ETV Bharat / bharat

रामपुर तिराहा कांड : 29 साल बाद कड़ी सुरक्षा के बीच रेप पीड़िता के बयान दर्ज, सीबीआई लेकर पहुंची कोर्ट

author img

By

Published : Jul 25, 2023, 10:58 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 11:03 PM IST

Etv Bharat
Etv Bharat

मुजफ्फरनगर में चर्चित रामपुर तिराहा कांड (Rampur Tiraha scandal) की रेप पीड़िता ने 29 साल बाद कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराया है. कोर्ट के निर्देश पर सीबीआई ने कड़ी पुलिस सुरक्षा में पीड़िता को श्रीनगर से लाकर गवाही के लिए पेश किया.

मुजफ्फरनगर: चर्चित रामपुर तिराहा कांड की रेप पीड़िता ने मंगलवार को कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट पहुंचकर बयान दर्ज कराया. घटना के लगभग 29 साल बाद पहली बार पीड़िता ने कोर्ट में पेश होकर अभियोजन के आरोपों का समर्थन करते हुए बयान दर्ज कराया. कोर्ट के निर्देश पर सीबीआई ने कड़ी सुरक्षा में पीड़िता को उत्तराखंड के श्रीनगर से लाकर पेश किया. इस दौरान कोर्ट परिसर में भारी पुलिस फोर्स तैनाती रही.

बता दें कि साल 1994 में पृथक उत्तराखंड गठित करने की मांग को लेकर पहाड़ों में आंदोलन चरम पर था. इस मांग को लेकर उत्तराखंड वासियों ने देहरादून से होते हुए दिल्ली के लिए कूच किया था. दिल्ली के लिए बसों और गाड़ियों में सवार होकर उस समय निकले सैकड़ों उत्तराखंडवासी महिला और पुरुषों को मुजफ्फरनगर में छपार थाना क्षेत्र के रामपुर तिराहा पर रोक लिया गया था.

दो अक्टूबर 1994 को आंदोलन उग्र होने पर रामपुर तिराहा पर बहुत बड़ा हंगामा हो गया था. इस मामले में आरोप था कि, पुलिस ने दिल्ली जाने के लिए निकले उत्तराखंडवासियों पर रामपुर तिराहा क्षेत्र में गोली चला दी थी. जिसमें सात लोगों की जान भी चली गई थी. इसमें काफी लोग घायल भी हो गए थे. महिलाओं से रेप के भी आरोप लगाए गए थे.

उत्तराखंड आंदोलन समिति की गुहार पर हाईकोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई से कराई थी. इस कांड में 24 से अधिक पुलिसवालों पर रेप, डकैती, महिलाओं के साथ छेड़छाड़ जैसे मामले दर्ज हुए. साथ ही सीबीआई के पास सैकड़ों शिकायतें दर्ज हुईं. इसमें सीबीआई ने मामले की जांच कर तत्कालीन एसपी सरदार आरपी सिंह और डीएम अनंत कुमार सिंह सहित कई अन्य पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी. इसके बाद साल 2003 में फायरिंग के मामले में तत्कालीन डीएम को भी नामजद किया गया.

इसे भी पढ़े-ज्ञानवापी को लेकर श्रीराम जन्मभूमि आन्दोलन की तर्ज पर विहिप चलाएगा जनजागृति आन्दोलन

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एक पुलिसकर्मी को सात साल जबकि दो अन्य पुलिकर्मियों को दो-दो साल की सजा सुनाई. वहीं, 2007 में तत्कालीन एसपी को भी सीबीआई कोर्ट ने बरी कर दिया. फिर मामला लंबित रहा. रामपुर तिराहा कांड को लंबा वक्त बीत गया. राजनीतिक तौर पर पार्टियां एक दूसरे दलों पर आरोप लगाती रही. हालांकि, रामपुर तिराहा कांड और दो अक्टूबर का दिन उत्तराखंड की मांग करने वाले राज्य आंदोलनकारियों के लिए काला अध्याय साबित हुआ था.

आज 25 जुलाई को सुनवाई के दौरान सीबीआई की तरफ से न्यायालय में रेप पीड़िता को श्रीनगर से भारी पुलिस सुरक्षा में लाकर गवाही के लिए पेश किया गया. पीड़िता ने कोर्ट को बताया कि गवाही देने में उसकी जान को खतरा है. इसी के मद्देनजर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शक्ति सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए न्यायालय में सीबीआई के अधिवक्ता धारा सिंह मीणा, डीजीसी राजीव शर्मा और एडीजीसी परविंदर सिंह के अतिरिक्त अन्य का प्रवेश निषेध कर दिया. फिर इसके बाद पीड़िता के बयान दर्ज किए गए.

यह भी पढ़े-यूपी के कई बड़े शहरों पर मंडरा रहा भयंकर बाढ़ का खतरा, विशेषज्ञों से जानिए कारण

Last Updated :Jul 25, 2023, 11:03 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.