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जिसे शिवलिंग बताया जा रहा उसे अंजुमन इंतजामियां ने टूटे हुए फव्वारे का हिस्सा बताया, देखें वीडियो

ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी प्रकरण में कमीशन की कार्यवाही के दौरान सोमवार को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर वजू के लिए बनाए गए तालाब में शिवलिंग मिलने का दावा चर्चा में आया. इस सूचना के बाद अब मुस्लिम पक्ष इस मामले में खुल कर बोल रहा है.

ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी प्रकरण
ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी प्रकरण
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Published : May 17, 2022, 1:07 PM IST

वाराणसी: ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी प्रकरण में कमीशन की कार्यवाही के दौरान सोमवार को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर वजू के लिए बनाए गए तालाब में शिवलिंग मिलने का दावा चर्चा में आया. इस सूचना के बाद अब मुस्लिम पक्ष इस मामले में खुल कर बोल रहा है.

आज दोपहर में मुस्लिम पक्ष के वकीलों ने इस प्रकरण में कुछ भी बोलने से इनकार किया था. वकीलों ने इस मामले में मिले सबूतों को कोर्ट में पेश किए जाने की बात कही थी. लेकिन शाम के समय दिल्ली में बैठे एक समाजसेवी और वकील मोहम्मद असद हयात के सोशल मीडिया अकाउंट से एक पोस्ट की गई. इस पोस्ट में शिवलिंग मिलने से जुड़े कुछ पुराने दस्तावेज और उस फव्वारे की फोटो के साथ पुराना वीडियो शेयर किया गया.

जुमन इंतजा मियां मसाजिद कमेटी के वकील तौहीद खान

सोशल मीडिया पर की गई यह पोस्ट तेजी से वायरल हुई. इस पोस्ट के संबंध में जब अंजुमन इंतजा मियां मसाजिद कमेटी के वकील तौहीद खान और सेक्रेटरी यासीन से बात की गई, तो उन्होंने सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट को सही बताया. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट बिल्कुल सही है और अंजुमन इंतजामियां यह स्पष्ट करता है कि 'जिसे हिंदू पक्ष की तरफ से शिवलिंग बताया जा रहा है, वह शिवलिंग नहीं बल्कि टूटे हुए फव्वारे का हिस्सा है.'

जुमन इंतजा मियां मसाजिद कमेटी के वकील तौहीद खान

अंजुमन इंतजामियां मसाजिद कमेटी के सेक्रेटरी यासीन का कहना है कि जिसे शिवलिंग कहा जा रहा है वह फव्वारे का हिस्सा है, ना कि शिवलिंग. यह काफी पहले छतिग्रस्त हुआ था. यासीन ने कहा कि मामले को स्पष्ट करने के लिए इसकी वैज्ञानिक जांच करवाना जरूरी है.

गौरतलब है कि 17 मई को सुप्रीम कोर्ट में ज्ञानवापी प्रकरण की सुनवाई होनी है. फैसला क्या आएगा, यह तो बाद की बात है. लेकिन आज कमीशन की कार्यवाही के बाद अचानक से शिवलिंग मिलने की सूचना के बाद उस तालाब को सील कर दिया गया है. जिस स्थान पर शिवलिंग मिलने की बात कही गई थी. उस स्थान पर सीआरपीएफ की तैनाती की गई है.

अब कल इस मामले में 4 दिन तक वीडियोग्राफी की कार्यवाही हुई है. वीडियोग्राफी में लगभग 16 घंटे से ज्यादा की रिकॉर्डिंग है. इस रिकार्डिंग को कुल 16 मेमोरी कार्ड में सहेजा गया है. इन साक्ष्यों को न्यायालय के समक्ष पेश किया जाएगा.

इसे पढ़ें- ज्ञानवापी में मिला शिवलिंग, कोर्ट ने उस स्थान को किया सील, CRPF ने लिया सुरक्षा घेरे में

वाराणसी: ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी प्रकरण में कमीशन की कार्यवाही के दौरान सोमवार को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर वजू के लिए बनाए गए तालाब में शिवलिंग मिलने का दावा चर्चा में आया. इस सूचना के बाद अब मुस्लिम पक्ष इस मामले में खुल कर बोल रहा है.

आज दोपहर में मुस्लिम पक्ष के वकीलों ने इस प्रकरण में कुछ भी बोलने से इनकार किया था. वकीलों ने इस मामले में मिले सबूतों को कोर्ट में पेश किए जाने की बात कही थी. लेकिन शाम के समय दिल्ली में बैठे एक समाजसेवी और वकील मोहम्मद असद हयात के सोशल मीडिया अकाउंट से एक पोस्ट की गई. इस पोस्ट में शिवलिंग मिलने से जुड़े कुछ पुराने दस्तावेज और उस फव्वारे की फोटो के साथ पुराना वीडियो शेयर किया गया.

जुमन इंतजा मियां मसाजिद कमेटी के वकील तौहीद खान

सोशल मीडिया पर की गई यह पोस्ट तेजी से वायरल हुई. इस पोस्ट के संबंध में जब अंजुमन इंतजा मियां मसाजिद कमेटी के वकील तौहीद खान और सेक्रेटरी यासीन से बात की गई, तो उन्होंने सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट को सही बताया. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट बिल्कुल सही है और अंजुमन इंतजामियां यह स्पष्ट करता है कि 'जिसे हिंदू पक्ष की तरफ से शिवलिंग बताया जा रहा है, वह शिवलिंग नहीं बल्कि टूटे हुए फव्वारे का हिस्सा है.'

जुमन इंतजा मियां मसाजिद कमेटी के वकील तौहीद खान

अंजुमन इंतजामियां मसाजिद कमेटी के सेक्रेटरी यासीन का कहना है कि जिसे शिवलिंग कहा जा रहा है वह फव्वारे का हिस्सा है, ना कि शिवलिंग. यह काफी पहले छतिग्रस्त हुआ था. यासीन ने कहा कि मामले को स्पष्ट करने के लिए इसकी वैज्ञानिक जांच करवाना जरूरी है.

गौरतलब है कि 17 मई को सुप्रीम कोर्ट में ज्ञानवापी प्रकरण की सुनवाई होनी है. फैसला क्या आएगा, यह तो बाद की बात है. लेकिन आज कमीशन की कार्यवाही के बाद अचानक से शिवलिंग मिलने की सूचना के बाद उस तालाब को सील कर दिया गया है. जिस स्थान पर शिवलिंग मिलने की बात कही गई थी. उस स्थान पर सीआरपीएफ की तैनाती की गई है.

अब कल इस मामले में 4 दिन तक वीडियोग्राफी की कार्यवाही हुई है. वीडियोग्राफी में लगभग 16 घंटे से ज्यादा की रिकॉर्डिंग है. इस रिकार्डिंग को कुल 16 मेमोरी कार्ड में सहेजा गया है. इन साक्ष्यों को न्यायालय के समक्ष पेश किया जाएगा.

इसे पढ़ें- ज्ञानवापी में मिला शिवलिंग, कोर्ट ने उस स्थान को किया सील, CRPF ने लिया सुरक्षा घेरे में

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