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विवेक तन्खा का केन्द्र पर प्रहार, कहा-नेशनल हेराल्ड केस में नहीं हुआ कोई क्राइम

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Published : Jun 12, 2022, 7:38 PM IST

Vivek Tankha
विवेक तन्खा

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और सीनियर एडवोकेट विवेक तन्खा (Senior Advocate Vivek Tankha attacked on central government) ने नेशनल हेराल्ड केस को लेकर कहा कि ये कोई क्राइम नहीं है. भाजपा जानबूझ कर कांग्रेस को बदनाम कर रही है.

रायपुर: कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और सीनियर एडवोकेट विवेक

तन्खा छत्तीसगढ़ प्रवास पर (Senior Advocate Vivek Tankha attacked on central government ) हैं. इस दौरान राज्यसभा सांसद ने मीडिया से मुखातिब हो कहा कि केंद्र सरकार ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ झूठे केस लगाए गए हैं. नेशनल हेराल्ड एक ब्रांड है, जो स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा रहा है. इसे जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल जैसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने शुरू किया था. यह कांग्रेस की आइडियोलॉजी से जुड़ा हुआ है."

राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा

जब अखबार घाटे में जाने लगा: उन्होंने कहा कि समय के साथ यह अखबार घाटे में जाने लगा था. इस संकट से उसे उबारने के लिए कांग्रेस ने साल 2002 से 2011 के दौरान इसे 90 करोड़ रुपए लगभग 100 किश्तों में ऋण दिया. इस 90 करोड़ रुपए की राशि में से 67 करोड़ रुपए नेशनल हेराल्ड ने अपने कर्मचारियों को वेतन और VRS का भुगतान करने के लिए उपयोग किया. ऋण को इक्विटी शेयर में परिवर्तित किया गया. बाकी की राशि को बिजली शुल्क, गृहकर, किराएदारी शुल्क और भवन व्यय आदि जैसी सरकारी देनदारियों के भुगतान में इस्तेमाल किया गया. यह 90 करोड़ रुपए का ऋण नेशनल हेराल्ड और उसकी मूल कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड द्वारा चुकाना संभव नहीं था. इसलिए ऋण को एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के इक्विटी शेयरों में परिवर्तित कर दिया गया."

इसे अपराध नहीं कहा जा सकता: विवेक तन्खा ने कहा, "भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इक्विटी शेयरों का स्वामित्व अपने पास नहीं रख सकती थी. इसलिए इसको सेक्शन-25 के अंतर्गत स्थापित 'यंग इंडियन' नामक नॉट-फॉर-प्रॉफिट कंपनी को आवंटित कर दिया गया. कांग्रेस लीडरशिप के तौर पर सोनिया गांधी, राहुल गांधी, ऑस्कर फर्नांडिस, मोतीलाल वोरा, सुमन दबे आदि इस 'नॉट-फॉर प्रॉफिट' कंपनी की ऐप खोलें के सदस्य रहे. यह कंपनियों की सामान्य प्रैक्टिस का हिस्सा है. बड़ी कंपनियां ऐसा लगातार करती हैं, इसे अपराध नहीं कहा जाता."

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जब कुछ हुआ ही नहीं तो केस कैसा: विवेक तन्खा ने कहा, "'नॉट-फॉर प्रॉफिट' की अवधारणा पर स्थापित किसी भी कंपनी के शेयर धारक/प्रबंध समिति के सदस्य कानूनी रूप से कोई लाभांश, लाभ, वेतन या अन्य वित्तीय लाभ नहीं ले सकते हैं. इसलिए, सोनिया गांधी, राहुल गांधी या 'यंग इंडियन' में किसी अन्य व्यक्ति द्वारा किसी भी प्राप्ति या वित्तीय लाभ का प्रश्न ही नहीं उठता. जब ऐसा कुछ हुआ नहीं तो क्राइम कैसा और केस कैसा?"

मामले में नहीं बनता कोई केस: विवेक तन्खा ने बताया, "इस मामले में कोई एफआईआर नहीं हुई है. भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एक शिकायत में आरोप लगाया था. नेशनल हेराल्ड में में इक्विटी का प्रावधान कानूनन गलत है. प्रवर्तन निदेशालय ने शुरुआती जांच में पाया कि इस मामले में कोई केस बनता ही नहीं है. इसलिए उसे बंद कर दिया गया था. 2018-19 में भाजपा सरकार के दबाव में ईडी ने इसे फिर खोला है."



कांग्रेस को बदनाम कर रही भाजपा: विवेक तन्खा ने बताया, "यह फर्जी केस है. इसलिए कांग्रेस नेतृत्व ने तय किया है कि वे जांच का सामना करेंगे.राहुल गांधी 13 जून को प्रवर्तन निदेशालय जाएंगे. अगर सोनिया गांधी जी की तबीयत भी ठीक रही तो 23 को वे भी जाने की कोशिश करेंगी. विवेक तन्खा ने कहा, भाजपा के दबाव से उनको कोई डर नहीं है. लेकिन कांग्रेस नेतृत्व को बदनाम करने के लिए जो तरीका अपनाया गया है, हम उसका विरोध करते हैं."

भाजपा में जाने से खत्म हो जाता है केस: विवेक तन्खा ने कहा,"यह भाजपा का स्टाइल है कि ईडी में केस दर्ज करवाओ और भाजपा ज्वाइन करवाओ, भाजपा ज्वाइन करने के बाद केस समाप्त हो जाता है. इस दौरान विवेक

तन्खा ने एक सूची दिखाते हुए कहा कि पिछले कुछ सालों में भाजपा ने विपक्ष के नेताओं पर लगातार ईडी के केस दर्ज कराए हैं. उन पर छापे पड़े हैं. क्या पूरे देश में उन्हें विपक्ष के नेता ही मिलते हैं. क्या भाजपा के नेताओं के खिलाफ उनके पास कुछ नहीं है. उनके खिलाफ ईडी क्यों कार्रवाई नहीं कर रही है. यह भी बिल्कुल स्पष्ट है कि जो नेता भाजपा जॉइन कर लेते हैं, उन पर सभी तरह के केस समाप्त हो जाते हैं. जैसे ही कोई भाजपा छोड़ता है केस शुरू हो जाते हैं. तन्खा ने कहा, इस हथकंडे से कांग्रेस नेतृत्व डरने वाला नहीं है. नेशनल हेराल्ड केस में कोई क्राइम नहीं हुआ है."

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