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Bhanupratappur By Election Result 2022 : किन कारणों से भानुप्रतापपुर में जीती कांग्रेस

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Published : Dec 8, 2022, 5:15 PM IST

Bhanupratappur By Election Result 2022
किन कारणों से भानुप्रतापपुर में जीती कांग्रेस

भानुप्रतापपुर उपचुनाव 2022 का रोमांच नतीजों के साथ खत्म हुआ. त्रिकोणीय मुकाबले में कांग्रेस ने भारी बढ़त के साथ जीत दर्ज की. आदिवासी आरक्षण का मुद्दा और आदिवासियों की नाराजगी और प्रदर्शन के बावजूद कांग्रेस की उम्मीदवार सावित्री मंडावी ने ब्रह्मानंद नेताम को रिकॉर्ड मतों से हराया है.Bhanupratappur By Election Result 2022

Bhanupratappur By Election Result 2022 : कांकेर जिले की भानुप्रतापपुर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार सावित्री मंडावी को जीत मिली है. उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार ब्रह्मानंद नेताम को 21171 हजार वोटों से चुनाव हारा दिया है. इस चुनाव से पहले ऐसा माना जा रहा था कि बीजेपी और कांग्रेस में कांटे की टक्कर होगी.लेकिन मतगणना के दौरान ब्रह्मानंद नेताम पहले राउंड से पिछड़ते गए. आखिर तक वो सावित्री मंडावी को टक्कर नहीं दे पाएं.Bhanupratappur By Election Result 2022

कौन है सावित्री मंडावी : भानुप्रतापपुर से विधायक और विधानसभा उपाध्यक्ष रहे मनोज मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी राजनीति में आने से पहले सराकरी स्कूल में लेक्चरर थी. पति के निधन और उपचुनाव की डेट घोषित होने के बाद उन्होंने सरकारी नौकरी से इस्तीफा दे दिया था. सावित्री मंडावी को कुल 65 हजार 327 वोट मिले जबकि बीजेपी उम्मीदवार को 44229 वोट मिले.Reasons for victory of Congress in Bhanupratappur

किन फैक्टर्स के कारण जीती कांग्रेस -

आदिवासी फैक्टर सबसे अहम : इस सीट में आदिवासियों का दबदबा रहा है.लिहाजा दोनों ही पार्टियों ने आदिवासी कैंडिडेट को अपना प्रत्याशी चुना. लेकिन कांग्रेस के मुकाबले बीजेपी आदिवासियों का मन जीतने में कामयाब नहीं हो पाई.

आरक्षण विधेयक का आना : वोटिंग से पहले सीएम भूपेश बघेल ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर आदिवासियों के लिए आरक्षण विधेयक लाया था. जिसका असर चुनाव में देखने को मिला.

ब्रह्मानंद नेताम घटनाक्रम : चुनाव से पहले बीजेपी प्रत्याशी ब्रह्मानंद नेताम पर रेप जैसे संगीन आरोप लगे. नेताम को गिरफ्तार करने के लिए झारखंड पुलिस भी आई.

मनोज मंडावी के किए हुए काम : विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी अपने स्वभाव के लिए जाने जाते थे.इलाके में उन्होंने कई विकास कार्य मौजूद रहकर करवाए. जिसका असर इस विधानसभा चुनाव में देखने को मिला है.


अकबर राम कोर्राम का दम: इस चुनाव में सबसे ज्यादा सर्व आदिवासी समाज के प्रत्याशी अकबर राम कोर्राम छाए रहे. शुरू से माना जा रहा था कि मुख्य टक्कर भाजपा और कांग्रेस के बीच है, लेकिन अकबर राम कोर्राम ने शुरुआती राउंड में भाजपा प्रत्याशी ब्रह्मानंद को भी पछाड़ दिया और दूसरे नंबर तक पहुंच गए थे. हालांकि बाद में भाजपा ने वापसी की लेकिन कांग्रेस ने शुरुआत से लेकर अंत तक लीड बनाए रखी.

चार उम्मीदवारों को जितने वोट मिले, उससे ज्यादा वोट नोटा को मिले: इस चुनाव में चार उम्मीदवारो को कुल जीतने वोट मिले उससे ज्यादा नोटा का वोट मिले. नोटा को कुल 4251 वोट मिले. इसकी तुलना में गोंगपा के घनश्याम जुर्री को कुल 2485 वोट मिले. वहीं राष्ट्रीय जनता पार्टी के डायमंड नेताम को कुल 813 वोट मिले. इसी तरह अंबेडकराइट पार्टी ऑफ इंडिया के शिवलाल पुडो को कुल 1309 वोट ही मिले. निर्दलीय उम्मीदवार दिनेश कुमार कल्लो को टोटल वोट 3851 प्राप्त हुए. इस तरह चार उम्मीदवारों से ज्यादा वोट नोटा को मिले.Bhanupratappur by election 2022

भानुप्रतापपुर में इस तरह हुई काउंटिंग

काउंटिंग का राउंडसावित्री मंडावी, कांग्रेस (वोटों की संख्या)ब्रह्मानंद नेताम, बीजेपी (वोटों की संख्या)अकबर राम कोर्राम , SAS, निर्दलीय (वोटों की संख्या)नोटा
डाक मत पत्र15279463
पहला339714901196414
दूसरा241514882143507
तीसरा378013811657549
चौथा373213251635227
पांचवां280914332522323
छठवां36172703464148
सातवां330620273032276
आठवां360423771331234
नौवां353615541247216
10वां362721191423164
11वां40313590677154
12वां316425701559200
13वां38372084841344
14वां41503420810180
15वां33844012646118
16वां39823486689127
17वां38242925288125
18वां377531531037181
19वां1297108417961
कुल वोट6547944308234174251

भानुप्रतापपुर में मतगणना के आंकड़ें

भानुप्रतापपुर में कांग्रेस ने लगाई जीत की हैट्रिक: साल 1962 में भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट अस्तित्व में आई थी. कांग्रेस ने छह बार जीत दर्ज की है. 1985 से कांग्रेस के साथ भाजपा भी मैदान में है. दोनों पार्टी के उम्मीदवारों ने लगातार दो बार तो जीत दर्ज की है, लेकिन हैट्रिक कोई नहीं लगा सका है. पहले चुनाव में निर्दलीय रामप्रसाद पोटाई ने कांग्रेस के पाटला ठाकुर को हराया. 1967 के दूसरे चुनाव में प्रजा सोसलिस्ट पार्टी के जे हथोई जीते. 1972 में कांग्रेस के सत्यनारायण सिंह जीते. 1979 में जनता पार्टी के प्यारेलाल सुखलाल सिंह जीत गए. 1980 और 1985 के चुनाव में कांग्रेस के गंगा पोटाई की जीत हुई. 1990 के चुनाव में निर्दलीय झाड़ूराम ने पोटाई को हरा दिया. 1993 में भाजपा के देवलाल दुग्गा यहां से जीत गए. 1998 में कांग्रेस के मनोज मंडावी जीते. अजीत जोगी सरकार में मंत्री रहे. 2003 में भाजपा के देवलाल दुग्गा फिर जीत गए. 2008 में भाजपा के ही ब्रम्हानंद नेताम यहां से विधायक बने. 2013 में कांग्रेस के मनोज मंडावी ने वापसी की. 2018 के चुनाव में भी उन्होंने जीत दर्ज की.

चार सालों में पांचवी बार उपचुनाव: छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में यह पांचवा उपचुनाव है. पहला उपचुनाव दंतेवाड़ा से भाजपा विधायक भीमा मंडावी की हत्या के बाद कराया गया. दीपक बैज के सांसद चुन लिए जाने पर चित्रकोट में नया विधायक चुना गया. अजीत जोगी के निधन से खाली मरवाही विधानसभा और देवव्रत सिंह के निधन से खाली खैरागढ़ में उपचुनाव हुआ. अब पांचवां उपचुनाव भानुप्रतापपुर में हुआ.

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भानुप्रतापपुर उपचुनाव में जीत पर कांग्रेस में जश्न: भानुप्रतापपुर उपचुनाव में जीत पर कांग्रेस में जश्न मनाया जा रहा है. कांकेर कांग्रेस दफ्तर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आतिशबाजी की पीसीसी चीफ मोहन मरकाम के इलाके में भी कांग्रेस इस जीत पर जश्न मना रही है. रायपुर राजीव भवन में भी कांग्रेस कार्यकर्ताओें ने भानुप्रतापपुर में जीत का जश्न मनाया. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मिठाइयां बांटी.

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