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बेमौसम बारिश से धान बर्बाद, विपक्ष और किसान पूछ रहे सवाल-1 नवंबर की बजाय 1 दिसंबर से क्यों शुरू होगी खरीदी

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Published : Nov 22, 2021, 8:16 PM IST

Updated : Nov 22, 2021, 9:13 PM IST

धान खरीदी के मुद्दे पर भाजपा लगातार छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश सरकार पर हमलावर है. भाजपा का कहना है कि एक माह की देरी से धान खरीदी शुरू होने के कारण प्रदेश के 20 जिलों से भी ज्यादा में किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं. लेकिन सरकार को इसकी कोई चिंता ही नहीं है.

Politics intensified on paddy purchase
धान खरीदी पर राजनीति तेज

रायपुर : 1 दिसंबर से राज्य सरकार धान की खरीदी (Purchase Of Paddy) करेगी. लेकिन छत्तीसगढ़ में कई ऐसे छोटे किसान हैं, जिनकी धान की कटाई 1 नवंबर से ही शुरू हो जाती है. वहीं बेमौसम बारिश (Unseasonal Rain) होने की वजह से उनके खेतों में अभी पानी भर गया है. इससे कटी हुई धान की फसल अब खराब होने लगी है. ऐसे में किसान इस बात से चिंतित हैं कि एक तो उन्होंने अपनी धान की फसल काट ली है. ऊपर से बेमौसम हुई बारिश की वजह से उनके खेतों में रखी फसल बर्बाद हो रही है. अपना धान किसान कटाई कर लेने के बाद आखिर रखें कहां, यह भी उनके लिए परेशानी का सबब बना हुआ है.

धान खरीदी पर राजनीति तेज

20 जिलों से ज्यादा में किसानों की धान बर्बाद...

छत्तीसगढ़ में देरी से शुरू होने वाली धान खरीदी के पूरे मामले पर भाजपा प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास (BJP Spokesperson Gaurishankar Srivas) ने कहा कि राज्य सरकार ने जिस प्रकार से फैसला लिया था कि 1 दिसंबर से धान की खरीदी करेंगे, उसका असर स्पष्ट रूप से आप लोगों के सामने दिख रहा है. पिछले 1 हफ्ते से प्रदेश में लगातार बारिश हो रही है. बारिश के चलते प्रदेश में 20 जिलों से ज्यादा में किसानों की फसल बर्बाद हो चुकी है. अभी तक उनकी क्षतिपूर्ति का निर्धारण सरकार नहीं कर पाई है. कलेक्टरों ने अभी तक रिपोर्ट नहीं सौंपी है. यह प्रदेश के किसानों पर सीधा-सीधा कुठाराघात है.

किसानों को नहीं मिला 2 साल का बकाया बोनस...

श्रीवास ने आगे कहा कि किसानों को अबतक 2 साल का बकाया बोनस भी नहीं दिया जा सका है. सहकारी समिति में बारदानों की भी व्यवस्था नहीं है. साथ-साथ सरकारी समिति के सारे कर्मचारी आंदोलनरत हैं. सरकार उनका आंदोलन समाप्त करने के लिए किसी प्रकार से कोई प्रयास नहीं कर रही है. ऐसे में प्रदेश के किसानों की धान खरीदी कैसे होगी? यह किसानों के साथ धोखा है, छल है, विश्वासघात है.

6 सूत्री मांगों को निराकरण करे सरकार, नहीं तो प्रदेश में आंदोलन करेगा भाजपा किसान मोर्चा

इन सब को लेकर आज हम राज्यपाल (Governor) के पास गुहार लगाने आए हैं. हम उम्मीद करते हैं कि राज्य सरकार हमारी 6 सूत्री मांगों का निराकरण करने के लिए पहल करे, नहीं तो भाजपा किसान मोर्चा (BJP Kisan Morcha) पूरे प्रदेश में राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ेगा. इसकी रूपरेखा हमने तैयार कर ली है. आज पूरे प्रदेश के हर जिले में महामहिम राज्यपाल के नाम से ज्ञापन सौंपा जा रहा है. राज्य सरकार इस मामले में गंभीरता नहीं दिखाती है तो आने वाले समय में उग्र प्रदर्शन भाजपा किसान मोर्चा करेगा.

3 साल पहले 1 महीने देरी से शुरू हुई थी धान खरीदी, तभी से यह चल रहा

इधर, 1 दिसंबर से धान खरीदी के मुद्दे पर सरकार के प्रवक्ता मोहम्मद अकबर (Government Spokesman Mohammad Akbar) ने कहा कि 3 साल पहले बारिश लगभग 1 महीने देरी से हुई थी. जिस वजह से किसानों के द्वारा फसल 1 महीने देरी से दी गई. उस दौरान ही 1 दिसंबर से ही धान खरीदी करने का सरकार ने निर्णय लिया था, जो लगातार जारी है.

Last Updated : Nov 22, 2021, 9:13 PM IST
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