सूरजपुर के पोस्ट मैट्रिक छात्रावास में बच्चे सीख रहे कुछ खास, जानिए

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Published : Jan 15, 2022, 5:42 PM IST

Updated : Jan 16, 2022, 11:07 AM IST

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सूरजपुर के प्रतापपुर इलाके के पोस्ट मैट्रिक छात्रावास में स्टूडेंट पढ़ाई के साथ ही पर्यावरण को लेकर भी जागरूक हो रहे हैं. हॉस्टल में पढ़ने वाला हर छात्र गमले में पौधा लगा रहा है. उस पौधे की पूरी जिम्मेदारी भी उसी छात्र की है. (Surajpur hostel students aware of environment )

सूरजपुर: कहते हैं पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए पौधों का लगाना बहुत जरूरी है, बच्चों में पौधों को लेकर जागरूकता आए इसके लिए सूरजपुर के प्रतापपुर पोस्ट मैट्रिक छात्रावास (Pratappur Post Matric Hostel Surajpur)के शिक्षक ने एक अनोखी पहल की है. जिसकी वजह से छात्रों में पौधा लगाने को लेकर जागरूकता देखने को मिल रही है. छात्रावास के कैंपस में चारों तरफ गमले में पौधे लगे हुए हैं. पूरा कैंपस हरियाली से भरा हुआ है.

सूरजपुर के पोस्ट मैट्रिक छात्रावास में बच्चे पर्यावरण के प्रति जागरूक हो रहे

प्रतापपुर इलाके के पोस्ट मैट्रिक छात्रावास के संचालक ने नियम बनाया है कि छात्रावास के सभी छात्रों को कैंपस के अंदर एक पौधा लगाना अनिवार्य है. इस नियम को बनाने के पहले संचालक ने छात्रों के परिजनों से बात भी की. जिसकी परिजनों ने भी सराहना की. बच्चों ने भी उत्साह दिखाते हुए गमलों में पौधे लगाना शुरू किया. आज छात्रावास के कैंपस में सैकड़ों की संख्या में गमले में पौधे लगे हुए हैं. जिन बच्चों ने गमले में पौधे लगाए हैं. उस गमले में बच्चे का नाम भी लिखा गया है. इस पहल की खास बात ये है कि इन पौधों की देखभाल का जिम्मा भी छात्रों पर ही है. छात्र हर रोज अपने-अपने पौधों को पानी देते हैं.

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शिक्षा विभाग ने की सराहना

इस पहल से जहां एक ओर छात्रावास का सौंदर्यीकरण हो गया है. वहीं बच्चे भी पर्यावरण को लेकर जागरूक हो रहे हैं. पौधों में पानी डालना ना भूले इसलिए यह नियम बना दिया गया है कि खाना खाने के बाद पौधों में पानी डालना अनिवार्य है. अब इन हरे भरे गमलो को देखकर बच्चे भी बहुत अच्छा महसूस कर रहे हैं. जो बच्चे पढ़ाई खत्म करके छात्रावास से चले जाते हैं उनके याद के रूप में यह गमले इस छत्रावास में मौजूद रहते हैं.

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इस छात्रवास की अब शिक्षा विभाग के अधिकारी भी तारीफ कर रहे हैं. जिले के सभी छत्रावास में इसे लागू करने की बात कह रहे हैं. बच्चे देश के भविष्य होते हैं. बच्चों को बचपन में ही पर्यावरण के लिए जागरूक किया जाए तो निश्चित ही ये बच्चे आगे चलकर अन्य लोगों को भी पर्यावरण को लेकर जागरूक करेंगे.

Last Updated :Jan 16, 2022, 11:07 AM IST
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