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Tejashwi Yadav Defamation Case: तेजस्वी की बढ़ी मुश्किलें, मानहानि केस में अहमदाबाद कोर्ट में हुई पहली सुनवाई

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Published : May 1, 2023, 5:38 PM IST

Updated : May 1, 2023, 7:11 PM IST

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बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव राहुल गांधी की तरह मानहानि केस में उलझ गए हैं. गुजरातियों को कथित तौर पर ठग कहने के मामले में आज अहमदाबाद कोर्ट में पहली सुनवाई हुई. पहली सुनवाई में क्या हुआ जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर-

प्रफुल्ल आर पटेल, फरियादी के वकील

पटना/अहमदाबाद : गुजरातियों को कथित तौर पर ठग कहने के मामले में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ गईं हैं. इस मामले में दायर मानहानि के केस में आज अहमदाबाद कोर्ट में सुनवाई हुई. पहली सुनवाई के दौरान कोर्ट में शिकायतकर्ता ने अपना बयान दर्ज करवाया है. इस मामले में अब अगली तारीख 8 मई तय की गई है.

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याचिकाकर्ता ने दर्ज कराया बयान:याचिकाकर्ता की ओर से बयान में कहा गया कि ''तेजस्वी यादव ने गुजरातियों को ठग और अभद्र भाषा का प्रयोग कर राज्य की जनता का अपमान किया. तेजस्वी यादव ने जानबूझकर गुजरातियों को बदनाम करने का प्रयास किया''. कोर्ट में बयान दर्ज हो जाने के बाद अदालत फैसला करेगी कि कानून किस धारा के तहत केस को आगे बढ़ाना है. इस मामले में कोर्ट ने नई तारीख जारी कर दी है. गौरतलब है कि भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत ये शिकायत दर्ज कराई गई थी.

आज की सुनवाई में क्या हुआ? : याचिकाकर्ता हरेश मेहता ने अपना बयान कोर्ट में दर्ज करवाया है. एडीशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने हरेश मेहता के बयान को रिकॉर्ड पर लिया. हरेश मेहता के अधिवक्ता ने कोर्ट से अपील की कि इस मामले में समन जारी किया जाए. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए अगली तारीख दे दी.

8 मई को अगली सुनवाई: दरअसल, अहमदाबाद की मेट्रोपॉलिटन कोर्ट में शिकायतकर्ता ने अपना बयान दर्ज करवाया है. इस मामले में कोर्ट ने पहली सुनवाई करते हुए 8 मई की अगली तारीख दी है. आपको बता दें कि 22 मार्च 2023 को में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने गुजरातियों को ठग बताया था. तब उन्होंने कहा था कि 'आज के हालात को देखा जाए तो सिर्फ गुजराती ही ठग हो सकते हैं'. उनके इसी बयान को कोर्ट में चैलेंज किया गया है.

"हमने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा है कि अगर कोई इस तरह की अभद्र भाषा का इस्तेमाल करता है तो कोर्ट को इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए. संविधान के प्रावधान 14 के अनुसार देश में किसी भी व्यक्ति का समान अधिकार है. इसलिए यदि अभियुक्त कोई बड़ा अधिकारी है तो इस पर विचार नहीं किया जाना चाहिए और न्यायालय को आदेश देना चाहिए."- प्रफुल्ल आर पटेल, फरियादी के वकील

Last Updated :May 1, 2023, 7:11 PM IST
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