नई दिल्ली: भारी आर्थिक संकट से जूझ रहे द्वीप राष्ट्र श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe ) 21 जुलाई को नई दिल्ली का दौरा करेंगे (Sri Lankan President to Visit New Delhi). वह पीएम मोदी के निमंत्रण पर नई दिल्ली आ रहे हैं. मौजूदा जिम्मेदारियां संभालने के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा होगी.
यह यात्रा पिछले साल आर्थिक संकट से निपटने में भारत द्वारा द्वीप राष्ट्र को लगभग 4 बिलियन डॉलर दिए जाने की पृष्ठभूमि में हो रही है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से 3 बिलियन डॉलर के महत्वपूर्ण पैकेज से पहले, श्रीलंका को वित्तीय आश्वासन देने वाला भारत श्रीलंका का पहला ऋणदाता भी था.
21 जुलाई को श्रीलंकाई राष्ट्रपति की नई दिल्ली यात्रा की आधारशिला रखने के लिए हाल ही में विदेश सचिव विनय क्वात्रा श्रीलंका में थे. अपनी भारत यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति विक्रमसिंघे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेंगे और आपसी हित के कई मुद्दों पर प्रधानमंत्री और अन्य भारतीय गणमान्य व्यक्तियों के साथ चर्चा करेंगे.
यह यात्रा तब हो रही है जब दोनों देश इस वर्ष राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. पिछले हफ्ते, राष्ट्रपति विक्रमसिंघे, जो देश के वित्त मंत्री भी हैं, ने कहा था कि श्रीलंका भारतीय रुपये का इस्तेमाल अमेरिकी डॉलर के बराबर होते देखना चाहेगा.
गौरतलब है कि श्रीलंका वर्ष 2022 में गंभीर आर्थिक संकट की चपेट में आ गया था. भारत एकमात्र ऐसा देश है जो संकट से निपटने के लिए द्वीप राष्ट्र को हर संभव सहायता प्रदान करने में दृढ़ रहा. भारत ने श्रीलंका को ईंधन और आवश्यक वस्तुओं के लिए समर्पित क्रेडिट लाइनों के साथ एक आर्थिक जीवनरेखा की पेशकश की.
श्रीलंका भारत की नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी और विजन सागर में एक महत्वपूर्ण भागीदार है. यह यात्रा दोनों देशों के बीच लंबे समय से चली आ रही दोस्ती को मजबूत करेगी और सभी क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बढ़ाने और पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग के रास्ते तलाशेगी.