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UN Report : तरक्की का अमृतकाल ! पानी-बिजली-घर से वंचित लोगों की संख्या हुई कम

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Published : Jul 11, 2023, 4:29 PM IST

Updated : Jul 12, 2023, 10:14 AM IST

भारत और दुनिया के 25 देशों ने पिछले 15 साल में अपने वैश्विक गरीबी सूचकांक- MPI मूल्य को आधा किया है. OPHI द्वारा जारी MPI के आंकड़ों से पता चलता है कि सबसे अधिक आबादी वाले देश भारत ने गरीबी उन्मूलन के मोर्चे पर अच्छा प्रदर्शन किया है.

UN report on poverty says 415 million indian people coming out of poverty in 15 years
भारत में गरीबी

संयुक्त राष्ट्र : भारत में 2005-06 से 2019-2021 के दौरान सिर्फ 15 साल में 41.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में मंगलवार को यह जानकारी दी गई है. संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम- UNDP और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में ऑक्सफोर्ड गरीबी और मानव विकास पहल- OPHI द्वारा जारी वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक- MPI के ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाले देश (भारत) ने गरीबी उन्मूलन के मोर्चे पर काफी अच्छा प्रदर्शन किया है.

इसमें कहा गया है कि भारत सहित दुनिया के 25 देशों ने पिछले 15 साल में सफलता के साथ अपने वैश्विक एमपीआई मूल्य को आधा किया है. इससे इन देशों में हुई प्रगति का पता चलता है. इन देशों में कंबोडिया, चीन, कांगो, होंडुरास, भारत, इंडोनेशिया, मोरक्को, सर्बिया और वियतनाम शामिल हैं. संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक, भारत ने अप्रैल में 142.86 करोड़ लोगों के साथ जनसंख्या के मामले में चीन को पीछे छोड़ दिया है. अब भारत दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला देश है.

UN report on poverty says 415 million indian people coming out of poverty in 15 years
विश्व जनसंख्या दिवस

महामारी के दौरान के व्यापक आंकड़ों की कमी
रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘विशेष रूप से भारत ने गरीबी उन्मूलन के मोर्चे पर काफी अच्छा प्रदर्शन किया है. सिर्फ 15 साल में 41.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं.’’ रिपोर्ट कहती है कि गरीबी में कमी लाना संभव है. कोविड-19 के महामारी के दौरान के व्यापक आंकड़ों की कमी की वजह से तात्कालिक संभावनाओं का आकलन करना थोड़ा मुश्किल है. भारत में 2005-06 से 2019-21 तक 41.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं. 2005-06 में भारत में लगभग 64.5 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी में थे. 2015-16 में यह संख्या घटकर लगभग 37 करोड़ पर और 2019-21 में 23 करोड़ पर आ गई.

कई मानकों में सुधार
रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में पोषण के संकेतक के आधार पर बहुआयामी गरीबी और वंचित लोगों की संख्या 2005-06 के 44.3 प्रतिशत से घटकर 2019-21 में 11.8 प्रतिशत पर आ गई. बाल मृत्यु दर भी इस दौरान 4.5 प्रतिशत से घटकर 1.5 प्रतिशत रह गई. रिपोर्ट के अनुसार, जो लोग गरीब हैं और खाना पकाने के ईंधन से वंचित हैं, उनकी संख्या 52.9 प्रतिशत से घटकर 13.9 प्रतिशत रह गई है. वहीं स्वच्छता से वंचित लोग 2005-06 के 50.4 प्रतिशत से घटकर 2019-21 में 11.3 प्रतिशत रह गए हैं.

पीने के साफ पानी यानी पेयजल के मानक पर देखें, तो इस अवधि में ऐसे लोगों की संख्या 16.4 प्रतिशत से घटकर 2.7 प्रतिशत रह गई. वहीं बिजली से वंचित लोगों की संख्या इस दौरान 29 प्रतिशत से घटकर 2.1 प्रतिशत पर आ गई. आवास से वंचित लोगों का आंकड़ा भी 44.9 प्रतिशत से घटकर 13.6 प्रतिशत रह गया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत उन 19 देशों में शामिल है जिन्होंने एक अवधि में अपने एमपीआई को आधा किया है. भारत के लिए यह अवधि 2005-06 से 2005-16 रही है. वर्ष 2023 की रिपोर्ट में कहा गया है कि 110 देशों में 6.1 अरब लोगों में से 1.1 अरब काफी गरीबी में रह रहे हैं. उप-सहारा अफ्रीका में ऐसे लोगों की संख्या 53.4 करोड़ और दक्षिण एशिया में 38.9 करोड़ है.

(भाषा)

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Last Updated : Jul 12, 2023, 10:14 AM IST
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