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अंकिता भंडारी हत्याकांड: आरोपियों की पैरवी करने से वकीलों का इनकार, जमानत पर सुनवाई टली

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Published : Sep 28, 2022, 3:51 PM IST

अंकिता भंडारी हत्याकांड के आरोपी पुलकित आर्य, अंकित और सौरभ भास्कर की कोर्ट में पैरवी करने से कोटद्वार के वकीलों ने इनकार कर दिया है. जिसकी वजह से सभी आरोपियों की जमानत पर सुनवाई नहीं हुई. वहीं, कोटद्वार बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय पंत ने कहा कि अगर अंकिता हत्याकांड को लेकर कोई अधिवक्ता बाहर से आरोपियों की पैरवी करने आते हैं तो बार एसोसिएशन उसका पूरा विरोध करेगी.

Ankita Bhandari murder case
अंकिता भंडारी हत्याकांड

कोटद्वार: अंकिता भंडारी हत्याकांड (Ankita Bhandari Murder Case) के आरोपी पुलकित आर्य, अंकित और सौरभ भास्कर की कोर्ट में पैरवी करने से कोटद्वार के वकीलों ने इनकार कर दिया है. कोटद्वार बार एसोसिएशन (Kotdwar Bar Association) के अध्यक्ष अजय कुमार पंत की अध्यक्षता में हुई बैठक में निंदा प्रस्ताव पारित किया गया है. वहीं, कोटद्वार में वकीलों द्वारा आरोपियों का मुकदमा नहीं लड़ने के फैसले के कारण सभी आरोपियों की जमानत पर सुनवाई नहीं हुई. आरोपियों की न्यायिक हिरासत 6 अक्टूबर को खत्म हो रही है.

रिमांड एडवोकेट ने वापस ली अर्जी: दरअसल, अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर उत्तराखंड के साथ-साथ पूरे देश में आक्रोश है. ऐसे में अंकिता हत्याकांड को लेकर आरोपियों की बेल की अर्जी लगाने वाले विधिक प्राधिकरण की तरफ से नियुक्त रिमांड एडवोकेट ने अब केस लड़ने से मना कर दिया है. एडवोकेट जितेंद्र रावत ने कोटद्वार न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी भावना पांडे की अदालत में बेल अर्जी लगाई थी. अब उन्होंने कहा कि मामले को संदेवनशील देखते हुए उन्होंने आरोपियों की बेल की अर्जी का प्रार्थना पत्र वापस ले लिया है.

जानकारी देते वकील.

कलमबंद बयान दर्ज: अधिवक्ता जितेंद्र रावत ने कहा कि बुधवार को एसआईटी की टीम ने वनंत्रा रिजॉर्ट में काम करने वाले कर्मचारियों के कलमबंद बयान दर्ज किए हैं. वहीं, आरोपियों से पूछताछ के लिए एसआईटी की तरफ से कोई प्रार्थना पत्र कोर्ट को नहीं दिया गया है. वकीलों के मुताबिक 302 के मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी की कोर्ट जमानत नहीं दे सकती है.

वकीलों का कहना था कि कि देवभूमि में ऐसे हादसे होना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और दोषियों को ऐसा दंड मिलना चाहिए, जो पूरे देश में एक नजीर बन सके. वहीं, बार एसोसिएशन कोटद्वार के अध्यक्ष अजय पंत ने कहा कि अगर अंकिता हत्याकांड को लेकर कोई अधिवक्ता बाहर से आरोपियों की पैरवी करने आते हैं तो बार एसोसिएशन उसका पूरा विरोध करेगी. उन्होंने कहा कि अंकिता हम सबकी बेटी थी और मामला संवेदनशील होने के चलते मैं खुद अंकिता की तरफ से कोर्ट में पैरवी करूंगा.
ये भी पढ़ेंः अंकिता के परिजनों को उत्तराखंड सरकार देगी 25 लाख की आर्थिक सहायता, CM धामी ने की घोषणा

जानिए क्या है अंकिता मर्डर केस: बता दें कि पौड़ी जिले के नांदलस्यू पट्टी के डोभ श्रीकोट की रहने वाली अंकिता भंडारी ऋषिकेश के बैराज चीला मार्ग पर गंगापुर भोगपुर में स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी करती थी. ये रिजॉर्ट बीजेपी नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित का था. अंकिता इस रिजॉर्ट में 28 अगस्त से नौकरी कर रही थी, लेकिन बीती 18 सितंबर को अंकिता रहस्यमय तरीके से लापता हो गई थी. जिसके बाद रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने राजस्व पुलिस चौकी में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई. वहीं, 22 सितंबर तक अंकिता का कुछ पता नहीं चला. इसके बाद मामला लक्ष्मणझूला थाना पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया.

जब पुलिस ने जांच की तो वनंत्रा रिजॉर्ट (Vanantra Resort Rishikesh) के संचालक और उसके मैनेजरों की भूमिका सामने आई. रिजॉर्ट के कर्मचारियों से पूछताछ में पता चला कि 18 सितंबर को शाम करीब आठ बजे अंकिता रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर अंकित और भास्कर के साथ रिजॉर्ट से निकली थी. लेकिन जब वो वापस लौटे तो उनके साथ अंकिता (Receptionist Ankita Bhandari) नहीं थी. इस आधार पर पुलिस ने तीनों को हिरासत में लिया और पूछताछ की, तब जाकर तीनों ने राज उगला. इसके बाद तीनों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने तीनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.

कोटद्वार: अंकिता भंडारी हत्याकांड (Ankita Bhandari Murder Case) के आरोपी पुलकित आर्य, अंकित और सौरभ भास्कर की कोर्ट में पैरवी करने से कोटद्वार के वकीलों ने इनकार कर दिया है. कोटद्वार बार एसोसिएशन (Kotdwar Bar Association) के अध्यक्ष अजय कुमार पंत की अध्यक्षता में हुई बैठक में निंदा प्रस्ताव पारित किया गया है. वहीं, कोटद्वार में वकीलों द्वारा आरोपियों का मुकदमा नहीं लड़ने के फैसले के कारण सभी आरोपियों की जमानत पर सुनवाई नहीं हुई. आरोपियों की न्यायिक हिरासत 6 अक्टूबर को खत्म हो रही है.

रिमांड एडवोकेट ने वापस ली अर्जी: दरअसल, अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर उत्तराखंड के साथ-साथ पूरे देश में आक्रोश है. ऐसे में अंकिता हत्याकांड को लेकर आरोपियों की बेल की अर्जी लगाने वाले विधिक प्राधिकरण की तरफ से नियुक्त रिमांड एडवोकेट ने अब केस लड़ने से मना कर दिया है. एडवोकेट जितेंद्र रावत ने कोटद्वार न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी भावना पांडे की अदालत में बेल अर्जी लगाई थी. अब उन्होंने कहा कि मामले को संदेवनशील देखते हुए उन्होंने आरोपियों की बेल की अर्जी का प्रार्थना पत्र वापस ले लिया है.

जानकारी देते वकील.

कलमबंद बयान दर्ज: अधिवक्ता जितेंद्र रावत ने कहा कि बुधवार को एसआईटी की टीम ने वनंत्रा रिजॉर्ट में काम करने वाले कर्मचारियों के कलमबंद बयान दर्ज किए हैं. वहीं, आरोपियों से पूछताछ के लिए एसआईटी की तरफ से कोई प्रार्थना पत्र कोर्ट को नहीं दिया गया है. वकीलों के मुताबिक 302 के मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी की कोर्ट जमानत नहीं दे सकती है.

वकीलों का कहना था कि कि देवभूमि में ऐसे हादसे होना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और दोषियों को ऐसा दंड मिलना चाहिए, जो पूरे देश में एक नजीर बन सके. वहीं, बार एसोसिएशन कोटद्वार के अध्यक्ष अजय पंत ने कहा कि अगर अंकिता हत्याकांड को लेकर कोई अधिवक्ता बाहर से आरोपियों की पैरवी करने आते हैं तो बार एसोसिएशन उसका पूरा विरोध करेगी. उन्होंने कहा कि अंकिता हम सबकी बेटी थी और मामला संवेदनशील होने के चलते मैं खुद अंकिता की तरफ से कोर्ट में पैरवी करूंगा.
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जानिए क्या है अंकिता मर्डर केस: बता दें कि पौड़ी जिले के नांदलस्यू पट्टी के डोभ श्रीकोट की रहने वाली अंकिता भंडारी ऋषिकेश के बैराज चीला मार्ग पर गंगापुर भोगपुर में स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी करती थी. ये रिजॉर्ट बीजेपी नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित का था. अंकिता इस रिजॉर्ट में 28 अगस्त से नौकरी कर रही थी, लेकिन बीती 18 सितंबर को अंकिता रहस्यमय तरीके से लापता हो गई थी. जिसके बाद रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने राजस्व पुलिस चौकी में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई. वहीं, 22 सितंबर तक अंकिता का कुछ पता नहीं चला. इसके बाद मामला लक्ष्मणझूला थाना पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया.

जब पुलिस ने जांच की तो वनंत्रा रिजॉर्ट (Vanantra Resort Rishikesh) के संचालक और उसके मैनेजरों की भूमिका सामने आई. रिजॉर्ट के कर्मचारियों से पूछताछ में पता चला कि 18 सितंबर को शाम करीब आठ बजे अंकिता रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर अंकित और भास्कर के साथ रिजॉर्ट से निकली थी. लेकिन जब वो वापस लौटे तो उनके साथ अंकिता (Receptionist Ankita Bhandari) नहीं थी. इस आधार पर पुलिस ने तीनों को हिरासत में लिया और पूछताछ की, तब जाकर तीनों ने राज उगला. इसके बाद तीनों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने तीनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.

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