कवासी लखमा के बयान ने पकड़ा तूल, पूर्व और वर्तमान मुख्यमंत्री आमने-सामने

author img

By

Published : Nov 24, 2022, 8:27 PM IST

Kawasi Lakhma sworn statement caught fire

tribal reservation छत्तीसगढ़ में आदिवासी आरक्षण का मुद्दा गरमाया हुआ है. इस बीच छत्तीसगढ़ के उद्योग और आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने भानुप्रतापपुर उपचुनाव प्रचार के दौरान एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने भानुप्रतापपुर में मिट्टी उठाकर कसम खाई है कि यदि वे आरक्षण नहीं दिला सके तो वे अगले साल चुनाव नहीं लड़ेंगे और खुद को राजनीति से अलग कर लेंगे. कवासी लखमा के इस बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता रमन सिंह ने तंज कसा है. वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि लखमा को इस्तीफा देने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

रायपुर: कवासी लखमा के बुधवार को भानुप्रतापपुर उपचुनाव प्रचार के दौरान दिए बयान से छत्तीसगढ़ की सियासत गर्मा (Kawasi Lakhma sworn statement caught fire) गई है. हालांकि कवासी लखमा अपने बयान पर कायम हैं. गुरुवार को रायपुर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कवासी लखमा ने कहा कि ''आदिवासियों को आरक्षण का लाभ नहीं दिला पाया तो अपने आपको राजनीति से अलग कर लूंगा. आदिवासियों के लिए राष्ट्रपति, राज्यपाल और सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे. अगर उस समय तक सफलता नहीं मिली तो अपने आपको राजनीति से अलग कर लूंगा.'' tribal reservation

कवासी लखमा के बयान ने पकड़ा तूल

डॉ रमन सिंह ने कवासी लखमा पर कसा तंज: भाजपा ने कवासी लखमा के इस बयान को लपक (Raman sigh targets CM Bhupesh Baghel) लिया है. पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने कवासी लखमा पर तंज कसते हुए कहा कि ''मंत्री कवासी लखमा को मुख्यमंत्री और भाजपा दोनों को ही गंभीरता से नहीं लेना चाहिए. कवासी लखमा कब क्या कहते हैं और कब बयान से पलट जाते हैं पता नहीं चलता.''

यह भी पढ़ें: सीएम भूपेश झूठ बोलकर बहाते हैं घड़ियाली आंसू, रमन सिंह का आरोपों पर पलटवार

रमन सिंह के बयान पर मुख्यमंत्री भूपेश का पलटवार: रमन सिंह के इस बयान पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि ''डॉ रमन सिंह ने 2003 से लेकर 2018 तक आरक्षण लागू नहीं किया था और किया तो हाईकोर्ट में टिक नहीं पाया. हम लोग आरक्षण के लिए विशेष सत्र बुला रहे हैं. कवासी लखमा को इस्तीफा देने की जरूरत नहीं पड़ेगी. कांग्रेस की सरकार आदिवासियों के साथ हमेशा खड़ी रही है.''

कवासी लखमा ने कहां और कब दिया था बयान: दरअसल भानुप्रतापपुर उपचुनाव में प्रचार के लिए निकले कवासी लखमा को आदिवासियों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है. बुधवार को भी भानुप्रतापपुर में कवासी लखमा और कांग्रेस प्रत्याशी सावित्री मंडावी को आदिवासियों का विरोध झेलना पड़ा. आदिवासियों ने साफ कहा है कि जो नेता आदिवासियों के बारे में नहीं सोच सकता वो आदिवासियों का नहीं हो सकता. इसके बाद कवासी लखमा ने वहीं जमीन से मिट्टी उठाई और कहा कि ''आरक्षण का लाभ नहीं दिला सके तो अगले साल चुनाव नहीं लड़ूंगा, राजनीति छोड़ दूंगा.''

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.