नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि वर्ष 2019 से 2021 के दौरान चीन के 81 नागरिकों को वीजा संबंधी शर्तों का उल्लंघन करने के कारण भारत छोड़ने का नोटिस दिया गया तथा इसी अवधि में 117 अन्य लोगों को देश से बाहर भेजा गया. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि वीजा संबंधी शर्तों का उल्लंघन करने और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों के चलते 726 चीनी नागरिकों को प्रतिकूल सूची में रखा गया. राय ने कहा कि वर्ष 2019 से 2021 के दौरान चीन के 81 नागरिकों को वीजा संबंधी शर्तों का उल्लंघन करने के कारण भारत छोड़ने के नोटिस दिए गए तथा इसी अवधि में 117 अन्य लोगों को देश से बाहर भेजा गया.
चीन की तीन मोबाइल कंपनियों को कर चोरी का नोटिस
वहीं, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि सरकार चीन की तीन मोबाइल फोन कंपनियों द्वारा कथित कर चोरी मामलों की जांच कर रही है और उन्हें इस संबंध में नोटिस जारी किए गए हैं. सीतारमण ने प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों का जवाब देते हुए कहा कि तीन चीनी कंपनियां ओप्पो, वीवो इंडिया और शाओमी को नोटिस जारी किए गए हैं.
उन्होंने कहा कि राजस्व आसूचना विभाग (डीआरआई) ने मोबाइल फोन कंपनी ओप्पो को कुल 4,389 करोड़ रुपये के सीमा शुल्क के लिए नोटिस जारी किया है. उन्होंने कहा कि एक अनुमान के अनुसार कर अपवंचना लगभग 2,981 करोड़ रुपये की है. वित्त मंत्री ने कहा, सीमा शुल्क के भुगतान के लिए आयातित उत्पादों के कम मूल्यांकन से हमें लगता है कि 1,408 करोड़ रुपये की कर चोरी है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘वे स्वेच्छा से, 450 करोड़ रुपये जमा करने आगे आए हैं, जो 4,389 करोड़ रुपये की मांग की तुलना में काफी कम है.
उन्होंने अन्य कंपनियों का जिक्र करते हुए कहा कि शाओमी एक अन्य मोबाइल फोन कंपनी है जो ‘असेंबल’ किए गए एमआई मोबाइल फोन से संबंधित है. मंत्री ने कहा, 'उन्हें तीन कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं और उनपर करीब 653 करोड़ रुपये की सीमा शुल्क देनदारी है. उन्हें जारी तीन कारण बताओ नोटिस पर केवल 46 लाख रुपये जमा किए गए हैं.'
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सीतारमण ने कहा कि तीसरी कंपनी वीवो इंडिया है, जिसके लिए 2,217 करोड़ रुपये का 'डिमांड नोटिस' जारी किया गया है और उन्होंने 60 करोड़ रुपये स्वैच्छिक रूप से जमा किए हैं. उन्होंने कहा कि इनके अलावा, प्रवतन निदेशालय (ईडी) की नजर उन 18 कंपनियों पर भी है जो एक ही समूह वीवो द्वारा स्थापित की गई थीं. उन्होंने कहा कि कुल 1.25 लाख करोड़ रुपये की बिक्री में से, मूल कंपनी वीवो ने इन 18 कंपनियों के माध्यम से बड़ी मात्रा में धन हस्तांतरित किया.