ETV Bharat / state

SPECIAL: दिवाली पर चाइना का निकला दिवाला, बाजारों में बढ़ी स्वदेशी की डिमांड

author img

By

Published : Nov 16, 2020, 2:07 PM IST

दिवाली के मौके पर हर साल जहां चाइनीज सामानों से बाजार पटे रहते थे, वहीं इस साल लोगों ने इन सामानों को खरीदने में कोई रुचि नहीं दिखाई. बाजार में इस बार लोगों ने खरीदारी में स्वदेशी वस्तुओं को ज्यादा तवज्जो दी. बड़ी तादाद में चीन से आने वाले सामानों का देश के लोगों ने बहिष्कार कर दिया है. खरीदारों के अलावा व्यापारियों ने भी इस बार चीनी सामानों का आयात कम कर दिया है.

boycott Chinese products
चाइनीज सामान

राजनांदगांव: हिंदू धर्म के सबसे बड़े त्योहार दिवाली पर इस बार राष्ट्रीयता की झलक देखने को मिली. जहां हर साल चाइनीज झालरों, इलेक्ट्रॉनिक बल्ब, पटाखे, डेकोरेटिव आइटम्स की भरमार हुआ करती थी, वहीं इस साल लोगों ने चाइनीज सामानों को खरीदने में बिल्कुल रुचि नहीं दिखाई. इससे चाइना के मार्केट को काफी नुकसान पहुंचा है. भारत और चीन की सीमा पर हुए तनाव के बाद देश का माहौल भी बदलने लगा है. लोग अब स्वदेशी चीजों की खरीदारी में ज्यादा रुचि ले रहे हैं. यही कारण है कि इस बार दिवाली के त्योहार पर इलेक्ट्रॉनिक, कपड़ा और पटाखा सेक्टर में उपभोक्ताओं ने चीनी सामानों का बायकॉट कर दिया. व्यापारियों ने भी इस बार चीनी सामानों की खरीद-बिक्री में रुचि नहीं ली. एक तरीके से व्यापारियों ने पहले चीनी सामानों का बायकॉट दिया और फिर खरीदारों ने भी चीनी सामानों की खरीदी में रुचि न ले करके बाजार से वहां के सामानों की बिक्री पर विराम लगा दिया है. राजनांदगांव जिले से इस बार चीनी सामान को तकरीबन 100 करोड़ रुपए का फटका लगा है.

बाजारों में बढ़ी स्वदेशी की डिमांड
दिवाली के अवसर पर जिले से तकरीबन 100 करोड़ रुपए के चीनी सामानों की खरीद-बिक्री होती थी. इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स, कपड़ा, पटाखा से लेकर घरेलू उपयोग के सजावटी सामान तक चीनी सामानों का दबदबा हुआ करता था. खासकर चीनी पटाखे बाजार में जमकर बिकते थे, लेकिन इस बार सरकार की ओर से लगाए बैन के बाद पटाखा व्यापारियों ने भी चीनी पटाखा और सामानों की बाजार में एंट्री बैन कर दी है. यही कारण है कि अकेले पटाखा बाजार से ही चीन को तकरीबन 3 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. पटाखा व्यापारियों का कहना है कि चीन अलग-अलग तरह के पटाखे बाजार में दिवाली के मौके पर उतारता रहा है, लेकिन इस बार बैन के चलते व्यापारियों ने ही इसमें रुचि नहीं ली और अब ग्राहक भी इससे दूर भाग रहे हैं.

पढ़ें: SPECIAL: इस दिवाली दिल हुआ हिन्दुस्तानी, लोगों को भा रहे देसी प्रोडक्ट, चाइनीज वस्तुओं की मांग कम


डिजाइनर लाइटों को नहीं किया स्टॉक

जगमग दिवाली के पर्व में लाइट की भूमिका काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है. दरअसल दिवाली का त्योहार प्रकाश का त्योहार माना जाता है, यही कारण है कि चीन की कंपनी सस्ते दरों पर बाजार में लाइट का बड़ा कारोबार करती आ रही है. झालर से लेकर डिजाइनर लाइटों का कारोबार बाजार में खूब चलता आया है खासकर दिवाली के समय इनकी बिक्री 4 गुणा अधिक होती है, लेकिन इस बार व्यापारियों ने चीन के सस्ते लाइट को भी बैन कर दिया है. इस बार दिवाली में ज्यादातर स्वदेशी लाइट की खरीद-बिक्री होती रही है.


भारत-चीन फैक्ट फाइल

  • भारत में हर साल चीन से सवा पांच लाख करोड़ के सामान का आयात होता है.
  • छत्तीसगढ़ में चीन के सामानों का व्यापार हर महीने करीब 350 करोड़ रुपए का है.
  • हर सेक्टर में चीन के रॉ मटेरियल का दबदबा है, यही वजह है कि चीन के उत्पादों पर बैन लगाना संभव नहीं है.
  • छत्तीसगढ़ में ही इलेक्ट्रॉनिक्स, टेलीकॉम, एसेसरीज, ऑटोमोबाइल, होम एम्प्लॉयसेस जैसे तमाम सेक्टर में चीन के रॉ मटेरियल का इस्तेमाल होता है.
  • राष्ट्रीय स्तर पर 'भारतीय सामान, हमारा अभियान' चलाकर देश भर में स्थानीय उत्पादों को प्रमोट करने का अभियान चलाया जा रहा है.
  • दिसंबर 2021 तक चीन से 13 बिलियन डालर यानी लगभग एक लाख करोड़ के आयात को कम करने का संकल्प लिया गया है.
  • पहले चरण में फिनिश आइटम को बंद करने का फैसला लिया गया है.


लोगों में गुस्सा भरा

भारत और चीन की सीमा पर जमीन विवाद के बाद से चीन के रुख को देखते हुए लोगों में काफी गुस्सा है. यही कारण है कि इस बार दिवाली के मौके पर लोगों ने चीन को बड़ा सबक सिखाया है. कई चीनी सामान व्यापारियों के पास पहले से स्टॉक में था. व्यापारियों ने पुराना चीनी सामान बेचने के लिए दुकान में इसे सजाया, लेकिन उपभोक्ता ने इन्हें खरीदने में कोई रुचि नहीं दिखाई. चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रदेश उपाध्यक्ष शरद चितलांगिया की मानें तो जिले में करोड़ों रुपए का कारोबार प्रभावित हुआ है. उनका कहना है कि चीनी सामानों को लेकर लोगों में जागरूकता है और व्यापारी भी अब अलग नजरिए से चीनी सामानों को देख रहे हैं. जिसके कारण चीनी सामानों का व्यापार इस बार काफी प्रभावित हुआ है. उनका कहना है कि इस बार दिवाली बाजार से सबक लेते हुए देश की सरकार को व्यापारियों के लिए दूसरे रास्ते खोलने चाहिए.


पटाखों का बाजार हुआ प्रभावित

इस बार भारतीय पटाखा व्यापारियों ने भी जबरदस्त जोर लगाकर चीनी पटाखों के मुकाबले बेहतर पटाखे तैयार किए और उन्हें बाजार से अच्छा रिस्पॉन्स मिला. ज्यादातर ग्राहकों का कहना था कि वे भारतीय बाजार में ही बने पटाखे ही खरीदेंगे. उपभोक्ता बंटी कुमार ने कहा कि चीन की चाल को भारतीय नागरिक समझ चुके हैं, यही कारण है कि अब उपभोक्ता किसी झांसे में नहीं आएगा और स्वदेशी चीजों का ही इस्तेमाल करेगा. पटाखा व्यापारियों की मानें तो जिले में तकरीबन सात करोड़ का पटाखा कारोबार प्रभावित हुआ है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.