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Aditya-L1 Project: आदित्य-एल1 परियोजना निदेशक निगार शाजी बोलीं, शुक्र और मंगल का अध्ययन जारी रहेगा

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 22, 2023, 5:38 PM IST

आदित्य-एल1 के प्रोजेक्ट डायरेक्टर निगार शाजी ने शनिवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि शुक्र और मंगल जैसे ग्रहों का अध्ययन जारी रहेगा. वह तमिलनाडु के त्रिची में तकनीकी महिला विशेष पुरस्कार और इंटरनेट उद्यमिता कौशल प्रशिक्षण उद्घाटन समारोह के उद्घाटन कार्यक्रम में बोल रहीं थीं.

Aditya-L1 Project Director Nigar Shaji
आदित्य-एल1 परियोजना निदेशक निगार शाजी

त्रिची (तमिलनाडु): आदित्य-एल1 के प्रोजेक्ट डायरेक्टर निगार शाजी ने शनिवार को कहा कि शुक्र और मंगल जैसे ग्रहों की जानकारी इकट्ठा करना जारी रहेगा. उन्होंने तमिलनाडु के त्रिची जिले में तकनीकी महिला विशेष पुरस्कार और इंटरनेट उद्यमिता कौशल प्रशिक्षण उद्घाटन समारोह में भाग लिया. इस कार्यक्रम में, 30 हरित और जलवायु परिवर्तन-उन्मुख महिला सूक्ष्म उद्यमों का चयन किया गया और उन्हें सम्मानित किया गया.

प्रबंधन और उद्यमिता के क्षेत्र में विशेषज्ञता वाले इन 30 उद्यमियों को 3 न्यायाधीशों द्वारा चुना गया था. इस कार्यक्रम में TREC-STEP (तिरुचिरापल्ली क्षेत्रीय इंजीनियरिंग कॉलेज विज्ञान और प्रौद्योगिकी उद्यमी पार्क) कौशल प्रशिक्षण केंद्र के प्रबंध निदेशक आरएमपी जावकर, तमिलनाडु फाउंडेशन के अध्यक्ष राजा रथिनम, सहायक महाप्रबंधक बिंदु बालाकृष्णन और कई महिलाएं शामिल हुईं.

आदित्य एल1 कार्यक्रम निदेशक ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि टगगनयान परियोजना मानव को अंतरिक्ष में भेजने के प्रयोग का हिस्सा है. रॉकेट पर रहते हुए अंतरिक्ष में कुछ गलत होने पर कैसे बचकर सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर लौटना है, इस पर प्रयोग किए गए. साथ ही इस संबंध में परीक्षण के भी कई चरण होंगे. दो इंसानों के वजन के बराबर के यंत्र का परीक्षण करने के बाद एक रॉकेट लॉन्च किया जा सकता है.'

उन्होंने कहा कि 'इसके बाद ही इंसानों को अंतरिक्ष में भेजा जा सकता है. अगला कदम चंद्रमा से नमूने लाना और अनुसंधान केंद्र में उनका परीक्षण करना है.' उन्होंने कहा कि 'इसके अलावा, निगार शाजी आदित्य एल1 के बारे में और अध्ययन करेंगी कि सूर्य कैसे काम करता है, सूर्य में विभिन्न घटनाएं घटती हैं. विशेषकर 11 वर्ष में एक बार सूर्य आक्रामक क्यों हो जाता है, इसके बारे में भी अध्ययन किया जाएगा.'

उन्होंने कहा कि 'इसका असर अंतरिक्ष में मौजूद उपग्रहों पर पड़ेगा. तो, आदित्य एल-1 सूर्य का अध्ययन करने और उसकी रक्षा करने में मदद करेगा. साथ ही, उन्हें उम्मीद है कि जनवरी के पहले हफ्ते में आदित्य एल-1 की जीत का पता चल जाएगा. उन्होंने कहा, 'न केवल सूर्य, बल्कि शुक्र और मंगल जैसे ग्रहों का भी अध्ययन जारी रहेगा.'

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