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असम मेघालय सीमा हिंसा: सीएम हिमंत बोले- असम पुलिस ने अकारण व अनियंत्रित बल का किया प्रयोग

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Published : Nov 23, 2022, 10:54 PM IST

असम-मेघालय सीमा हिंसा के मामले में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने जानकारी दी है कि इस मामले की जांच सीबीआई के द्वारा की जाएगी, इस बात का निर्णय मंत्रिमंडल में लिया गया है.

Chief Minister Himanta Biswa Sarma
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा

नई दिल्ली: असम-मेघालय सीमा पर हिंसा से निपटने के लिए असम पुलिस की आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार को कहा कि उसने 'अकारण, अनियंत्रित और मनमाने' तरीके से बल प्रयोग किया. सरमा के पास गृह विभाग भी है. उन्होंने यह भी कहा कि असम-मेघालय सीमा पर शांति है और हाल ही में अंतरराज्यीय सीमा पर स्थानीय लोगों एवं वन रक्षकों के बीच झड़पें हुई थीं.

सरमा ने यहां एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, 'मुझे महसूस होता है कि उस हद तक पुलिस को गोलियां चलाने की कोई जरूरत नहीं थी. कुछ हद तक गोलीबारी अकारण थी, एवं पुलिस और नियंत्रित तरीके से काम कर सकती थी.' शर्मा ने कहा कि पुलिस के अनुसार झड़प के दौरान बचाव में बल प्रयोग किया गया था. उन्होंने कहा, 'हालांकि, मेरे विचार से, यह कुछ हद तक मनमाने ढंग से किया गया. ऐसा नहीं होना चाहिए था.'

असम-मेघालय सीमा पर वेस्ट कार्बी आंगलोग जिले में कथित तौर पर अवैध लकड़ी ले जा रहे एक ट्रक को मंगलवार तड़के असम के वनकर्मियों द्वारा रोकने के बाद भड़की हिंसा में एक वन कर्मी सहित छह लोगों की मौत हो गई. सरमा ने कहा कि असम सरकार पूरी ईमानदारी से अपना काम करने की कोशिश कर रही है और पहले ही पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिले के पुलिस अधीक्षक का तबादला कर दिया गया है वहीं कुछ अन्य अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है.

सरमा ने कहा, 'हमने इसे प्रतिष्ठा के विषय के रूप में नहीं लिया है. अगर असम पुलिस के कर्मियों की गलती थी, तो वे भी जांच के दायरे में आएंगे.' उन्होंने कहा कि यह घटना पूर्वोत्तर के दोनों राज्यों के बीच लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद से संबंधित नहीं है. उन्होंने कहा, 'मैं मेघालय के मुख्यमंत्री के संपर्क में हूं. असम-मेघालय सीमा शांतिपूर्ण है और हमेशा शांतिपूर्ण रही है.'

असम मंत्रिमंडल ने हिंसा की जांच सीबीआई को सौंपने का किया फैसला

इसके अलावा असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि मेघालय के ग्रामीणों के साथ हुए हिंसक झड़पों की जांच राज्य (असम) मंत्रिमंडल ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने का बुधवार को फैसला किया. मंत्रिमंडल ने राज्य पुलिस को नागरिकों की संलिप्तता वाले मुद्दों या अव्यवस्था से निपटने के दौरान संयम बरतने को कहा. मंत्रिमंडल की एक विशेष बैठक में, नागरिकों के साथ होने वाली झड़पों से उत्पन्न होने वाली स्थितियों से निपटने के लिए पुलिस और वन कर्मियों के वास्ते एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने का फैसला किया गया.

सरमा ने ट्वीट किया, 'हमने पुलिस को नागरिकों से निपटने के दौरान घातक हथियारों का उपयोग करने में संयम बरतने को कहा है. इस तरह की स्थिति से निपटने के लिए पुलिस और वन कर्मियों के लिए एसओपी तैयार किया जाएगा. सभी पुलिस थाना प्रभारियों को इस तरह के विषयों के प्रति संवेदनशील बनाया जाएगा.' उन्होंने कहा कि बैठक में मंत्रियों ने पश्चिमी कार्बी आंगलोंग जिले में दुर्भाग्यपूर्ण पुलिस-नागरिक झड़प में छह लोगों की मौत और कई अन्य के घायल होने पर दुख जताया.

पढ़ें: असम-मेघालय सीमा हिंसा: असम वन विभाग के कार्यालय में तोड़फोड़, मेघालय में दो वाहन किए आग के हवाले

मुख्यमंत्री ने बैठक के बाद सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, 'हमारे मंत्रिमंडल ने संबद्ध पुलिस जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है.' उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने गुवाहाटी उच्च न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति रूमी फुकन को घटना के लिए जिम्मेदार रही परिस्थितियों की न्यायिक जांच का अनुरोध करने का भी फैसला किया है. सरमा ने कहा कि न्यायिक जांच 60 दिनों की अंदर पूरी की जाएगी.

(पीटीआई-भाषा)

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