कोनसीमा : आंध्र प्रदेश में समुद्र में डूबा मछुआरा 12 घंटे के बाद जीवित बाहर निकल आया. ऐसी चौंकाने वाली घटना काकीनाडा के एक मछुआरे के साथ हुआ है. दरअसल, ये मछुआरा बुधवार को समुद्र के भीतर मछली पकड़े गया था और इस दौरान वह समुद्र में गिर गया था. उसने तैरकर नाव पकड़ने की कोशिश की, लेकिन असफल रहा. उसने बीच समुद्र में बड़ी-बड़ी लहरों से हार नहीं मानी और तैरने की कोशशि करता रहा. वह पूरे 12 घंटे तक तैरकर खुद को समुद्र के नीचे जाने से बचाता रहा और फिर दूसरे नाव के मछुआरों ने उसे बचा लिया.
जानकारी के मुताबिक, काकीनाडा का मछुआरा गेदाला अप्पाराव अकसर अन्य मछुआरों के साथ मछलीपट्टनम से नाव लेकर मछली पकड़ने समुद्र में जाते हैं. मंगलवार को भी वे मछली पकड़ने के बाद डॉ बीआर अंबेडकर के कोनासीमा जिले के सखिनेतिपल्ली मंडल में अंतरवेदी हार्बर गए थे. यहां अपनी मछुलियां बेच दीं और हमेशा की तरह वे दोपहर को फिर से मछली पकड़ने के लिए समुद्र में नाव लेकर चले गये. रात को मछुआरों ने मिलकर समुद्र में जाल डाला और अपनी नाव पर ही सभी ने खाया और सो गये थे. साथी मछुआरों का कहना है कि जब आधी रात को उनकी आंख खुली तो उन्होंने अपने नाव से अप्पाराव को गायब पाया. उन्होंने कहा, "हमें संदेह हुआ कि कहीं वह नाव से गिरकर समुद्र के नीचे गहरायी में चला गया हो, इसलिए हमने उसकी तलाशी शुरू कर दी."
समुद्र में डूबते-डूबते बचे अप्पाराव ने बताया कि वह रात को टॉयलेट के लिए नाव के किनारे आया था, लेकिन वहां पांव फिसलने से वह समुद्र में गिर पड़ा. उस वक्त रात के करीब 11 बज रहे होंगे. उन्होंने कहा, "नाव पर जहां मैं खड़ा था, वहां पकड़ने या सहारे के लिए कुछ भी नहीं था. साथ ही तेज हवा भी चल रही थी, जिससे मैं खुद को संभाल नहीं पाया और पैर फिसलकर सीधे समुद्र में जा गिरा. उसके बाद मैं खुद को पानी में संभालने की कोशिश करता रहा. समुद्र की बड़ी-बड़ी लहरों से मैं बह जा रहा था, लेकिन तैरकर मैं ऊपर ही बहता रहा. सुबह तक मैं तैरता रहा और फिर मुझे इस बीच एक छोटी नाव नजर आई. मैंने उन्हें इशारा किया और वे मेरे करीब आकर मुझे अपनी नाव पर चढ़ाया."
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बताया जा रहा है कि अप्पाराव के बचाने वाले लोग विशाखा जिले के नक्कापल्ली मंडल के राजिपेट के मछुआरे हैं. वे अंटारवेदी से शिकार करने गए थे. इस दौरान उन्हें समुद्र की लहरों से लड़ता एक शख्स दिखा और उसके करीब जाकर उसे बचाकर अपनी नाव पर चढ़ाया. उसे समुद्र के किनारे तक सुरक्षित ले आए. अप्पाराव को उपचार के लिए एंबुलेंस से सरकारी अस्पताल ले जाया गया और अप्पाराव के परिवार को इसकी खबर दे दी गई. इधर, अस्पताल में अप्पाराव को जिंदा पाकर परिवार की खुशी का ठिकाना न था. स्थानीय लोगों ने राजीपेट मछुआरों को उसकी जान बचाने के लिए धन्यवाद दिया उनकी सराहना की.