राजनांदगांव: छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री शाहिद भाई ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि "राजनांदगांव जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 6 के जिला पंचायत सदस्य विप्लव साहू ने अपने नाम निर्देशन पत्र में झूठी जानकारी दी थी. विप्लव साहू ने शासकीय भूमि पर अतिक्रमण किया था. लेकिन घोषणा पत्र में उन्होंने इस बात का उल्लेख नहीं करते हुए गलत जानकारी दी. अगर वह घोषणापत्र में इसका उल्लेख कर देते तो उस दौरान ही उनका घोषणा पत्र निरस्त हो जाता. लेकिन जिला पंचायत सदस्य विप्लव साहू ने शासकीय भूमि पर कब्जा करने के बात छुपाकर गलत जानकारी दी."
विप्लव साहू का निर्वाचन शून्य: छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री शाहिद भाई बताया कि "इस पर क्षेत्र के मतदाता दयालु राम वर्मा ने शिकायत की थी. जिसकी जांच पश्चात पंचायत संचालनालय छत्तीसगढ़ ने विप्लव साहू का निर्वाचन शून्य कर दिया है. छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 122 के अंतर्गत शिकायतकर्ता दयालु राम वर्मा ने विप्लव साहू जिला पंचायत सदस्य क्षेत्र क्रमांक 6 के विरुद्ध निर्वाचन याचिका प्रस्तुत की थी. उसी के आधार पर पंचायत संचनालय छत्तीसगढ़ ने इस पूरे मामले में कार्रवाई करते हुए जिला पंचायत राजनांदगांव के निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक 6 के निर्वाचन कार्रवाई को शून्य घोषित कर दिया है."
गलत जानकारी देने पर हुई कर्रवाई: राजनांदगांव जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 6 के सदस्य विप्लव साहू ने शासकीय भूमि पर अतिक्रमण किए जाने और निर्वाचन नियमावली के विरुद्ध गलत जानकारी देने की शिकायत पर छत्तीसगढ़ पंचायती राज अधिनियम 1993 की धारा 122 के अंतर्गत विप्लव साहू के विरुद्ध निर्वाचन याचिका को सहीं पाया गया और दिनांक 25 जनवरी 2023 को पंचायत संचालनालय ने आदेश पारित किया. जिसमें जिला पंचायत राजनांदगांव के निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक 6 के निर्वाचन कार्रवाई को शून्य घोषित करते हुए क्षेत्र क्रमांक 6 से सदस्य का पद रिक्त कर दिया गया है.
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फिर गर्मा सकती है राजनीति: इस कार्रवाई का पत्र राजनांदगांव कलेक्टर,जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी को प्रेषित किया है. राजनंदगांव जिला पंचायत क्षेत्र में 24 सीटें हैं. जिसमें से 11-11 सीट पर कांग्रेस और भाजपा समर्थित प्रत्याशियों की जीत हुई थी. वहीं 2 सीट पर विप्लव साहू सहित एक अन्य स्वतन्त्र प्रत्याशी निर्वाचित हुए थे. अब विप्लव साहू के निर्वाचन सीट शून्य घोषित होने पर जिला पंचायत की राजनीति एक बार फिर गरमा सकती है.