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Electricity Reached In Elmagunda: सुकमा के नक्सल प्रभावित एल्मागुंडा में पहुंची बिजली, आजादी के 76 साल बाद रोशन हुआ एल्मागुंडा

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Published : Aug 16, 2023, 4:15 PM IST

Updated : Aug 16, 2023, 7:04 PM IST

Electricity Reached In Elmagunda
सुकमा के नक्सल प्रभावित एल्मागुंडा में पहुंची बिजली

Electricity Reached In Elmagunda नक्सली हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों में विकास पहुंचाने के प्रयासों में स्थानीय प्रशासन के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि जुड़ गई है. छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के एल्मागुंडा गांव के घरों में बिजली पहुंच गई है. इस सुदूर नक्सल हिंसा प्रभावित गांव में घरों में बिजली पहुंचाने की उपलब्धि भारत के 77वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर हासिल की गई. Naxalite Affected Elmagunda Electrified

बस्तर: छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के साथ समन्वय में काम करने वाली जिला पुलिस के प्रयासों से 14 अगस्त को यह काम पूरा किया गया. आजादी के 76 साल बाद एल्मागुंडा में बिजली पहुंची. अब लोगों के जीवन में बदलाव देखने को मिल रहा है. बिजली सेवा को गांव तक पहुंचाने के लिए कई बैठकें की गई. लोगों को जागरुक किया गया. तब जाकर यहां बिजली पहुंचाने का काम आसान हुआ. गांववालों के साथ मीटिंग में नक्सलियों से दूरी बनाए रखने की भी अपील की गई.

सीआरपीएफ ने निभाई अहम भूमिका: केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों ने भी इस कार्य में योगदान दिया. जिला प्रशासन, पुलिस और अन्य एजेंसियों के प्रयासों ने ग्रामीणों के चेहरों पर मुस्कान ला दी है. ग्रामीण अब अपने जीवन में बदलाव देख रहे हैं.लगभग छह महीने पहले एल्मागुंडा में सुरक्षा बलों का एक शिविर स्थापित किया गया था. इससे विकास कार्यों को गति मिली है. बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने कहा कि इन सुदूर गांवों में सुरक्षा शिविर एकीकृत विकास केंद्र के रूप में भी काम कर रहे हैं.

''स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर सुकमा जिले के एल्मागुंडा गांव में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम हुआ. पिछले साल नक्सली गतिविधि से मुक्त हुए गांव के परिवारों को बिजली कनेक्शन मिला."- सुंदरराज पी, आईजी बस्तर

सुरक्षाबलों के कैंप बनाए जाने से मिल रहा फायदा: बस्तर आईजी सुंदरराज पी के मुताबिक बस्तर में सुरक्षा बलों का कैंप स्थापित किया जा रहा है. इस कैंप की स्थापना से गांव वालों को काफी फायदा मिल रहा है. सिक्योरिटी फोर्स के कैंप खुलने से सड़क निर्माण, विद्युतीकरण, पीडीएस दुकानें, स्कूल, आंगनबाड़ी और स्वास्थ्य केंद्र खोलने में काफी मदद मिली. क्योंकि इलाके के लोगों में सुरक्षा की उम्मीद जगी.

"एल्मागुंडा में पिछले चार वर्षों में सिक्योरिटी फोर्स के कैंप ने गेम चेंजर की भूमिका निभाई है. सुकमा के एल्मागुंडा के घरों में बिजली से विकास को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा. बच्चों की बेहतर शिक्षा हो सकेगी और स्थानीय आबादी को राज्य और देश के अन्य हिस्सों से जोड़ने में मदद मिलेगी.सुरक्षा शिविरों को अशांत गांवों में ग्रामीणों का आत्मविश्वास बढ़ाने और नक्सलवाद को खत्म करने के लिए स्थापित किया गया था.जिसका असर दिख रहा है".- किरण चव्हाण, एसपी, सुकमा

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बस्तर के गांवों की तस्वीर बदल रही है. आजादी के 76 साल बाद बस्तर के नक्सल प्रभावित इलाकों के 15 से ज्यादा गांवों में स्वतंत्रता दिवस पर पहली बार तिरंगा फहराया गया. अब इन इलाकों में बुनियादी सुविधाएं भी पहुंच रही है. ऐसे में नक्सलगढ़ के लोगों में आत्मविश्वास जगा है.

सोर्स: एएनआई

Last Updated :Aug 16, 2023, 7:04 PM IST
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