ETV Bharat / state

अयोध्या राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की घड़ी आई, रामजी के ननिहाल में सियासी पारा हाई

author img

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 9, 2024, 11:00 PM IST

Updated : Jan 10, 2024, 7:06 AM IST

ram temple inauguration 22 जनवरी को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है. दुनियाभर के देशों से भक्त रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या की पावन धरती पर पहुंचेंगे. भक्त जहां राम मंदिर को लेकर उत्साहित हैं वहीं छत्तीसगढ़ में राम मंदिर पर सियासी घमासान शुरु हो गया है.

Ram temple inauguration
राम पर सियासी घमासान
रामजी के ननिहाल में सियासी पारा हाई

रायपुर: लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरु हो चुकी हैं. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव जीतने के बाद जहां बीजेपी जोश में है वहीं कांग्रेस इंडिया गठबंधन के दम पर बीजेपी को हराने का दम ठोक रही है. 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है. राम मंदिर पर अब सियासी घमासान भी शुरु हो गया है. बीजेपी जहां रामलला के प्राण प्रतिष्ठा को भव्य बनाने के लिए दिन रात जुटी है. राम मंदिर के आयोजन को कांग्रेस बीजेपी का सियासी चाल बता रही है. कांग्रेस का कहना है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में सियासी माइलेज लेने के लिए बीजेपी इसे आंदोलन का रुप दे रही है. बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा है कि राम के अस्तित्व को स्वीकार नहीं करने वाले आज राम का नाम तो ले रहे हैं. बीजेपी ने कहा कि जब मंदिर नहीं बन रहा था तो सदन से लेकर बाहर तक चिल्लाते थे. हर मंच से कांग्रेसी पूछते थे मंदिर कब बनाएंगे तारीख नहीं बताएंगे. बीजेपी ने कहा अब तो तारीख भी नजदीक आ गई है निमंंत्रण भी भेज दिया गया है, देखते हैं कौन-कौन आता है.


राम के नाम पर सियासी घमासान: छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर लोग उत्साहित हैं. लेकिन अब रामजी के नाम पर कांग्रेस और बीजेपी में सियासी घमासन शुरु हो चुका है. कांग्रेस का कहना है कि राम मंदिर आस्था का प्रतीक है लेकिन बीजेपी इसे सिसायत का केंद्र बनाने पर तुली है. बीजेपी ने कांग्रेस के इन आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि राम आस्था का केंद्र हैं ये जग जाहिर है. कांग्रेस के नेता ही यदा कदा ये कहते रहे हैं कि राम का अस्तित्व नहीं है. कांग्रेस के नेता तो यहां तक कर रहे थे राम सेतु जैसी कोई चीज नहीं है. बीजेपी ने तंज कसते हुए कहा कि राम को नहीं मानने वाले भी अब राम की शरण में आ रहे हैं.

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर का कहना है कि "केंद्र की मोदी सरकार की नाकामियों पर पर्दा डालने के लिए भाजपा हम सबके हिंदुओं के पूजनीय देवता मर्यादा पुरुषोत्तम राम के नाम से सिर्फ राजनीति कर रही है. यदि भाजपा भगवान राम के बताएं मार्ग पर चलती, तो 10 साल में देश आज खुशहाल होता, बेरोजगारी की समस्या नहीं होती. लेकिन भाजपा सरकार ने 10 साल कोई काम नहीं किया. अब भगवान राम के नाम पर हमारी भावनाओं से खिलवाड़ करने की कोशिश बीजेपी कर रही है"

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास का कहना है कि "राम मंदिर का बनना रामद्रोहियों को रास नहीं आ रहा है. गाहे बगाहे इनकी कुंठा वह पूरी तरह से प्रदर्शित हो रही है ,और पूरे देश में जो वातावरण बना है, निश्चित तौर पर इसकी कल्पना हमारे पुरखों ने की थी. 500 साल का इतिहास हमने बदला है. एक लंबी लड़ाई हमने लड़ी है. निश्चित तौर पर पूरा देश आज राममय हो रहा है. कांग्रेस पार्टी आज भी रावण की तरह विलाप कर रही है. राजनीति उन्होंने किया है, देश को धर्म और जाति के आधार पर तोड़ा है, इनका कोई नैतिक अधिकार नहीं बनता कि वे हम पर आरोप लगाएं"

बयानबाजी पर क्या कहते हैं राजनीति के एक्सपर्ट: छत्तीसगढ़ की राजनीति की नब्ज समझने वाले पत्रकार भी मानते हैं कि बीजेपी ने राम मंदिर के नाम पर कांग्रेस को ट्रैप कर लिया है. विधानसभा चुनाव के दौरान ही बीजेपी ने तय कर लिया था कि राम मंदिर को वो लोकसभा में चुनावी मुद्दा बनाएगी. विधानसभा चुनाव के दौरान तो राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा चुनावी मुद्दा रही ही. वरिष्ठ पत्रकार अनिरुद्ध दुबे भी मानते हैं कि 22 तारीख को होने वाली प्राण प्रतिष्ठा की गूंज कई महीनों तक जनता के कानों में गूंजेगी. बीजेपी लोकसभा चुनाव के दौरान अगर इसका फायदा उठाने की कोशिश करती है तो उसकी अपनी रणनीति है. क्योंकि बीजेपी ने छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव से ही इस मुद्दे पर काम करना शुरू कर दिया था.

रामजी का ननिहाल है छत्तीसगढ़: मान्यता है कि भगवान राम की माता कौशल्या का मायका छत्तीसगढ़ में था इस लिहाज से भगवान राम का निनिहाल छत्तीसगढ़ हुआ. राम मंदिर में जो प्रसाद बनने वाला है उसके लिए रामजी के ननिहाल से सुगंधित चावल की खेप भी अयोध्या भेजी गई है. देश सहित पूरे प्रदेश में रामजी के आगमन को लेकर मंदिरों और घरों में भजन पूजन हो रहा है. ऐसे में सियासी बयानबाजी होने से लोग खफा भी हो रहे हैं.

'राम आएंगे तो अंगना सजाएंगे', गीत गाकर लोगों को निमंत्रण दे रहे बिहार के इस्लाम मियां
चंपत राय के बयान पर छिड़ा बवाल, शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने इस्तीफे की उठाई मांग
राम मंदिर निर्माण : 34 साल पहले किया गया था बंशी पहाड़पुर के प्रसिद्ध पत्थर का चयन

रामजी के ननिहाल में सियासी पारा हाई

रायपुर: लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरु हो चुकी हैं. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव जीतने के बाद जहां बीजेपी जोश में है वहीं कांग्रेस इंडिया गठबंधन के दम पर बीजेपी को हराने का दम ठोक रही है. 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है. राम मंदिर पर अब सियासी घमासान भी शुरु हो गया है. बीजेपी जहां रामलला के प्राण प्रतिष्ठा को भव्य बनाने के लिए दिन रात जुटी है. राम मंदिर के आयोजन को कांग्रेस बीजेपी का सियासी चाल बता रही है. कांग्रेस का कहना है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में सियासी माइलेज लेने के लिए बीजेपी इसे आंदोलन का रुप दे रही है. बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा है कि राम के अस्तित्व को स्वीकार नहीं करने वाले आज राम का नाम तो ले रहे हैं. बीजेपी ने कहा कि जब मंदिर नहीं बन रहा था तो सदन से लेकर बाहर तक चिल्लाते थे. हर मंच से कांग्रेसी पूछते थे मंदिर कब बनाएंगे तारीख नहीं बताएंगे. बीजेपी ने कहा अब तो तारीख भी नजदीक आ गई है निमंंत्रण भी भेज दिया गया है, देखते हैं कौन-कौन आता है.


राम के नाम पर सियासी घमासान: छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर लोग उत्साहित हैं. लेकिन अब रामजी के नाम पर कांग्रेस और बीजेपी में सियासी घमासन शुरु हो चुका है. कांग्रेस का कहना है कि राम मंदिर आस्था का प्रतीक है लेकिन बीजेपी इसे सिसायत का केंद्र बनाने पर तुली है. बीजेपी ने कांग्रेस के इन आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि राम आस्था का केंद्र हैं ये जग जाहिर है. कांग्रेस के नेता ही यदा कदा ये कहते रहे हैं कि राम का अस्तित्व नहीं है. कांग्रेस के नेता तो यहां तक कर रहे थे राम सेतु जैसी कोई चीज नहीं है. बीजेपी ने तंज कसते हुए कहा कि राम को नहीं मानने वाले भी अब राम की शरण में आ रहे हैं.

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर का कहना है कि "केंद्र की मोदी सरकार की नाकामियों पर पर्दा डालने के लिए भाजपा हम सबके हिंदुओं के पूजनीय देवता मर्यादा पुरुषोत्तम राम के नाम से सिर्फ राजनीति कर रही है. यदि भाजपा भगवान राम के बताएं मार्ग पर चलती, तो 10 साल में देश आज खुशहाल होता, बेरोजगारी की समस्या नहीं होती. लेकिन भाजपा सरकार ने 10 साल कोई काम नहीं किया. अब भगवान राम के नाम पर हमारी भावनाओं से खिलवाड़ करने की कोशिश बीजेपी कर रही है"

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास का कहना है कि "राम मंदिर का बनना रामद्रोहियों को रास नहीं आ रहा है. गाहे बगाहे इनकी कुंठा वह पूरी तरह से प्रदर्शित हो रही है ,और पूरे देश में जो वातावरण बना है, निश्चित तौर पर इसकी कल्पना हमारे पुरखों ने की थी. 500 साल का इतिहास हमने बदला है. एक लंबी लड़ाई हमने लड़ी है. निश्चित तौर पर पूरा देश आज राममय हो रहा है. कांग्रेस पार्टी आज भी रावण की तरह विलाप कर रही है. राजनीति उन्होंने किया है, देश को धर्म और जाति के आधार पर तोड़ा है, इनका कोई नैतिक अधिकार नहीं बनता कि वे हम पर आरोप लगाएं"

बयानबाजी पर क्या कहते हैं राजनीति के एक्सपर्ट: छत्तीसगढ़ की राजनीति की नब्ज समझने वाले पत्रकार भी मानते हैं कि बीजेपी ने राम मंदिर के नाम पर कांग्रेस को ट्रैप कर लिया है. विधानसभा चुनाव के दौरान ही बीजेपी ने तय कर लिया था कि राम मंदिर को वो लोकसभा में चुनावी मुद्दा बनाएगी. विधानसभा चुनाव के दौरान तो राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा चुनावी मुद्दा रही ही. वरिष्ठ पत्रकार अनिरुद्ध दुबे भी मानते हैं कि 22 तारीख को होने वाली प्राण प्रतिष्ठा की गूंज कई महीनों तक जनता के कानों में गूंजेगी. बीजेपी लोकसभा चुनाव के दौरान अगर इसका फायदा उठाने की कोशिश करती है तो उसकी अपनी रणनीति है. क्योंकि बीजेपी ने छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव से ही इस मुद्दे पर काम करना शुरू कर दिया था.

रामजी का ननिहाल है छत्तीसगढ़: मान्यता है कि भगवान राम की माता कौशल्या का मायका छत्तीसगढ़ में था इस लिहाज से भगवान राम का निनिहाल छत्तीसगढ़ हुआ. राम मंदिर में जो प्रसाद बनने वाला है उसके लिए रामजी के ननिहाल से सुगंधित चावल की खेप भी अयोध्या भेजी गई है. देश सहित पूरे प्रदेश में रामजी के आगमन को लेकर मंदिरों और घरों में भजन पूजन हो रहा है. ऐसे में सियासी बयानबाजी होने से लोग खफा भी हो रहे हैं.

'राम आएंगे तो अंगना सजाएंगे', गीत गाकर लोगों को निमंत्रण दे रहे बिहार के इस्लाम मियां
चंपत राय के बयान पर छिड़ा बवाल, शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने इस्तीफे की उठाई मांग
राम मंदिर निर्माण : 34 साल पहले किया गया था बंशी पहाड़पुर के प्रसिद्ध पत्थर का चयन
Last Updated : Jan 10, 2024, 7:06 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.