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उपचुनाव में हार के बाद भाजपा पस्त, पीएम मोदी से सीएम जयराम को 'चमत्कार' की उम्मीद?

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Published : Nov 13, 2021, 9:06 PM IST

हिमाचल सरकार (Himachal Government) का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट इन्वेस्टर्स मीट (Investors Meet) एक बार फिर चर्चा में है. सरकार के चार साल पूरा होने के अवसर पर इन्वेस्टर्स मीट की सेकंड ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (second ground breaking ceremony) प्रस्तावित है, लेकिन उपचुनाव में हार के बाद जयराम पर काफी दबाव बढ़ गया है. मुख्यमंत्री अच्छी तरह जानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) का हिमाचल के प्रति लगाव चुनावी बाजी पलट सकता है.

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शिमला : हिमाचल सरकार (Himachal Government) का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट इन्वेस्टर्स मीट(Investors Meet) एक बार फिर चर्चा में है. सरकार के चार साल पूरा होने के अवसर पर इन्वेस्टर्स मीट की सेकंड ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (second ground breaking ceremony) प्रस्तावित है. उपचुनाव में हार के बाद जयराम सरकार को मिशन रिपीट के लिए एक बार फिर पीएम नरेंद्र मोदी की छवि का सहारा लेना पड़ रहा है.

यही कारण है कि दिसंबर महीने में 15000 करोड़ के निवेश को लेकर ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को बुलाने के प्रयास हो रहे हैं. यहां बता दें कि इन्वेस्टर्स मीट की शुरुआत धर्मशाला (Dharamshala) से हुई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसमें शामिल होकर उसे अपना कार्यक्रम बताया था.करीब 13 हजार करोड़ के निवेश से जुड़े 236 प्रोजेक्ट की पहली ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी शिमला में हुई थी और अमित शाह(Amit Shah) उसमें मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे.अब परिस्थितियां बदल गई हिमाचल में अगले साल विधानसभा चुनाव होना और और मिशन रिपीट के लिए जयराम सरकार को खूब पसीना बहाना पड़ेगा. उपचुनाव में हार के बाद मनोवैज्ञानिक रूप से भाजपा पस्त है. वहीं, हाईकमान हर हाल में 15 साल तक लगातार हिमाचल में भाजपा की सरकार चाहता है. ऐसे में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर मिशन रिपीट के लिए दबाव बढ़ गया है. हिमाचल सरकार इन्वेस्टर्स मीट की ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी को सफल बनाकर उसे रोजगार से जोड़ना चाहती है.

इन्वेस्टर्स मीट की सेकंड ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी की तैयारी.

दो परियोजनाओं में 2395 करोड़ का निवेश हुआ था

इन्वेस्टर्स मीट के दौरान 96000 करोड़ के एमओयू साइन हुए थे. उसके बाद दिसंबर 2019 में सरकार ने पहला ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह आयोजित किया. उसमें 13 हजार 656 करोड़ रुपए की परियोजनाओं पर काम शुरू हुआ था. उस दौरान 236 से अधिक परियोजनाओं पर काम शुरू किया गया था. उसमें से अकेले उद्योग जगत की 112 परियोजनाओं में 3157 करोड़ और पर्यटन सेक्टर की 81 परियोजनाओं में 3322 करोड़ रुपए का निवेश आया था. अकेले ऊर्जा क्षेत्र में एसजेवीएनएल(SJVNL) की केवल दो परियोजनाओं में ही 2395 करोड़ का निवेश हुआ था.

अब दूसरी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में 15 हजार करोड़ रुपए के निवेश का लक्ष्य रखा गया है. सरकार इस समारोह के जरिए आगामी विधानसभा चुनाव के लिए नींव को मजबूत करना चाह रही है. उपचुनाव में हार के बाद बेशक हिमाचल भाजपा में चेहरे बदलने की चर्चा चल रही है, लेकिन हाईकमान की तरफ से अभी ऐसे कोई संकेत नहीं मिले कि आने वाले समय में सरकार में कोई परिवर्तन होगा.

ढीली कार्यप्रणाली पर पर सीएम ने नाराजगी जताई

हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक के दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने कैबिनेट सहयोगियों को मजबूत होकर विकास परियोजनाओं को पूरा करने के लिए कहा. साथ ही अफसरों की बैठक में भी उन्होंने लंबित कार्यों को लेकर ढीली कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताई. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर मिशन रिपीट को हकीकत बनाकर अपने सिर पर सेहरा बांधना चाहते हैं. मुख्यमंत्री अच्छी तरह जानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हिमाचल के प्रति लगाव चुनावी बाजी को उनके पक्ष में कर सकता है.

यदि प्रधानमंत्री ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में आते हैं तो सरकार और संगठन को उनकी छवि का सहारा मिलेगा. वहीं, राज्य सरकार ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के निवेश के जरिए पैदा होने वाले रोजगार को भी अपने पक्ष में भुनाएगी. हिमाचल सरकार का उद्योग विभाग इस समय दूसरी सेरेमनी की तैयारियों में जुटा है. यह लगभग तय माना जा रहा कि सेरेमनी धर्मशाला में आयोजित होगी. इसके कई राजनीतिक संकेत हैं. उस दौरान सरकार के चार साल भी पूरे होंगे और विधानसभा का शीतकालीन सत्र (winter session) भी तय हो गया है.

कांगड़ा के राजनीतिक किले को मजबूत करना जरूरी

सरकार इस आयोजन के जरिए कांगड़ा के राजनीतिक किले को भी मजबूत करना चाहती है. मौजूदा समय में पहली ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी की सभी परियोजनाओं पर काम चल रहा है. इन्वेस्टर्स मीट में हुए एमओयू के मुताबिक जितनी परियोजनाएं शुरू होनी, उनसे अनुमानित 1.70 लाख युवाओं को रोजगार मिलेगा. उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह (Industries Minister Bikram Singh) के अनुसार केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के सहयोग से चार साल के दौरान उद्योग क्षेत्र को हिमाचल में काफी बढ़ावा मिला है.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इन्वेस्टर्स मीट में शामिल होकर उद्योगपतियों से निवेश का आग्रह किया था और कहा था कि इस आयोजन के वह मेहमान नहीं, बल्कि मेजबान हैं. प्रधानमंत्री के इस संबोधन के बाद देश के बड़े औद्योगिक घरानों ने निवेश में रुचि दिखाई. हिमाचल सरकार ने भी उद्योगों को इंडस्ट्रियल फ्रेंडली एनवायरमेंट (industrial friendly environment) दिया.

पीएम के आने से होगा उत्साह का माहौल

वहीं, हिमाचल भाजपा के अध्यक्ष सुरेश कश्यप (Himachal BJP President Suresh Kashyap) का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिमाचल को अपना दूसरा घर कहते हैं. विगत में वह हिमाचल भाजपा के प्रभारी भी रहे हैं. पीएम नरेंद्र मोदी इस जटिल पहाड़ी प्रदेश की विकास संबंधी दिक्कतों को अच्छी तरह से जानते हैं. दूसरी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने से पार्टी कार्यकर्ताओं में भी उत्साह का माहौल होगा.

उन्होंने स्वीकार किया कि प्रधानमंत्री मोदी की छवि के सहारे चुनाव लड़ने में भला क्या हर्ज हो सकता है. वह देश के प्रधानमंत्री हैं और सभी राज्यों में भाजपा के लिए चुनाव प्रचार में सक्रिय रहते हैं. फिर हिमाचल से तो उनका लगाव जगजाहिर है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के अनुसार दिसंबर महीने में दिल्ली दौरे के दौरान प्रधानमंत्री से मुलाकात कर उन्हें ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी की तैयारियों की जानकारी दी जाएगी. साथ ही उनसे समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने का आग्रह किया जाएगा. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का आशीष सरकार व संगठन को लगातार मिलता आया. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार उद्योगों के जरिए रोजगार उपलब्ध करवाने का संकल्प लेकर आगे बढ़ी और इन्वेस्टर्स मीट इसी सोच का परिचायक है.

वरिष्ठ मीडिया कर्मी धनंजय शर्मा के अनुसार हिमाचल भाजपा को चुनाव में पीएम मोदी की छवि का सहारा लेना ही पड़ेगा. मिशन रिपीट का सपना पूरा करने के लिए पीएम मोदी की छवि हिमाचल भाजपा के लिए जरूरी फैक्टर है. विगत में भी देखा गया है कि नरेंद्र मोदी के हिमाचल में चुनावी रैलियों में आने पर इलेक्शन में भाजपा के पक्ष में माहौल बना है. वैसे भी सरकार पीएम मोदी के नाम का उपयोग अलग-अलग अवसरों पर करती आई. देखना है कि इन्वेस्टर्स मीट की दूसरी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी हिमाचल भाजपा को सत्ता के फाइनल में कोई लाभ पहुंचा पाती है या नहीं.

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