ETV Bharat / state

नौकरी से निकाले गए स्लीपर प्लांट के 22 मजदूर, पीड़ित मजदूरों ने प्रशासन से लगाई गुहार

author img

By

Published : Jul 1, 2020, 6:22 PM IST

Updated : Jul 1, 2020, 8:53 PM IST

22 workers of Rajnandgaon sleeper plant fired during corona pandemic
कोरोना काल में 22 मजदूर नौकरी से निकाले गए

कोरोना काल के समय में राजनांदगांव के स्लीपर प्लांट में काम कर रहे 22 मजदूरों को काम से निकाल दिया गया है. इस पर स्लीपर प्लांट के मजदूर संघ ने मंगलवार को प्लांट के कर्मचारियों के साथ SDM को ज्ञापन सौंपा है. साथ ही इस मामले में जल्द संज्ञान लेने की मांग की है.

राजनांदगांव: जिले के धर्म नगरी डोगरगढ़ स्लीपर प्लांट के रेल मजदूर संघ ने मंगलवार को प्लांट के कर्मचारियों के साथ हो रहे शोषण को लेकर SDM को ज्ञापन सौंप है. साथ ही इस मामले में संज्ञान लेने की मांग की है.

नौकरी से निकाले गए स्लीपर प्लांट के 22 मजदूर

मजदूर संघ का कहना है कि यूनीवेब्स स्लीपर प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंधक और ठेकेदार ने 22 मजदूरों को काम से निकाल दिया है. मजदूर संघ का कहना है कि काम से निकाले गए मजदूरों का 20 साल से EPF और ESI कार्ड भी है, लेकिन कोरोना वायरस के कारण किए गए लॉकडाउन में प्रबंधक और ठेकेदार ने प्लांट और डायमेंशन विभाग में लोडिंग और अनलोडिंग का काम कर रहे मजदूरों को काम पर न रखकर दूसरे मजदूरों को विभाग में रखकर काम करा रहे हैं. जबकि निकाले गए मजदूर 20 साल से प्लांट में काम कर रहे थे.

प्रबंधक और ठेकेदार पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप

मजदूर संघ का कहना है कि प्लांट के मजदूरों को रोजगार नहीं दिया जा रहा है. वहीं इस कोरोना संकट काल में भी मजदूरों को काम से निकालकर उनके अधिकारों का हनन किया जा रहा है. पुराने मजदूरों ने बताया कि प्रबंधक और ठेकेदार की सांठगांठ से ही पुराने कर्मचारियों को काम से निकाल कर दूसरे नए मजदूरों से काम लिया जा रहा है. वहीं मामले की शिकायत करने के बाद भी मनमानी जारी है. ऐसे करके मजदूरों को मानसिक रूप से प्रताड़ित भी किया जा रहा है.

नौकरी से निकाले गए मजदूरों को हो रही है आर्थिक परेशानी

प्लांट में काम करने वाले पुराने मजदूरों ने बताया कि लॉकडाउन के बीच कर्मचारियों को आधा वेतन दिया गया है. वहीं पुराने कर्मचारियों को काम से निकालने से उसके परिवार के सामने आर्थिक संकट खड़ी हो गई है. SDM को ज्ञापन सौंपने के दौरान संघ के अध्यक्ष चितरंजन साहू, महामंत्री शेख मन्नू और स्लीपर फैक्ट्री के कर्मचारी उपस्थित रहे.

पढ़ें: लॉकडाउन ने किया बेरोजगार: किसी को नौकरी की चिंता, कोई इंजीनियरिंग की डिग्री लेकर कर रहा बागवानी

लॉकडाउन की वजह से पूरे देश में बेरोजगारी बढ़ी है, ज्यादातर काम अब भी बंद हैं. इसकी वजह से प्राइवेट सेक्टरों में बेरोजगारी की दर बढ़ गई है. दूसरे राज्यों में नौकरी के लिए गए युवा कोरोना संक्रमण के डर से घर लौट गए हैं. मध्यम वर्गीय परिवार में कर्ज लेकर पढ़ाई पूरी करने वाले युवाओं के सामने अब रोजगार की तलाश करना सबसे बड़ी चुनौती है. वहीं कई लोगों को लगातार नौकरी से निकाला जा रहा है. ऐसे में बेरोजगारी की दर तेजी से बढ़ रही है.

10 में से 1 भारतीय ने नौकरी गंवाई

नौकरी डॉट कॉम के एक सर्वे के मुताबिक भारत में 10 में से कम से कम 1 व्यक्ति ने अपनी नौकरी गंवा दी है. वहीं 10 में से 3 लोगों को उनकी नौकरी जाने का डर है. नौकरी से निकाले गए 10 फीसदी लोगों में से 15 फीसदी एयरलाइंस और ई-कॉमर्स इंडस्ट्री से हैं और 14 फीसदी हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री से हैं. वहीं लगभग 13 प्रतिशत नौकरी से निकाले गए कर्मचारी 11 साल के अनुभव के साथ वरिष्ठ पद पर थे, जिसमें सेल्स से (12 प्रतिशत), एचआर एंड एडमिन से (12 प्रतिशत), मार्केटिंग से (11 प्रतिशत) या संचालन/आपूर्ति श्रृंखला से (11 प्रतिशत) कर्मचारी शामिल हैं.

Last Updated :Jul 1, 2020, 8:53 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.