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Makar Sankranti 2023: मकर संक्रांति में पतंगबाजी का है पौराणिक महत्व

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Published : Jan 5, 2023, 7:08 PM IST

Updated : Jan 13, 2023, 12:15 PM IST

Makar Sankranti: कुछ पौराणिक मान्यताओं के हिसाब से मकर संक्रांति पर पतंगबाजी इसलिए की जाती है ताकि लोग इसी बहाने सूर्य की किरणों के संपर्क में आएं. माना जाता है कि धूप में किछ देर बैठने से त्वचा के संक्रमण और सर्दी से जुड़ी बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है.

Makar Sankranti 2023
मकर संक्रांति 2023

रायपुर: मकर संक्रांति का त्यौहार सूर्य देवता को समर्पित होता है. जिसे भारत में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है. मकर संक्रांति मुख्य प्राचीन हिंदू त्योहारों में से एक है. यह त्योहार उत्तरायण की शुभ समय के शुरुआत का प्रतीक माना जाता है. पतंगबाजी और मकर संक्रांति एक दूसरे के पर्यायवाची जैसे हैं. तंगबाजी मकर संक्रांति का एक अभिन्न हिस्सा है. मकर संक्रांति के दिन सुबह से ही आसमान में रंग बिरंगी पतंगों से समां देखते ही बनता है.

पतंगबाजी की परंपरा का है महत्व: यह दिन सर्दियों के अंत का भी संकेत है. यह दिन रबी के फसल की कटाई के जश्न के रूप में मनाया जाता है. कुछ मान्यताओं के मुताबिक मकर संक्रांति पर पतंगबाजी की परंपरा इसलिए निभाई जाती है ताकि लोग सूर्य की किरणों के संपर्क में आ सकें. धूप के संपर्क में आने मात्र से ही त्वचा के संक्रमण और सर्दी से जुड़ी समस्याओं से निजात पाया जा सकता है. सूर्य के शुरुआती किरण विटामिन डी का अच्छा स्रोत है. यह स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है.

पतंगबाजी देवताओं को धन्यवाद करने का तरीका: लोगों की एक मान्यता यह भी है कि पतंगबाजी देवताओं को धन्यवाद करने का एक तरीका है. चूंकि ऐसा माना जाता है कि छह महीने की अवधि के बाद मकर संक्रांति के मौके पर देवता अपनी नींद से जाग जाते हैं. पतंगबाजी देश के कई हिस्सों में प्रचलित है. लेकिन गुजरात और राजस्थान में बड़े पैमाने में इस त्यौहार को मनाया जाता है.

गुजरात में होता है अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव: मकर संक्रांति के महीनों पहले से ही लोग गुजरात में अपने घरों में पतंग बनाने में जुट जाते हैं. इस त्यौहार को गुजरात में अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव के रूप में मनाया जाता है. अहमदाबाद शहर 1989 से अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव की मेजबानी संभाले हुए है. इस अवसर पर पतंगबाजी के लिए भारत सहित अन्य देशों के पर्यटक भी गुजरात पहुंचते हैं.

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त्यौहार वसंत के आगमन का भी प्रतीक: यह त्यौहार वसंत के आगमन का भी प्रतीक है. देश के कई हिस्सों में लोग इस त्योहार को पतंग उड़ा कर मनाते हैं. कई जगहों पर गज़क जैसी पारंपरिक मिठाइयाँ तैयार करने ही परंपरा है. देश के अलग-अलग हिस्सों में मकर संक्रांति को अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है. कुछ क्षेत्रों में मिठाइयां आदान-प्रदान करने की परंपरा है. जबकि कई स्थानों में नदी में पवित्र डुबकी लगाने जैसी मान्यता भी है.

Last Updated : Jan 13, 2023, 12:15 PM IST
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