ETV Bharat / state

Rakshabandhan 2021: राखियों से गुलजार हुआ बाजार, दुकानदारों को ग्राहकों का इंतजार

author img

By

Published : Aug 19, 2021, 10:37 PM IST

इस बार का रक्षाबंधन भी कोरोना के चलते फीका ही जाएगा. ऐसा हम नहीं कर रहे बल्कि रायपुर में राखी दुकानदार कह रहे हैं. क्योंकि इस साल कोरोना की दूसरी लहर के कारण लोग आर्थिक रूप से पहले ही कमजोर है. ऐसे में भाई-बहन का त्योहार सामान्य रूप से ही मनाया जाएगा.

Rakshabandhan 2021
रक्षाबंधन 2021

रायपुर: देशभर में रक्षाबंधन (Rakshabandhan 2021 )का पर्व 22 अगस्त को मनाया जाएगा. बहन-भाई के त्योहार को देखते हुए रायपुर में भी राखियों से बाजार गुलजार हो गया है. लेकिन बाजारों से रौनक गायब है. राखी बेचने वाले दुकानदारों का कहना है कि रक्षाबंधन के 2 दिन पहले ही राखियों की दुकानों में रौनक देखने को मिलती थी. लेकिन इस बार महंगाई की वजह से त्योहार पर व्यापक असर पड़ा है. राखियों के दाम में लगभग 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. कोराना और लॉकडाउन की वजह से लोग आर्थिक तंगी और रोजजार से जूझ रहे हैं. इसलिए ग्राहक सस्ती राखियों को ज्यादा पसंद कर रहे हैं.

राखियों से गुलजार हुआ बाजार, दुकानदारों को ग्राहकों का इंतजार

इस साल भी प्रभावित होगा बाजार!

रायपुर में छोटी-बड़ी मिलाकर लगभग 1000 दुकान सजाई गई है. राखी बेचने वाले दुकानदार एक सप्ताह पहले से राखी की अलग-अलग वैरायटी को दुकान में रखते हैं. दुकानदार अब ग्राहक का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन फिलहाल ग्राहक नहीं आ रहे हैं. राखी दुकानदारों का कहना है कि पिछले साल कोरोना और लॉकडाउन की वजह से राखी का बाजार प्रभावित हुआ था. उन्हें आशंका है कि इस बार भी रक्षाबंधन पर त्योहार प्रभावित हो सकता है.

रायपुर के राखी बाजार (Rakhi market) में 10 रुपए से लेकर 300 रुपए तक की राखी बिक रही है. महंगी और फैंसी राखी बाजार में उपलब्ध है. लेकिन दुकानदारों का मानना है कि कोरोना और लॉकडाउन की वजह से बाजार प्रभावित हुआ है. जिसके कारण इस बार भी लोगों का बजट पटरी पर नहीं लौटा है.

Rakshabandhan 2021
राखी खरीदते ग्राहक

जानें कहां बांस से बनी राखियों से सजेंगी भाइयों की कलाई

तीसरी लहर की आशंका

इस बार भी रक्षाबंधन में चाइना राखी नहीं बेची जा रही है. सजे बाजार में स्वदेशी और मेड इन इंडिया ही राखियों बेची जा रही है. खरीदार भी इन्हीं राखियों को पसंद करते हैं. इस साल राखी के दुकानों में मोटू-पतलू, भीम वाली, स्टोन वाली, रेशम की डोरी, जुंबा राखियां ही बाजार में ज्यादा पसंद की जा रही है. कम मुनाफा देखते हुए दुकानदार ने इस साल भी राखी का स्टॉक कम रखा है. उनका कहना है कि कोरोना की वजह से सभी त्योहारों पर इसका असर देखा गया है.

श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है रक्षाबंधन का पर्व

भारतीय संस्कृति के अनुसार यह त्योहार श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है. रक्षाबंधन का दिन भाई बहन को स्नेह की डोर में बांधता है. इस दिन बहन अपने भाई के मस्तिष्क पर टीका लगाकर रक्षा का बंधन बांधती हैं. जिसे राखी के नाम से जाना जाता है. राखी कच्चे सूत जैसे सस्ती वस्तु से लेकर रंगीन कलावे, रेशमी धागे और सोने या चांदी जैसी महंगी वस्तु तक की हो सकती है. रक्षा का मतलब होता है सुरक्षा और बंधन का मतलब बाध्य हैं. रक्षाबंधन के दिन सभी बहने भगवान से अपने भाइयों की तरक्की के लिए ईश्वर से प्रार्थना करती हैं.

महालक्ष्मी ने देवताओं की मुक्ति के लिए बलि को बांधी थी राखी

रक्षाबंधन भारतीय सनातन परंपरा का सबसे पुराने त्योहारों में से एक माना जाता है. माता महालक्ष्मी ने देवताओं की मुक्ति के लिए बली को राखी बांधी थी. तब से यह त्योहार रक्षाबंधन के रूप में मनाया जा रहा है या त्यौहार भाई बहन के पवित्र रिश्ते को बल देता है और एक दूसरे की रक्षा को समर्पित होता है. भाई की कलाई पर राखी बांधकर बहन भाई की ही रक्षा को बल प्रदान करती है और सुरक्षित भाई बहन की रक्षा का संकल्प लेता है. इस प्रकार यह त्योहार भाई बहन दोनों की लंबी आयु और रक्षा के लिए समर्पित है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.