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दीप सिद्धू की लोकप्रियता का लाभ उठाने के लिए अमृतपाल ने किया था 'वारिस पंज-आब दे' का गठन

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Published : Mar 26, 2023, 9:34 PM IST

अलगाववादी अमृतपाल सिंह ने 'वारिस पंज-आब दे' इसलिए बनाया था जिससे वह दीप सिद्धू के भाई द्वारा पहले से चलाए जा रहे संगठन 'वारिस पंजाब दे’ की लोकप्रियता को का फायदा उठा सके. यह खुलासा अमृतपाल के करीबी सहयोगी गुरमीत सिंह बुक्कनवाला ने किया है. पढ़िए पूरी खबर...

Amritpal  singh
अमृतपाल सिंह

चंडीगढ़ : अलगाववादी अमृतपाल सिंह ने 'वारिस पंज-आब दे' का गठन सिर्फ इसलिए किया था ताकि वह दिवंगत अभिनेता दीप सिद्धू के भाई द्वारा पहले से चलाए जा रहे संगठन 'वारिस पंजाब दे’ की लोकप्रियता को भुना सके. अमृतपाल के खिलाफ पंजाब पुलिस की कार्रवाई के वहां से जब्त दस्तावेजों से यह जानकारी मिली है. दस्तावेज के अनुसार, 'वारिस पंजाब दे' संगठन पर काबिज होने में असफल होने के बाद खालिस्तान-समर्थक अमृतपाल ने उसके जैसे नाम वाले दूसरे संगठन ‘वारिस पंज-आब दे’ का गठन किया.

दीप सिद्धू के भाई मनदीप ने फतेहगढ़ साहिब में चार जुलाई, 2022 को संगठन का गठन किया था, जिसका उद्देश्य 'सर्व शिक्षा अभियान' को बढ़ावा देना, प्रदूषण से संबंधित मुद्दों के बारे में जागरूकता फैलाना, नशा करने वाले युवाओं को खेलों की ओर आकर्षित करना और प्राकृतिक आपदा के दौरान लोगों की मदद करना था. इसमें पदाधिकारियों की भूमिकाओं और चुनाव सहित अन्य सख्त नियम तय किए गए थे. मनदीप ने कहा कि इस संगठन का मकसद उनके दिवंगत भाई के सपने को पूरा करना था, जो पंजाब के लोगों की सेवा करना चाहते थे.

अगस्त 2022 में जब अमृतपाल विदेश से लौटा और 'वारिस पंजाब दे' के कागजात मांगे तो मनदीप ने उन्हें सौंपने से इनकार कर दिया. सिद्धू परिवार ने अमृतपाल को दीप की विचारधारा के उत्तराधिकारी के रूप में स्वीकार करने से इनकार कर दिया और कहा कि अभिनेता ने फरवरी 2022 में दुखद सड़क दुर्घटना से पहले अमृतपाल का फोन नंबर ब्लॉक कर दिया था. अचानक से 'वारिस पंज-आब दे' नामक एक नया संगठन सामने आया, जिसके साथ दीप सिद्धू का आधिकारिक फेसबुक पेज जुड़ा हुआ था. यह मोगा जिले में पंजीकृत था, इसकी शुरुआत की तारीख 15 दिसंबर, 2021 दर्शायी गई थी.

फेसबुक पेज के फॉलोअर्स की संख्या बहुत अधिक हो गई, जिससे लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई, जिन्होंने मान लिया कि दीप सिद्धू द्वारा बनाए गए संगठन को अमृतपाल ने अपने कब्जे में ले लिया है. अमृतपाल के खिलाफ जारी कार्रवाई के दौरान सामने आए कुछ दस्तावेजों से पता चलता है कि 'वारिस पंज-आब दे' की स्थापना संभावित रूप से पिछले दिनों की थी. मोगा जिले के दुनेके गांव में अमृतपाल के करीबी सहयोगी गुरमीत सिंह बुक्कनवाला के स्वामित्व वाले संगठन का पंजीकृत पता गुरु नानक फर्नीचर स्टोर था.

अमृतपाल के खिलाफ जारी कार्रवाई के दौरान गुरमीत को गिरफ्तार किया गया है और उसे असम में डिब्रूगढ़ केंद्रीय जेल में स्थानांतरित कर दिया गया है. पूछताछ के दौरान, गुरमीत ने दावा किया है कि संगठन बहुत बाद में स्थापित किया गया था और पिछली तारीख में इसे पंजीकृत करने के लिए कुछ संपर्कों का इस्तेमाल किया गया था.

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(पीटीआई-भाषा)

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