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1993 मुंबई बम धमाके: न्यायालय ने कहा, सजा पूरी होने पर सलेम को छोड़ने के लिये केंद्र बाध्य

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Published : Jul 11, 2022, 1:06 PM IST

Updated : Jul 11, 2022, 3:12 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 1993 के मुंबई बम धमाकों के मामले में गैंगस्टर अबू सलेम की 25 साल की सजा पूरी होने पर केंद्र उसे रिहा करने के लिए बाध्य है.

1993 Mumbai bomb blasts: Court says Center bound to release Salem on completion of sentence
1993 मुंबई बम धमाके: न्यायालय ने कहा, सजा पूरी होने पर सलेम को छोड़ने के लिये केंद्र बाध्य

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि केंद्र पुर्तगाल के समक्ष जताई गई अपनी प्रतिबद्धता का सम्मान करने और 1993 के मुंबई बम धमाकों के मामले में गैंगस्टर अबू सलेम की 25 साल की सजा पूरी होने पर उसे रिहा करने के लिए बाध्य है. सलेम ने कहा था कि 2002 में उसके प्रत्यर्पण के लिए भारत द्वारा पुर्तगाल को दिए गए एक आश्वासन के अनुसार उसकी सजा 25 साल से अधिक नहीं हो सकती है.

न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने कहा कि केंद्र सरकार संविधान के अनुच्छेद 72 के तहत शक्ति के प्रयोग और सजा पूरी होने को लेकर राष्ट्रीय प्रतिबद्धता के तहत भारत के राष्ट्रपति को सलाह देने के लिए बाध्य है. पीठ ने कहा, 'आवश्यक कागजात 25 वर्ष पूरे होने के एक महीने के अंदर आगे बढ़ाए जाएं। वास्तव में, सरकार 25 साल पूरे होने पर एक महीने की समयावधि के भीतर सीआरपीसी के तहत छूट के अधिकार का प्रयोग कर सकती है.'

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एक विशेष टाडा अदालत ने 25 फरवरी 2015 को सलेम को, 1995 में मुंबई के बिल्डर प्रदीप जैन की उसके ड्राइवर मेहंदी हसन के साथ हत्या करने के एक अन्य मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. मुंबई में 1993 के श्रृंखलाबद्ध बम धमाकों के दोषियों में से एक सलेम को लंबी कानूनी लड़ाई के बाद 11 नवंबर, 2005 को पुर्तगाल से प्रत्यर्पित किया गया था.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Jul 11, 2022, 3:12 PM IST
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