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Action On Hostel Superintendent : बच्चों को भूखा रखने वाला हॉस्टल अधीक्षक सस्पेंड, फुटबॉल फटने पर 19 घंटे नहीं दिया था खाना

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 1, 2023, 4:51 PM IST

Action On Hostel Superintendent
बच्चों को भूखा रखने वाला हॉस्टल अधीक्षक सस्पेंड

Action On Hostel Superintendent सूरजपुर के प्रतापपुर में मिशनरी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को 19 घंटे भूखा रखा गया था. इस मामले में हॉस्टल अधीक्षक को सस्पेंड कर दिया गया है. आपको बता दें कि मामला दबाने के लिए बच्चों को उनके घर भेज दिया गया था. इस घटना से जुड़ा वीडियो वायरल होने के बाद मामला सामने आया था. surajpur news

बच्चों को भूखा रखने वाला हॉस्टल अधीक्षक सस्पेंड

सूरजपुर : आपने खेलकूद के दौरान बच्चों को इनाम पाते तो कई बार देखा होगा.लेकिन क्या कभी आपने खेल में गेंद फट जाने पर सजा की तौर पर बच्चों को भूखा रखने की सजा सुनी है.बेशक नहीं सुनी होगी. लेकिन छत्तीसगढ़ में ऐसा कारनामा हुआ है. जहां मिशनरी स्कूल के बच्चों को फादर ने फुटबॉल फाड़ने के बदले 19 घंटे तक भूखा रखा.मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन की टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच की और हॉस्टल अधीक्षक की लापरवाही मिलने पर उसे जिला शिक्षाधिकारी ने सस्पेंड कर दिया है.

कैसे सामने आया मामला ? : ये मामला कभी सामने नहीं आता,लेकिन इस सजा से जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ.जिसमें एक शख्स ने बच्चों को भूख से बिलखता देख उन्हें बिस्किट के पैकेट बांटे और बच्चों ने भी डर-डरकर अपनी सजा के बारे में बताया.वीडियो वायरल होने के बाद जनप्रतिनिधियों ने इस मामले में काफी नाराजगी जताई. साथ ही अपने साथ फल और केले ले जाकर स्कूली बच्चों में बांटा.

कहां का है मामला ? : ये पूरा मामला प्रतापपुर के जगरनाथपुर मिशन स्कूल का है.जहां 28 अगस्त के दिन 45 बच्चे ग्रुप बनाकर फुटबॉल खेल रहे थे.इसी दौरान फुटबॉल फट गया.शाम को जब स्कूल के फादर को ये बात पता चली तो उन्होंने बच्चों को फटकार लगाई और सजा के तौर भूखे सोने का आदेश सुना दिया.मासूम बच्चे भी डर के मारे अपने कमरों में जाकर सो गए.29 अगस्त दोपहर को कुछ ग्रामीणों को ये बात पता चली.जिसके बाद बच्चों को केले और बिस्किट बांटे गए. एक शख्स ने इस पूरी घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में वायरल कर दिया.

जिला शिक्षाधिकारी ने किया दौरा : 30 अगस्त रात नौ बजे जिलाशिक्षाधिकारी भी मिशन स्कूल हॉस्टल पहुंचे.लेकिन दरवाजा रात में नहीं खोला गया.अगले दिन दोबारा विकासखंड शिक्षाधिकारी के साथ टीम मौके पर गई.जहां उन्हें पता चला कि बच्चों को फुटबॉल फटने पर सजा के तौर पर भूखा रखा गया है. शिक्षा विभाग, आदिम जाति कल्याण विभाग, पुलिस और बाल संरक्षण आयोग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की गई.

'बच्चों से फुटबॉल गुम हो गया,तो चावल बनाने वाले बर्तन में छेद कर दिया या हो गया.जिसकी भरपाई के लिए बच्चों को भूखा रखा गया.रात में खाना नहीं दिया, दिन का नाश्ता नहीं दिया. एक कमरे में 50 बच्चों को रखा है.काफी सारी अव्यवस्थाएं हैं.'- एमएमस धुर्वें, विकासखंड शिक्षाधिकारी

प्रबंधन को लगी फटकार : मिशन स्कूल के ब्वॉयज हॉस्टल के अधीक्षक रूम के पास ही कीटनाशक दवा भी मिली.वहीं बच्चे जिस रूम में रह रहे थे. वहां कई लोगों को एक साथ रखा गया था.जिसे देखने के बाद जिला प्रशासन ने हॉस्टल प्रबंधन को फटकार लगाई है. साथ ही जांच के बाद कार्रवाई करने की बात कही है.



जनप्रतिनिधियों ने जताया विरोध : इस घटना की जानकारी जैसे ही जनप्रतिनिधियों को लगी वो विरोध करने लगे.जनप्रतिनिधियों ने हॉस्टल पहुंचकर बच्चों को फल और बिस्किट बांटे.जनप्रतिनिधियों ने इस घटना के लिए जिम्मेदार पर कार्रवाई की मांग की है.

'इस घटना के लिए जिला प्रशासन और शासन दोनों ही जिम्मेदार हैं. बार-बार इस तरह की घटनाएं सामने आती रहती है.लेकिन अधिकारी ना तो निरीक्षण करते हैं और ना ही संज्ञान लिया जाता है.'-लाल संतोष सिंह, नेता बीजेपी

वहीं कांग्रेस नेता ने इस घटना के लिए हॉस्टल प्रबंधन को जिम्मेदार माना है.

' स्कूल में दो समय का खाना बच्चों को नहीं दिया गया है.शासन और प्रशासन ने हर व्यवस्था की है. ऐसे में जो जिम्मेदार हैं उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होना चाहिए. अमानवीय घटना है ये किसी भी तरह से क्षमायोग्य नहीं है.'- विद्यासागर सिंह,कांग्रेस नेता

शिक्षा विभाग की जांच में छात्रावास में बड़े पैमाने पर अव्यवस्था उजागर हुई थी. जांच में छात्रावास अधीक्षक ने बच्चों को भोजन नहीं देना स्वीकार किया था. आपको बता दें कि दो कमरों में संचालित छात्रावास में 21 बच्चों को रखने की मंजूरी है. लेकिन छात्रावास में 64 बच्चों को रखा गया है. साथ ही साथ बच्चों के कमरे में कीटनाशक भी मिले थे.जिसके बाद ये कार्रवाई की गई है.

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