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ध्यान दें: तीजा-पोला पर नहीं कोई रोक, बहू-बेटियां जा सकती हैं मायके

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Published : Aug 16, 2020, 5:47 PM IST

रायपुर में तीजा-पोला पर्व को लेकर महिलाओं के मायके आने-जाने में आ रही अड़चनों पर प्रशासन ने विराम लगा दिया है . कलेक्टर ने कहा कि महिलाओं के आने-जाने पर पाबंदी संबंधी मुनादी को लेकर शासन ने इस तरह के कोई आदेश नहीं दिए है. महिलाएं तीजा-पोला में अपने मायके आ जा सकती है.

Raipur District Panchayat President Domeshwari Verma
तीजा पोला पर शासन नहीं लगाया रोक

रायपुर: तीजा-पोला पर्व को लेकर पंचायतों की ओर से कराई जा रही मुनादी को लेकर महिलाओं में गुस्सा है. बीते कुछ दिनों से कई ग्राम पंचायतों ने तीजा-पोला में बेटियों के गांव में आने और बहू के मायके जाने के रोक संबंधित मुनादी कराई जा रही है. इस तरह की भ्रामक प्रचार से महिलाएं डरी हुई हैं.

Raipur District Panchayat President Domeshwari Verma
तीजा पोला पर शासन नहीं लगाया रोक

कुछ दिनों बाद तीजा-पोला का पर्व आने वाला है, जिसका इंतजार महिलाओं को साल भर से रहता है, लेकिन क्षेत्र के कई ग्राम पंचायतों के सदस्य मीटिंग लेकर निर्णय ले रहे हैं कि इस बार गांव की महिलाएं इस पर्व पर गांव से बाहर नहीं जाएंगी और न ही बेटियां त्योहार मनाने आ पाएंगी. पंचायत का मानना है कि इससे कोरोना वायरस फैलने का डर बढ़ जाएगा. वहीं महिलाएं पंचायत के इस फैसले से नाराज हैं.

पंचायत की मनमानी करना गलत है

ग्रामीणों का कहना है कि अगर इस संबंध में शासन का कोई आदेश होता तो, पंचायत को इस तरह की मुनादी का अधिकार होता. साथ ही उस दौरान नियम को नहीं मानने पर उनके क्वॉरेंटाइन की जवाबदारी भी पंचायत की होती, लेकिन बिना किसी आदेश के सीधे तौर पर पंचायत मनमानी करते हुए पाबंदी लगा रहे हैं, जो कि गलत है.

कोरोना से जागरूक करने की जरूरत, न की भ्रामक मुनादी की

कोरोना की वजह से प्रशासन जहां हर संभव प्रयास कर रहा है, वहीं कई ग्राम पंचायत लापरवाही भी कर रही है. गांवों में फेरी लगाने वाले, चार पहिए वाहन पर सब्जी बेचने आने वाले कोचियों सहित बाहरी व्यक्तियों के गांव में सामान बेचने वालों से मास्क लगाने और सुरक्षा के दूसरे उपाय करने की बात पंचायत की ओर से नहीं कर रही है, लेकिन महिलाओं के आने-जाने पर पूरा पंचायत एकजुट होकर रोक लगाने में जुटे हैं. क्षेत्र के अधिकतर पंचायत केवल ग्रामीणों में मास्क वितरण कर रही है. ग्रामीणों का कहना है कि पंचायतों को कोरोना को लेकर लोगों को जागरूक करने की जरूरत है, न कि भ्रामक मुनादी कराने की.

सोशल मीडिया पर फूटा गुस्सा

कई ग्राम पंचायतों की ओर से कराई गई मुनादी का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. वहीं सोशल मीडिया पर पाबंदी की आलोचना की जा रही है, उसमें यह भी चर्चा का विषय बना हुआ है कि यह रोक केवल महिलाओं पर ही क्यों, जबकि वह सुरक्षित अपने मायके में जाएंगी, लेकिन पुरूष बिना किसी सुरक्षा के शराब दुकानों में रोज आ जा रहे हैं. इस पर कार्रवाई नहीं करने का विरोध किया जा रहा है.

शासन ने किया खंडन

इन सभी भ्रामक जानकारी और अटकलों पर शासन ने खंडन किया है. पंचायतों की ओर से केवल महिलाओं के आने-जाने पर पाबंदी संबंधी मुनादी को लेकर जिला कलेक्टर ने कहा कि शासन ने इस तरह के कोई आदेश नहीं दिए हैं, जो केवल महिलाओं के लिए ही हो. यह कार्य पंचायतों का है, लेकिन पंचायतों चाहे तो गांव स्तर पर लॉकडाउन कर सकते हैं, जो केवल महिलाओं के लिए ही नहीं बल्कि सभी के लिए समान हो. इसमें भी उन्हें शासन के नियमों को ध्यान में रखना होगा. अगर पंचायत इस बात को नहीं मानते तो उन पर भी सक्त कार्रवाई की जाएगी.

पारंपरिक तरीके से मना सकती हैं पर्व

जिला पंचायत अध्यक्ष डोमेश्वरी वर्मा ने कहा कि तीजा-पोला को न मनाने संबंधित कोई आदेश नहीं हैं, बल्कि शासन ने इसे पारंपरिक तरीके से मनाने के आदेश भी जारी कर दिया है. कई पंचायतों में भ्रामक प्रचार किए जाने और मुनादी कराए जाने की खबर है, अगर कोई पंचायत नियमों की अवहेलना करता है, तो उन पर सक्त कार्रवाई की जाएगी.

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