लखीमपुर हिंसा: मृत किसानों के अंतिम अरदास में शामिल हुईं प्रियंका

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Published : Oct 12, 2021, 6:55 AM IST

Updated : Oct 12, 2021, 6:44 PM IST

एसकेएम

लखीमपुर हिंसा को लेकर सियासत तेज हो गई है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी आज लखीमपुर खीरी में मृत किसानों की अंतिम अरदास में शामिल हुईं.

लखीमपुर खीरी/बहराइच/बरेली : उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा में मारे गए चार किसानों के लिए मंगलवार को अंतिम अरदास की गई. संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के एक पदाधिकारी ने कहा कि किसी भी नेता को अंतिम अरदास में मंच साझा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, वहां केवल संयुक्त किसान मोर्चा के नेता मौजूद रहेंगे. जिस स्थान पर हिंसा हुई थी उसके समीप ही अंतिम अरदास का आयोजन किया जा रहा है.

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) भी लखीमपुर में आज मृतक किसानों की अरदास (Last Ardas for Farmers) में शामिल हुईं.

मृत किसानों के अंतिम अरदास में शामिल हुईं प्रियंका
मृत किसानों के अंतिम अरदास में शामिल हुईं प्रियंका

इसके अलावा गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) पर किसानों ने लखीमपुर में मारे गए किसानों की आत्मा की शांति के लिए हवन और पाठ का आयोजन कर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई.

किसानों की आत्मा की शांति के लिए हवन और पाठ का आयोजन

इससे पहले लखीमपुर जाते समय प्रियंका गांधी के साथ एयरपोर्ट पर बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता जमा हुए. भारी संख्या में एयरपोर्ट पर पुलिस बल तैनात किया गया. प्रियंका गांधी को एयरपोर्ट पर रोकने का भी प्रयास किया गया, लेकिन कार्यकर्ताओं की जबरदस्त नारेबाजी और प्रियंका की जिद के आगे प्रशासन झुका और प्रियंका गांधी को लखीमपुर के लिए भेज दिया गया.

लखीमपुर खीरी जा रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं के काफिले को सीतापुर टोल पर पुलिस ने रोक लिया. इसको लेकर कार्यकर्ताओं और पुलिस में झड़प हो गई. भारी मात्रा में मौजूद पुलिस गाड़ियों को जबरन रोक रही है. सीतापुर टोल पर कांग्रेस प्रवक्ता अंशु अवस्थी, शाहनवाज आलम, पंकज तिवारी, प्रवक्ता संजय सिंह, सचिन रावत, विधायक सोहेल अंसारी आदि मौजूद रहे.

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लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया गांव में तीन अक्टूबर को किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान एसयूवी से कुचल कर मरे चार किसानों के अंतिम अरदास के लिए विभिन्न राज्यों के किसान पहुंचने लगे हैं. सामूहिक अंतिम प्रार्थना में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के अलावा पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड के किसानों के शामिल होने की उम्मीद है. अंतिम प्रार्थना के लिए राकेश टिकैत सहित किसान नेताओं के भी यहां पहुंचने की उम्मीद है. रालोद के राष्ट्रीय सचिव अनिल दुबे ने कहा कि उनकी पार्टी के नेता जयंत चौधरी का मंगलवार को लखीमपुर जाने का कार्यक्रम है.

इस बीच, उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के प्रवक्ता अशोक सिंह ने कहा कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा अंतिम अरदास में शामिल होने लखीमपुर खीरी जाएंगी. उनके साथ प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अजय कुमार लल्लू, राष्ट्रीय सचिव धीरज गुर्जर, रोहित चौधरी, पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी और उप्र विधान सभा में कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा और विधान परिषद में कांग्रेस के दल नेता दीपक सिंह समेत कई प्रमुख नेता भी जाएंगे.

एयरपोर्ट पर बरेली पुलिस ने जयंत चौधरी को रोका

वहीं, लखीमपुर खीरी के तिकोनिया में किसानों की अरदास में शामिल होने जा रहे राष्ट्रीय लोक दल के नेता जयंत चौधरी को बरेली पुलिस ने लगभग आधे घंटे तक एयरपोर्ट पर रोक कर रखा. जिसके बाद उनके कार्यकर्ताओं ने एयरपोर्ट गेट पर बैठकर जमकर पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. हालांकि, आधे घंटे के बाद जयंत चौधरी को लखीमपुर जाने दिया गया.

पीलीभीत पहुंचने पर मीडिया से बातचीत में जयंती चौधरी ने लखीमपुर की घटना को आतंकी हमला करार दिया. आरएलडी नेता जयंत चौधरी मंगलवार को बनवारीपुर में आयोजित किसानों की अंतिम अरदास में शामिल होने के लिए निकले थे.

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हालांकि, भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के पदाधिकारी के अनुसार, किसी भी राजनीतिक दल के राजनेता को मंगलवार की अंतिम प्रार्थना में किसान नेताओं के साथ मंच साझा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के कार्यक्रमों के मद्देनजर, पुलिस अधिकारियों के अवकाश 18 अक्टूबर तक रद्द कर दिए गए हैं और अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने इस आशय का एक आदेश पहले ही जारी कर दिया है. जिस स्थान पर घटना हुई थी, वहां से करीब 500 मीटर दूर गुरुद्वारा कौड़ियाला घाट गुरुद्वारा के सेवादार बाबा कला सिंह ने कहा कि अखंड पाठ रविवार को शुरू हो गया है और यह चल रहा है जिसकी मंगलवार को सुबह लगभग नौ बजे समाप्त होने की संभावना है. यहां हिंसा में मारे गए किसानों के परिवारों के कल आने की संभावना है. तिकुनिया के बाहरी इलाके में एक पंडाल बनाया गया है.

बाबा काला सिंह ने कहा कि पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड से लोग अपने-अपने वाहनों से पहुंच रहे हैं. यहां का माहौल शांतिपूर्ण है, फिलहाल यहां ज्यादा भीड़ नहीं है. पाठ पूरा होने के बाद मैदान में सामूहिक अंतिम अरदास और लंगर का आयोजन किया जाएगा.

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बता दें कि तीन अक्टूबर की घटना लखीमपुर शहर से लगभग 60 किलोमीटर दूर तिकुनिया-बनबीरपुर रोड पर हुई है, जब किसान उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पैतृक गांव बनबीरपुर जाने का विरोध कर रहे थे. इस घटना में चार किसान, एक पत्रकार और तीन अन्य (जो इस घटना के बाद पीट-पीट कर मार दिए गए थे) की मौत हो गई थी. मरने वाले किसानों में दो लखीमपुर खीरी और दो पड़ोसी बहराइच जिले के थे.

बहराइच के मटेरा थाना क्षेत्र के मोहरनिया गांव निवासी मृतक गुरविंदर सिंह के चाचा सुखदेव सिंह ने बताया कि बहराइच के दो किसान गुरविंदर सिंह और दलजीत सिंह के घरों में भोग लगाया गया है. लखीमपुर के तिकुनिया स्थित कौड़ियाला घाट गुरुद्वारा में मृतक किसानों के लिए 'पाठ' रखा गया है.

भारतीय किसान यूनियन-टिकैत के जिलाध्यक्ष अमनदीप सिंह संधू और जिला उपाध्यक्ष बलकार सिंह ने सोमवार को यहां से कहा कि मृत किसानों के लिए 12 अक्टूबर को तिकुनिया में अंतिम अरदास की जाएगी.

संधू ने कहा कि विभिन्न राज्यों और जिलों के किसान तथा नेता तिकुनिया में अरदास और भोग कार्यक्रम में भाग लेंगे. अरदास में विभिन्न नेताओं की भागीदारी पर, बलकार सिंह ने कहा कि किसी भी राजनीतिक नेता को मंच साझा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी वहां केवल संयुक्त किसान मोर्चा के नेता ही मौजूद रहेंगे.

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केंद्र के तीन नए विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने आरोप लगाया कि पूर्व नियोजित साजिश के तहत हिंसा की गई. उन्होंने इसके लिए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा और उनके बेटे आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी की भी मांग की थी.

गौरतलब है कि शनिवार देर रात 12 घंटे की पूछताछ के बाद आशीष मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया था. किसान संघों ने कहा है कि अगर सरकार 11 अक्टूबर तक उनकी मांगों को नहीं मानती है तो वे मारे गए किसानों की अस्थियों को लेकर लखीमपुर खीरी से शहीद किसान यात्रा निकालेंगे. एसकेएम ने 18 अक्टूबर को सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक देश भर में रेल रोको आंदोलन और 26 अक्टूबर को लखनऊ में महापंचायत करने का आह्वान किया है.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated :Oct 12, 2021, 6:44 PM IST
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