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कोरोना काल में मंदा हुआ रियल स्टेट का धंधा, करोड़ों के प्रोजेक्ट फंसे

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Published : Jun 22, 2020, 11:12 PM IST

छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल और रायपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी आवासीय और कमर्शियल भूखंड के साथ-साथ रेजिडेंशियल प्लॉट, भवन और फ्लैट्स की बिक्री करता है. कोरोना काल में लॉकडाउन के चलते जिन जगहों पर निर्माण कार्य हो रहे थे, वह भी प्रभावित हुए हैं.

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मंदा हुआ रियल स्टेट का धंधा

रायपुर: कोरोना काल में सभी सेक्टर प्रभावित हुए हैं. प्राइवेट सेक्टर हो या सरकारी सभी के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. कोरोना वायरस ने कई कारोबार ठप कर दिया है. वहीं कोरोना की इस मार से रियल एस्टेट सेक्टर भी प्रभावित हुआ है. सरकार के छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड और रायपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी (आरडीए) के प्रॉपर्टी की बिक्री में कमी आई है. वहीं निर्माण कार्य भी कोरोना की वजह से प्रभावित हुआ है.

मंदा हुआ रियल स्टेट का धंधा
छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल और रायपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी आवासीय और कमर्शियल भूखंड के साथ-साथ रेजिडेंशियल प्लॉट, भवन और फ्लैट्स की बिक्री करता है. कोरोना काल में लॉकडाउन के चलते जिन जगहों पर निर्माण कार्य हो रहे थे, वह भी प्रभावित हुए हैं. साथ ही उनकी बिक्री में भी कमी आई है. छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल संभाग दो रायपुर के कार्यपालन अभियंता आरके साहू ने बताया कि उनके क्षेत्र में शंकर नगर में कमर्शियल फ्लैट्स का निर्माण कार्य चल रहा है. लॉकडाउन के दौरान लेबर नहीं होने के चलते काम प्रभावित तो हुआ है. लेकिन अनलॉक होने के बाद अब काम एक बार फिर से शुरू हो गया है. वहीं आरके साहू ने बताया कि अभी लेबर कम है लेकिन काम लगातार हो रहे हैं.

मजदूरों की संख्या हुई कम

लॉकडाउन के चलते बहुत सारे मजदूर अपने घर चले गए हैं जिसके कारण अभी ज्यादा संख्या में लेबर काम नहीं कर रहे हैं. लॉकडाउन से पहले शंकर नगर के कमर्शियल प्रोजेक्ट पर 100 लेबर काम करते थे. लेकिन अभी 30 से 35 मजदूर काम कर रहे हैं. उसी तरह डूमर तराई थोक बाजार में निर्माण कार्य में लॉकडाउन से पहले 50 से 60 मजदूर काम करते थे. लेकिन अभी सिर्फ 20 लेबर काम कर रहे हैं.

लॉकडाउन की वजह से हुई परेशानी

छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल और रायपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी के कमिश्नर अय्याज तंबोली ने बताया कि कोविड-19 के चलते मार्च के तीसरे हफ्ते से अप्रैल के बीच तक पूरे काम रूके हुए थे. अप्रैल के बाद मजदूरों ने काम फिर से शुरू किया. जिसके बाद अब निर्माण कार्य शुरू हो गया है. वहीं अगर प्रॉपर्टी सेलिंग की बात की जाए तो इसमें कमी आई है. लेकिन अनलॉक होने के बाद मार्केट रिवाइव कर रहा है. पिछले 10 दिनों में रायपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी में साढ़े 5 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी बुक हो चुकी है. हाउसिंग बोर्ड में भी जनवरी और फरवरी के महीने में 50 करोड़ के करीब प्रॉपर्टी की बुकिंग हुई है.

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छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल में यह छूट

कमिश्नर ने बताया कि 3 साल से ज्यादा समय जिस प्रॉपर्टी का हो गया है और वह बिक नहीं रही है, ऐसी संपत्तियों में लगभग 20 प्रतिशत की छूट दी गई है. वहीं जिन प्रॉपर्टी को 1 साल से ज्यादा हो गए हैं ऐसी प्रॉपर्टी में भी 10 प्रतिशत की छूट दी गई है. सरकार ने सिर्फ छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल की प्रॉपर्टी पर ही छूट दी है. वहीं रायपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी की प्रॉपर्टी पर किसी प्रकार की छूट नहीं है.


आरडीए की प्रॉपर्टी बिक्री 2020

  • फरवरी महीने में आरडीए ने अपने प्रोजेक्ट से 297 यूनिट प्रॉपर्टी बेची. जिसमें 27.48 करोड रुपए की आवक हुई.
  • मार्च महीने में आरडीए ने 198 यूनिट प्रॉपर्टी बेची. जिसमें 19.06 करोड़ रुपए की बिक्री हुई.
  • मई महीने में आरडीए ने 19 यूनिट प्रॉपर्टी बेची जिसमे कुल 4.7 करोड़ रुपए बिक्री हुई.
  • जून महीने में आरडीए ने 11 यूनिट प्रॉपर्टी बेची. जिसमें कुल 6.40 करोड़ रुपए बिक्री हुई है.
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