ETV Bharat / bharat

एजी ने लिखा SC को पत्र, कहा-न्याय में दखल देने का अनुचित प्रयास कर रहा महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड

author img

By

Published : Aug 2, 2022, 7:50 PM IST

महाराष्ट्र राज्य वक्फ बोर्ड के अंतिम समय में पक्षकार वकील को हटाने को लेकर अटॉर्नी जनरल (एजी) केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को पत्र लिखा है. एजी ने अनियमितता का आरोप लगाते हुए कहा कि यह न्याय में दखल देने का अनुचित प्रयास है.

KK Venugopal
केके वेणुगोपाल

नई दिल्ली : अटॉर्नी जनरल (एजी) केके वेणुगोपाल (KK Venugopal) ने महाराष्ट्र राज्य वक्फ बोर्ड से संबंधित एक मामले में एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड (एओआर) को हटाने के बारे में सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार को पत्र लिखा है. भारत के अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि मुसलमानों द्वारा स्थापित धर्मार्थ ट्रस्टों के मामले में कुछ अनियमितताएं हो रही हैं. महाराष्ट्र राज्य वक्फ बोर्ड ने उनके सहित कई अधिवक्ताओं को हटाया है.

पत्र में कहा गया है, 'इस मामले को अंजाम देने के पीछे जो भी लोग हैं, उन्होंने कुछ चौंकाने वाले कदम उठाए हैं.' एजी ने कहा है कि एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड और विशेष वकील जावेद शेख 2011 से उनकी सहायता कर रहे थे. उनकी वक्फ कानून पर अच्छी पकड़ थी, जिन्हें हटा दिया गया है. वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायण (Sr Adv Gopal Sankarnaryana) ने भी मामले से नाम वापस ले लिया है.

पत्र में कहा गया है कि 'आखिर ऐसा व्यक्ति जिसे निशाना बनाया गया है, वह भारत का महान्यायवादी है. वकीलों को अंतिम समय में हटाए जाना न्याय के प्रशासन में दखल देने का अनुचित प्रयास है.यह स्पष्ट रूप से अदालत की अवमानना ​​है.'

इस मुद्दे को भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने आज ही उठाया, जहां उन्होंने वक्फ बोर्ड को यह कहते हुए फटकार लगाई कि 'यह वह तरीका नहीं है जैसा आप एजी के साथ व्यवहार करते हैं.' 19 अगस्त को इस मामले को फिर से उठाया जाएगा. यह मामला महाराष्ट्र राज्य वक्फ बोर्ड द्वारा दायर याचिकाओं से संबंधित है जिसमें शीर्ष अदालत को यह तय करना होता है कि क्या कोई धर्मार्थ ट्रस्ट वक्फ संपत्ति बन जाता है क्योंकि यह एक मुस्लिम पार्टी द्वारा स्थापित किया गया है.

पढ़ें- अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल ने राजद्रोह कानून खत्म नहीं करने का किया समर्थन

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.