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स्कूली बच्चों से छेड़छाड़ करने वाले के खिलाफ SIT ने आरोपपत्र दाखिल किया, HC से शीघ्र सुनवाई की मांग

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Published : Jul 21, 2023, 12:31 PM IST

अरुणाचल प्रदेश विशेष जांच दल एसआईटी ने स्कूल में पढ़ने वाली नाबालिग लड़कियों से कथित तौर पर छेड़छाड़ करने के आरोप में पूर्वी अरुणाचल प्रदेश में शि-योमी जिले के कारो में सरकारी आवासीय विद्यालय के छात्रावास वार्डन तुमकेन बागरा के खिलाफ आरोप पत्र दायर कर दिया है. बागरा को नवंबर की शुरुआत में शि-योमी जिले में दो नाबालिग लड़की से कथित तौर पर छेड़छाड़ करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

SIT files chargesheet
अरुणाचल प्रदेश पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) के एसपी रोहित राजबीर सिंह ने शि-योमी जिले के एक स्कूल में 20 से अधिक बच्चों के यौन शोषण मामले के बारे में जानकारी दी।

ईटानगर : विशेष जांच दल (एसआईटी) ने बुधवार को गुवाहाटी उच्च न्यायालय, ईटानगर की स्थायी पीठ से पिछले साल नवंबर की शुरुआत में शि-योमी जिले के पिडी सर्कल के तहत कारो सरकारी आवासीय विद्यालय की जुड़वां नाबालिग छात्राओं से छेड़छाड़ के मामले में तुमकेन बागरा की सुनवाई प्रक्रिया शुरू करने की अपील की.

एसआईटी के पुलिस अधीक्षक रोबिट राजबीर सिंह ने बुधवार को यहां पीएचक्यू में पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा कि आरोपी बागरा, जो 2014 से 22 के दौरान उक्त स्कूल का वार्डन था, ने छात्रावास में रहने वाले स्कूल के 19 अन्य छात्रों के साथ भी छेड़छाड़ और मारपीट की थी.

उन्होंने कहा कि एसआईटी ने 2019 से 22 के दौरान गहन जांच के दौरान छेड़छाड़ के इन मामलों का खुलासा किया और आरोपियों को दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त सबूत जुटाए. जांच पूरी हो चुकी है, जिसमें पाया गया कि 21 छात्रों में से 16 लड़कियां और 5 लड़के हैं. जिनकी उम्र 6-14 के बीच है. जबकि 6 छात्रों के साथ नियमित रूप से शारीरिक छेड़छाड़ की गई, जिनमें से 4 ने आत्महत्या करने की कोशिश की थी.

यह बताते हुए कि आरोपियों ने इस तरह के जघन्य अपराध को अंजाम देने के लिए कोई एक समय तय नहीं किया था. जैसा कि जांच के दौरान पता चला, एसपी ने कहा कि पीड़ितों को न्याय सुनिश्चित करने के लिए आरोपियों की अदालती सुनवाई दिन-प्रतिदिन के आधार पर होनी चाहिए.

यह कहते हुए कि अब तक आरोपी और उसके रिश्तेदार ओ पर्टिन (जिन्हें आरोपी के आपराधिक कृत्य को आश्रय देने के लिए गिरफ्तार किया गया था) जेल से बाहर हैं, उन्होंने कहा कि एसआईटी दो नाबालिग लड़कियों के बयान के आधार पर आरोप पत्र दायर कर सकती थी, लेकिन जांच टीम का इरादा आरोपियों द्वारा किए गए अपराधों की श्रृंखला का पता लगाना था.

इसके बाद, यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम और IPC की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप पत्र आगे की कार्रवाई के लिए HC को सौंप दिया गया है. उन्होंने कहा, मेडिकल परीक्षण में बागरा को मानसिक रूप से स्वस्थ पाया गया. पुलिस उस पर लगातार निगरानी रख रही है.

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एसआईटी ने राज्य के लोगों, विशेष रूप से शि-योमी जिले के लोगों से अपील की है कि यदि उनके पास यौन उत्पीड़न के मामलों से संबंधित कोई सबूत है तो वे स्वेच्छा से सामने आएं. एसआईटी ने पीड़ितों के माता-पिता से चाइल्ड हेल्पलाइन और अन्य गैर सरकारी संगठनों के माध्यम से नियमित मनोवैज्ञानिक परामर्श प्रदान करने का भी आग्रह किया.

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