ETV Bharat / state

Putrada Ekadashi : निसंतान दंपतियों के लिए सौभाग्य लाता है पुत्रदा एकादशी, जानिए कैसे करें पूजा ?

author img

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 24, 2023, 8:53 PM IST

Putrada Ekadashi हिंदू धार्मिक ग्रंथों और पुराणों में संतान प्राप्ति के लिए कई बातों का उल्लेख है. इन्हीं में से एक है पुत्रदा एकादशी. साल में दो बार आने वाले इस एकादशी को संतान प्राप्ति की कामना के लिए किया जाता है.आईए जानते हैं कैसे इस व्रत को किया जाता है.

Putrada Ekadashi
निसंतान दंपतियों के लिए सौभाग्य लाता है पुत्रदा एकादशी

निसंतान दंपतियों के लिए सौभाग्य लाता है पुत्रदा एकादशी

रायपुर : विवाह के बाद ऐसे दंपती जिन्हें संतान प्राप्ति में तकलीफ होती है, उनके लिए पुत्रदा एकादशी का व्रत करना शुभ माना जाता है. इस साल ये एकादशी 27 अगस्त दिन रविवार को पड़ रही है. पुत्रदा एकादशी अभिष्ट फल देने वाली मानी जाती है. पुत्रदा एकादशी का व्रत करने से संतान प्राप्ति के योग बढ़ते हैं. इसलिए निसंतान दंपत्तियों को पुत्रदा एकादशी के व्रत का पालन पूरे भक्ति भाव से करना चाहिए.


संतान प्राप्ति के लिए किया जाता है व्रत : यह तिथि पुत्र सन्तान की प्राप्ति के लिए विशेष पूजा और व्रत का आयोजन करने के लिए जानी जाती है. यह व्रत विशेष रूप से पुत्रहीन या संतानहीन लोगों के लिए ही है. पुत्रदा एकादशी का व्रत कृष्ण पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को पड़ती है. जिसका मतलब ये है कि यह कई मासिक तिथियों पर पड़ सकती है. इस दिन व्रत करने वाले व्यक्ति नियमित ध्यान, पूजा, जाप करते हैं और सन्तान प्राप्ति की कामना करते हैं.

कैसे करें पुत्रदा एकादशी के दिन पूजा ?: इस दिन सुबह उठकर योग ध्यान, सूर्य नमस्कार से निवृत्त होकर भगवान भोलेनाथ का ध्यान करना चाहिए. शिवालय जाकर भगवान भोलेनाथ को दूध, जल, पंचामृत, बेलपत्र, आक के फूल, धतूरा, नीले पुष्प से शिवलिंग का श्रृंगार करना चाहिए. यह श्रृंगार सच्चे मन से करना चाहिए. इसके साथ ही श्री हरि भगवान विष्णु को स्मरण करते हुए इस एकादशी के व्रत का संकल्प लेना चाहिए. इस एकादशी व्रत को निश्चल मन से संकल्प लेकर पूरी श्रद्धा के साथ करना चाहिए. आज के शुभ दिन बाल गोपाल यानी भगवान कृष्ण को अच्छी तरह निर्मल और साफ कर उन्हें सुंदर से पात्र में विधिवत आसन लगाकर स्थापित करना चाहिए.


पुत्रदा एकादशी के बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि यह एकादशी पुत्र की लंबी आयु, आयुष, सौभाग्य और पुत्र की कामना के लिए भी होती है. इस एकादशी का व्यापक महत्व है. पुत्रदा एकादशी वर्ष में दो बार मनाई जाती है. श्रावण मास की एकादशी का विशिष्ट महत्व माना गया है. इस शुभ दिन भगवान विष्णु, गोपाल कान्हा, भगवान के साथ श्रावण में सृष्टि का संचालन करने वाले भगवान भोलेनाथ की भी पूजा की जाती है.

''बाल गोपाल कान्हा भगवान की शुद्ध गाय के दूध से अभिषेक करना चाहिए.ये दूध संतान को जन्म दी हुई गौ माता से ही निकाला जाना चाहिए. पूरे विधान पूर्वक गौमाता से अनुमति लेकर श्रद्धा भाव से गौमाता का दूध निकाला जाना चाहिए. ऐसे विशुद्ध दूध को ही इस पूजन में प्रयोग में लाना चाहिए. आज के शुभ दिन संतान कामना के लिए भगवान श्री कृष्ण के विशिष्ट मंत्र ओम क्लीम देवकीसुत का पाठ श्रद्धा पूर्वक करना चाहिए.बाल गोपाल भगवान को लड्डू, खीर, मक्खन से बने हुए पदार्थ, मिष्ठान दूध से बनी हुई मिठाईयां, नैवेद्य का भोग लगाना चाहिए.'' पंडित विनीत शर्मा,ज्योतिषाचार्य

बिना पैसा खर्च किए दूर करें सभी वास्तुदोष, जानें सरल उपाय...
Vastu Tips For Plants : आषाढ़ में कौन सा पेड़ लगाने से आपके वास्तु दोष होगा दूर, जानिए
Effect Of Moon On Zodiac Signs : चंद्रमा का राशियों पर असर, राशियों को करता है बलवान

पुत्रदा एकादशी में क्या रखें ध्यान ? : इस व्रत को पूरे नियम के साथ पालन करना चाहिए. यह व्रत पूरी श्रद्धा और अविचल निष्ठा के साथ करना चाहिए. इस व्रत को फलाहारी एकासना रूप में किया जा सकता है.पुराणों में भी ये लिखा है कि ये व्रत संतान प्राप्ति के लिए सहायक है. इस पवित्र पावन और शुभ एकादशी को सुंदर हृदय के साथ और पवित्र मन से करना चाहिए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.