बेंगलुरुः कर्नाटक हाईकोर्ट ने केंद्रीय चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि वह आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा देने के लिए 13 अप्रैल तक दायर अपील पर विचार करे. न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कर्नाटक के आम आदमी पार्टी के राज्य सचिव दर्शन जैन द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की. हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि आप द्वारा 19 दिसंबर, 2022 को दायर अपील पर विचार करके एक उचित निर्णय लिया जाना चाहिए, जिसमें आप को राष्ट्रीय का दर्जा देने की मांग की गई थी.
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता के. दिवाकर ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में अच्छे वोट पाकर राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल चुकी है, लेकिन चुनाव आयोग से इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई. राष्ट्रीय दर्जा की मांग के लिए 19 दिसंबर, 2022 को पार्टी ने आयोग से अनुरोध किया था. उसके बाद चुनाव आयोग ने इस पर विचार ही नहीं किया और 15 मार्च, 2023 को दोबारा अनुरोध करने के बावजूद उन्होंने राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा नहीं दिया. अब जब कर्नाटक में चुनाव की अधिसूचना जारी हो चुकी है. ऐसे में उन्हें राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिए जाने की घोषणा करनी चाहिए.
इसके बाद हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग के वकील से पूछा कि इस संबंध में की गई अपील पर विचार क्यों नहीं किया गया? क्या चुनाव आयोग एक स्वतंत्र संस्था नहीं है? चुनाव आयोग की ओर से पैरवी करने वाले अधिवक्ता शरथ डोड्डावाड़ा ने कहा कि 'आप' द्वारा दायर याचिका पर आयोग द्वारा जांच की जा रही है. उन्होंने पीठ को समझाया कि आयोग एक सप्ताह के भीतर मामले की समीक्षा करेगा और उचित निर्णय लेगा. दलीलें सुनने के बाद पीठ ने आयोग को 13 अप्रैल के भीतर अपील पर विचार करने का निर्देश दिया.
आम आदमी पार्टी की याचिका में मांगः आम आदमी पार्टी ने याचिका में कहा है कि किसी भी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मान्यता या दर्जा पाने के लिए चार राज्यों में कम से कम 6% वोट मिलना चाहिए. आम आदमी पार्टी दिल्ली, पंजाब, गोवा और गुजरात में एक राजकीय पार्टी बनकर उभरी है. इसने राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए सभी शर्तों को पूरा किया है. हालांकि, चुनाव आयोग राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा देने में देरी कर रहा है. इसलिए इस संबंध में नोटिस दिया जाना चाहिए.