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डंडे के सहारे हाथियों का सामना करते हैं वनकर्मी, ईटीवी भारत ने की पड़ताल

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 18, 2024, 5:33 PM IST

Updated : Jan 19, 2024, 10:10 AM IST

Forest Workers Face Elephants
डंडा के सहारे हाथियों का सामना करते हैं वनकर्मी

Forest Workers Face Elephants सूरजपुर जिला हाथी प्रभावित जिला है.यहां अक्सर वन विभाग पर आरोप लगते हैं कि सूचना देने पर भी वनकर्मी समय पर गांवों में नहीं आते.जिससे हाथी गांवों में घुसकर नुकसान पहुंचाते हैं.ग्रामीणों के इन आरोपों की सच्चाई जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने पड़ताल की.Face Elephants With Help Of Sticks

सूरजपुर में हाथियों की दहशत

सूरजपुर : छत्तीसगढ़ में हाथी समस्या कोई नई नहीं है.प्रदेश के कई जिले हाथी प्रभावित हैं. सरकार ने हाथियों पर काबू करने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं.लेकिन किसी भी योजना का असर हाथियों पर नहीं दिखता.लिहाजा हाथियों और मानवों के बीच द्वंद्व की स्थिति आज भी जस की तस है.सरगुजा संभाग के भी कई जिलों में हाथियों का खौफ है.ऐसे ही जिला सूरजपुर है.जहां के ग्रामीण हाथियों के कारण परेशान हैं.

ईटीवी भारत ने जानी सच्चाई : सूरजपुर जिला लंबे समय से हाथियों की समस्या से जूझ रहा है.हाथी ग्रामीणों की फसल और घर गृहस्थी सब कुछ तबाह कर रहे हैं. हर महीने ग्रामीणों का सामना किसी ना किसी हाथी दल से होता है.वनविभाग मुआवजा और हाथियों से ग्रामीणों को बचाने के दावे भी करता है.लेकिन दावों की हकीकत क्या है ये खुद ग्रामीणों ने ईटीवी भारत की टीम को बताया.

आधी रात हाथियों के बीच पहुंची टीम : वन विभाग के ऊपर हमेशा ये आरोप लगते हैं कि वन विभाग के कर्मचारी हाथियों की सूचना देने के बाद भी मौके पर नहीं पहुंचते. जिससे ग्रामीणों को जान माल की हानि होती है. लेकिन वनविभाग का दावा है कि वो हर वक्त हाथियों को खदेड़ने के लिए सजग रहते हैं.दोनों पक्षों के दावों की हकीकत जानने हमारी टीम देर रात पहले रेंज आफिस सोनगरा पहुंचे. जहां एक गांव में 37 हाथियों की मौजूदगी का पता चला.जैसे ही सूचना मिली वैसे ही हमारी टीम गांव की ओर बढ़ गई.

घुप्प अंधेरे के बीच दिखा अनोखा नजारा : रात के अंधरे में जंगलों के बीच हाथियों के चिंगाड़ने की आवाज काफी डरावनी थी.जब हम हाथी वाले गांव में पहुंचे तो देखा कि हाथ में डंडा लिए कुछ लोग हाथियों को खदेड़ रहे हैं.ये लोग वनकर्मी थे.तभी अफसर के फोन पर किसी ग्रामीण ने सूचना दी की हाथी उसके घर के पास आ गए हैं. लिहाजा हम फिर एक बार ग्रामीण के घर की ओर बढ़े.हम जब वहां पहुंचे तो देखा कि हाथी घर के पास था.वहां भी कुछ लोग हाथों में सिर्फ डंडा लिए हाथियों को खदेड़ रहे थे.उस दौरान वनकर्मी जान की परवाह ना करते हुए सिर्फ डंडे के सहारे हाथी के पास गया और उसे जंगल में खदेड़ दिया.

डंडे के सहारे हाथियों का सामना : इस दौरान ईटीवी भारत की टीम को सारी रात कई जगह हाथियों की लोकेशन मिली.हर जगह जाकर हाथियों के होने के लोकेशन को हमने कैमरे में कैद किया.हर जगह सिर्फ एक जैसा ही नजारा देखने को मिला.जिसमें वनकर्मी हाथों में डंडा लिए हाथी का सामना कर रहे थे.कड़कड़ाती ठंड में जान हथेली में लिए ये वनकर्मी हाथी मित्र दल और ग्रामीणों के साथ मिलकर हाथियों को जंगल में वापस खदेड़ने की कोशिश करते हैं.जिसे देखकर ये सुनिश्चित हुआ कि यदि वनकर्मी ना हो तो हाथी आधी रात किसी गांव में कितनी तबाही मचा सकते हैं.

अधिकारी ने सुरक्षा इंतजामों पर दिया जवाब : हमारी तहकीकात पूरी हो चुकी थी. हमने देर रात से सुबह तक वन अमले के साथ रहकर उनके काम करने के तरीके को जाना. लेकिन एक सवाल बार-बार सामने खड़ा हो रहा था कि वन विभाग के पास हाथियों से बचने के लिए सिर्फ एक डंडा ही है. साथ ही फील्ड में हाथियों के सामने जाने वाले कर्मियों की सुरक्षा के इंतजाम क्यों नहीं है.जिसका जवाब डीएफओ ने दिया.


वनकर्मी और ग्रामीण दोनों ही हाथियों से असुरक्षित : हाथियों के आतंक से जहां ग्रामीण दहशत में हैं. वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों के आक्रोश को झेलने के बाद भी वन विभाग के कर्मचारी जंगलों के अंदर जाकर अपनी जान को जोखिम में डालकर हाथियों का सामना करते हैं. शासन प्रशासन को चाहिए कि जल्द से जल्द हाथियों को लेकर कोई ठोस रणनीति बनाएं.जिससे ग्रामीणों को हाथियों से बचाया जा सके.साथ ही साथ वनकर्मियों की भी सुरक्षा का ख्याल रखा जाए.

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Last Updated :Jan 19, 2024, 10:10 AM IST
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