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राजनीतिक विमर्श में सबसे 'जहरीले व्यक्ति' हैं असम सीएम : इतिहासकार इरफान हबीब

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Published : Apr 17, 2023, 8:05 PM IST

Updated : Apr 17, 2023, 9:59 PM IST

S Irfan Habib and other
प्रमुख इतिहासकार एस इरफ़ान हबीब व अन्य

प्रमुख इतिहासकार एस इरफ़ान हबीब (S Irfan Habib) ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर निशाना साधा है. एक कार्यक्रम में इरफान हबीब ने उन्हें राजनीतिक विमर्श का सबसे 'जहरीला व्यक्ति' करार दिया. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता सौरभ शर्मा की रिपोर्ट.

नई दिल्ली: प्रमुख इतिहासकार एस इरफ़ान हबीब (S Irfan Habib) ने कहा है कि 'राजनीतिक विमर्श में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा सबसे जहरीले व्यक्ति हैं.' उन्होंने यह भी कहा कि जब तथाकथित धर्मनिरपेक्ष और प्रगतिशील पार्टियां अपने-अपने कार्यकाल में मुस्लिम समुदाय का उत्थान करने में विफल रहीं, तो हमें मौजूदा व्यवस्था से कुछ भी उम्मीद नहीं करनी चाहिए.

एसपीईसीटी फाउंडेशन की डेवलपमेंट ऑडिट रिपोर्ट 'दस अल्पसंख्यक बहुल जिलों में मुस्लिमों का हाशियाकरण' के लॉन्च पर बोलते हुए हबीब ने कहा कि 'मुसलमानों के खिलाफ एक विमर्श या कहानी गढ़ी जा रही है कि उनकी आबादी लगातार बढ़ रही है और यह एक राष्ट्रीय खतरा बन गया है. लेकिन क्या मुसलमान इस देश के नागरिक नहीं हैं और उनकी कथित जनसंख्या वृद्धि को राष्ट्रीय सुरक्षा के चश्मे से क्यों देखा जा रहा है. यह पूरी अवधारणा स्पष्ट रूप से राजनीति से प्रेरित है.'

उन्होंने कहा कि 'जब आप अपनी राजनीतिक विचारधारा के अनुसार चुनिंदा इतिहास के अंशों को मिटा रहे हैं, तो आप उस जुड़े हुए इतिहास के बिंदुओं को भी मिटा रहे हैं. तो अब आपने मुगल दरबार प्रणाली के कुछ हिस्सों को हटा दिया है तो अब आप महाराणा प्रताप, हल्दी घाट युद्ध के बारे में कैसे लिखेंगे. इतिहास को एक राजनीतिक उपकरण के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है.'

इसी बीच जब औपचारिक बातचीत के दौरान एनसीईआरटी की किताबों से अंश हटाए जाने को लेकर पूछा गया तो इरफान हबीब ने कहा, 'भाजपा सरकार चाहे वह दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी का कार्यकाल हो या पीएम मोदी के अधीन वर्तमान, वे अतीत के बारे में अधिक गंभीर रहे हैं, विशेष रूप से मध्यकालीन अतीत. वाजपेयी सरकार ने कुछ हिस्सों को हटाने की कोशिश की लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली लेकिन पीएम मोदी के तहत मौजूदा शासन इस पर अधिक आक्रामक रहा है और उन्होंने अपनी सफलता हासिल की है.'

एसपीईसीटी फाउंडेशन द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में बिहार (अररिया, पूर्णिया, किशनगंज, कैथर), असम (धुबरी, कोकराझार), उत्तर प्रदेश (श्रावस्ती, बलरामपुर), पश्चिम बंगाल (मालदा, मुर्शिदाबाद) सहित मुस्लिमों की अच्छी आबादी वाले 4 सीमावर्ती राज्यों के 10 जिलों में सामाजिक-आर्थिक मापदंडों का आकलन किया गया है. रिपोर्ट इन चयनित जिलों में मुसलमानों के हाशिए पर होने पर प्रकाश डालती है, चाहे वह स्वास्थ्य, शिक्षा हो या समग्र विकास का क्षेत्र.

भाजपा ने ये दी प्रतिक्रिया : वहीं, इरफान हबीब की टिप्पणी पर भाजपा नेता सुदेश वर्मा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. सुदेश वर्मा ने कहा कि 'ये हारे हुए लोग पचा नहीं पा रहे हैं कि कांग्रेस से आने के बावजूद भाजपा ने हिमंता सरमा का इतने सम्मान से स्वागत किया. आज वह इतने बड़े नेता हैं और वैचारिक रूप से हमारे बहुत करीब हैं. इरफ़ान हबीब और इन जैसे अन्य जैसे लोगों के विचारों को हम सभी जानते हैं.'

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Last Updated :Apr 17, 2023, 9:59 PM IST
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