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ट्राई की 'DND' सूची में होने के बावजूद 74% लोगों को मिल रहे कॉमर्शियल मोबाइल SMS: सर्वे

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Published : Jul 11, 2021, 10:48 PM IST

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कॉमर्शियल मोबाइल SMS

इस अध्ययन में देश के 324 जिलों के 35,000 लोग शामिल थे. इसमें पता चला है कि 74 प्रतिशत लोगों को हर दिन चार या उससे ज्यादा अनचाहे एसएमएस मिलते रहे हैं.

नई दिल्ली: देश में मोबाइल इस्तेमाल करने वाले लोगों को मिलने वाले अनचाहे संदेशों को लेकर ऑनलाइन मंच 'लोकलसर्कल्स' (LocalCircles) द्वारा एक अध्ययन जारी किया गया है. जिसमें करीब 74 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि नियामक संस्था ट्राई की 'डो नॉट डिस्टर्ब' सूची में होने के बावजूद उन्हें अनचाहे कॉमर्शियल एसएमएस मिल रहे हैं.

सर्वे के मुताबिक, 26 प्रतिशत लोगों ने कहा कि करीब 25 प्रतिशत अनचाहे एसएमएस मोबाइल सेवा प्रदाताओं द्वारा भेजे जाते हैं जबकि बैंकिंग, बीमा, रियल इस्टेट, स्थानीय सेवाएं और पैसे कमाने की पेशकश स्पैम एसएमएस में मुख्य योगदान देते हैं. 'डो नॉट डिस्टर्ब' सूची का मतलब परेशान करने वाले कॉल या मैसेज से उपयोगकर्ताओं को बचाना है.

इस अध्ययन में देश के 324 जिलों के 35,000 लोग शामिल थे. इसमें पता चला है कि 74 प्रतिशत लोगों को हर दिन चार या उससे ज्यादा अनचाहे एसएमएस मिलते रहे हैं. वहीं, इससे पहले हाल में दूरसंचार विभाग ने परेशान करने वाले कॉलर पर जुर्माने के नियमों को और सख्त कर दिया है.

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विभाग ने दूरसंचार संसाधनों या सेवाओं का इस्तेमाल कर धोखाधड़ी करने के मामलों में विधि प्रवर्तन एजेंसियों, वित्तीय संस्थानों और अन्य सरकारी एजेंसियों के साथ समन्वय के लिए दो खास इकाइयों का गठन किया. इनमें डिजिटल इंटेलीजेंस यूनिट (डीआईयू) और टेलीकॉम एनलिटिक्स फोर फ्रॉड मैनेजमेंट एंड कंज्यूमर प्रोटेक्शन (टीएएफसीओपी) शामिल हैं.

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) परेशान करने वाले कॉल से जुड़े नियमों का प्रबंधन करता है. इसमें परेशान करने वाले कॉलर पर 1,000 रुपए से 10,000 रुपए प्रति उल्लंघन के जुर्माने की सीमा का प्रावधान किया गया है.

(पीटीआई-भाषा)

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