हम बहुविवाह पर विधेयक रखेंगे. बहुविवाह विधेयक पारित होने के बाद यूसीसी लागू करने की प्रक्रिया पटरी पर आ जाएगी.'

हालांकि, यूसीसी एक ऐसा मामला है जिसके लिए संसद की मंजूरी की आवश्यकता है, राज्य भी राष्ट्रपति की सहमति से इस पर निर्णय ले सकते हैं. गौरतलब है कि अंतिम मसौदा तैयार होने के बाद, उत्तराखंड सरकार ने बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने वाले विधेयक को पारित करने के लिए जनवरी में एक विशेष विधानसभा सत्र बुलाया है.

मुख्यमंत्री सरमा पिछले पांच दिनों से राष्ट्रीय राजधानी में थे. गुवाहाटी रवाना होने से पहले उन्होंने ईटीवी भारत से बात की. सरमा ने कहा कि यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा-इंडिपेंडेंट) के वार्ता समर्थक गुट के साथ एक शांति समझौते पर इस महीने के अंत या जनवरी के मध्य तक हस्ताक्षर किए जाएंगे.

सरमा ने कहा कि 'हमने समझौते का मसौदा तैयार कर लिया है, जिसे बस अंतिम रूप देने की जरूरत है. हम उम्मीद कर रहे हैं कि इस महीने के अंत या जनवरी के पहले भाग तक समझौते पर हस्ताक्षर हो जाएंगे.' यह कहते हुए कि संवैधानिक सुरक्षा प्रदान करने का मुद्दा उल्फा के वार्ता समर्थक गुट द्वारा उठाया गया था, सरमा ने कहा कि इस मुद्दे को ठीक करने की जरूरत है.

अपने विभाजन के बाद, अरबिंदो राजखोवा के नेतृत्व वाला वार्ता समर्थक गुट 3 सितंबर, 2011 को शांति वार्ता में शामिल हो गया था. संगठन ने मुख्य रूप से सभी स्तरों के चुनावों में स्थानीय लोगों के लिए 88 प्रतिशत सीट आरक्षण की मांग की है. मुख्यमंत्री को उम्मीद है कि वार्ता समर्थक गुट के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर होने से उल्फा-इंडिपेंडेंट के साथ बातचीत की राह आसान हो जाएगी.

सरमा ने उल्फा-आई के अध्यक्ष परेश बरुआ से भी हिंसा का रास्ता छोड़ने की अपील की. उन्होंने कहा कि 'परेश बरुआ को समझना चाहिए इस तरह की स्थिति शांति प्रक्रिया को पटरी से उतार देगी.'

सरमा गुरुवार रात जोरहाट में हुए बम धमाकों का जिक्र कर रहे थे. सरमा ने इंटेलिजेंस रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, 'कुछ उल्फ़ा युवक हथगोले लेकर असम में घुस आए. कुछ समर्पण कर देते हैं तो कुछ इस तरह की गतिविधियों में शामिल हो जाते हैं.' उल्फा-आई के परेश बरुआ गुट ने शुक्रवार को जोरहाट ग्रेनेड विस्फोट की जिम्मेदारी ली है.

ग्रेनेड विस्फोट के एक दिन बाद इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के निदेशक तपन डेका, एनआईए के महानिदेशक दिनकर गुप्ता, गृह मंत्रालय में पूर्वोत्तर के सलाहकार एके मिश्रा ने दिल्ली के असम हाउस में सरमा से बातचीत की.

रोहिंग्या मुद्दे को देश के लिए बड़ा सुरक्षा खतरा बताते हुए सरमा ने कहा कि उन्होंने असम और त्रिपुरा में रोहिंग्या शरणार्थियों की आमद के बारे में एनआईए डीजी से जानकारी ली है. उन्होंने कहा कि 'एनआईए ने इससे पहले असम और पूर्वोत्तर में घुसपैठ के मुद्दे पर कई जगहों पर छापेमारी की थी. आज एनआईए महानिदेशक ने मुझे उस मुद्दे पर जानकारी दी.'

राष्ट्रपति मुर्मू-पीएम मोदी से की मुलाकात : दिल्ली प्रवास के दौरान सरमा ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन, कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी और स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया से भी मुलाकात की.

सरमा ने कहा कि 'मैंने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को असम आने का निमंत्रण दिया है.' मुख्यमंत्री ने मुर्मू से मुलाकात के दौरान उन्हें जनवरी में होने वाले कार्बी महोत्सव का उद्घाटन करने के लिए राज्य में आमंत्रित किया. सरमा ने प्रधानमंत्री मोदी को भी राज्य में कई विकासात्मक परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के लिए असम आने का निमंत्रण दिया है.

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