ETV Bharat / bharat

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान को दी जमानत

author img

By

Published : May 10, 2022, 6:40 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान को जमानत दे दी है. हालांकि अभी जेल में ही रहेंगे. आजम खान को अब तक कुल 88 मामलों में जमानत मिल चुकी है.

etv bharat
आजम खान

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खान को शत्रु संपत्ति हड़पने के मामले में अंतरिम जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने एक लाख रुपये के मुचलके व दो प्रतिभूति पर जमानत दी है. कोर्ट ने आजम खान से शत्रु संपत्ति को पैरा मिलिट्री फोर्स को सौंपने का आदेश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने दिया है.

आजम खान की तरफ से अधिवक्ता इमरानुल्लाह खान, कमरूल हसन, सफदर काजमी, राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता एम सी चतुर्वेदी, शासकीय अधिवक्ता एस के पाल अपर शासकीय अधिवक्ता पतंजलि मिश्र कोर्ट में मौजूद थे. आजम खान को 88 आपराधिक मामलों में पहले ही जमानत मिल चुकी है. हालांकि राज्य सरकार ने एक दर्जन मामलो में जमानत निरस्त करने की अर्जी दाखिल की है, जो हाईकोर्ट में विचाराधीन हैं.

88 मामलों में जमानत मिलने से पहले आजम खान के खिलाफ नई एफआईआर दर्ज की गई है थी. माना जा रहा था कि यदि इस केस में जमानत मंजूर हुई, तो वह जेल से बाहर निकल आएंगे. फिलहाल नया केस दर्ज होने के कारण आखिरी मामले में अब जमानत मिलने के बावजूद रिहाई नहीं हो सकेगी.

ये है मामला :
अजीमनगर थाने में शत्रु संपत्ति पर अवैध कब्जा कर बाउंड्री वॉल से घेरकर कब्जा करने करने का आरोप है. इसे मौलाना जौहर अली ट्रस्ट रामपुर द्वारा स्थापित विश्वविद्यालय में शामिल किया गया है. पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की है और कोर्ट ने संज्ञान भी ले लिया है. इस केस में 4 दिसंबर 2021 को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी. इसके बाद कोर्ट ने निर्णय सुरक्षित कर लिया था. 29 अप्रैल 2022 को राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में पूरक जवाबी हलफनामा दाखिल कर कुछ और नए तथ्‍य पेश किए थे.

इसके बाद अगली सुनवाई 5 मई को हुई, जिसमें कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया था. उधर सुप्रीम कोर्ट ने जमानत पर फैसला सुनाने में देरी को लेकर तल्ख टिप्पणी की है, जिस पर मंगलवार को फैसला सुनाया गया.

गौरतलब है कि आजम खान के खिलाफ वर्ष 2019 में सांसद बनने से लेकर अब तक कुल 89 मामले दर्ज हैं. इनमें से शत्रु संपत्ति केस को छोड़कर शेष सभी में उन्हें जमानत मिल चुकी है, सिर्फ एक मामला शत्रु संपत्ति का रह गया है. आजम खान के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित करने के बाद लंबे अर्से से फैसला नहीं सुनाया है.

इस पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 2 मई की तारीख मुकर्रर की थी. आजम खान के अधिवक्ता इमरानुल्लाह खान का कहना था कि विश्वविद्यालय 350 एकड़ जमीन में बना है. अधिकांश जमीन का बैनामा कराया गया है. कुछ सरकार ने पट्टे पर दिया है, 13 हेक्टेयर शत्रु संपत्ति का बताते हुए विवाद खड़ा किया गया है. जिलाधिकारी ने 18 जुलाई 2006 को विश्वविद्यालय को लीज पर विवादित जमीन दी थी.

राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता एम.सी. चतुर्वेदी व ए. जी.ए. पतंजलि मिश्र का कहना था कि आजम खां ने जबरन अपने चेंबर में बुलाकर वक्फ संपत्ति दर्ज कराया है. मसूद खा ने इबारत लिखी है, शत्रु संपत्ति हड़पने के लिए वक्फ एक्ट के सारे उपबंधो को ताक पर रख दिया गया. 1369 फसली की खतौनी से साफ है कि जमीन वक्फ बोर्ड की नहीं है, उन्होंने दस्तावेज भी पेश किया. वक्फ बोर्ड के अधिकारियों को डरा-धमकाकर इंदिरा भवन कार्यालय में दो रजिस्टर मंगाकर वक्फ संपत्ति दर्ज कराया है. आजम खान ट्रस्ट के आजीवन अध्यक्ष हैं, अपने लाभ के लिए उन्होंने सरकारी जमीन को वक्फ संपत्ति दर्ज कराया है. मुख्य आरोपी वहीं हैं, वक्फ बोर्ड की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता एस. एफ. ए. नकवी ने भी पक्ष रखा.

इसे पढ़ें- योगी कैबिनेट का फैसलाः पदक विजेता खिलाड़ी बनेंगे राजपत्रित अधिकारी और अजय मिश्रा होंगे प्रदेश सरकार के महाधिवक्ता

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.