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माता कौशल्या के जन्मस्थान पर सियासत, कोई कहे चंदखुरी, तो कोई कहे कोसला

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Published : Dec 19, 2020, 9:50 PM IST

भगवान श्रीराम के बाद अब माता कौशल्या के नाम पर सियासत जारी है. माता कौशल्या के जन्म स्थान मामले में बीजेपी-कांग्रेस में जुबानी जंग छिड़ी हुई है. कोई चंदखुरी में तो कोई कोसला को जन्म स्थल बता रहा है. ऐसे में माता कौशल्या के जन्मस्थान मामले में विवाद खड़ा हो गया है.

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माता कौशल्या के जन्मस्थान पर सियासत

रायपुर: छत्तीसगढ़ को भगवान राम का ननिहाल कहा जाता है. चंदखुरी में माता कौशल्या का एकमात्र मंदिर भी है. इस स्थान को मां कौशल्या का जन्मस्थान भी कहा जाता है. बघेल सरकार ने यहीं दो साल पूरे होने का जश्न भी मनाया. लेकिन अब पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर के बयान के बाद कौशल्या जन्मस्थान को लेकर सियासत तेज हो गई. अजय चंद्राकर ने ये कहकर कि चंदुखुरी में माता कौशल्या का मंदिर है, जन्मस्थान नहीं विवाद खड़ा कर दिया है.

माता कौशल्या के जन्मस्थान पर सियासत

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अजय चंद्राकर के बयान पर मंत्री शिव डहरिया ने पलटवार किया है. डहरिया ने कहा कि चंदखुरी माता कौशल्या की नगरी रही है. किसी के कहने से कुछ बदल नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि चंद्राकर की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. उन्होंने पहले कहा था कि अगर कांग्रेस सरकार कर्जमाफी कर देगी तो मैं इस्तीफा दे दूंगा, लेकिन उन्होंने आज तक इस्तीफा नहीं दिया है. ऐसे में उन्हें पहले अपना वादा निभा लेना चाहिए.

पढ़ें: राम के बाद माता कौशल्या पर छिड़ी जंग, CM बघेल ने कहा- नाकामी स्वीकारें रमन सिंह

जांगड़े ने कहा- विधानसभा में उठाएंगे मुद्दा

इसी के फौरन बाद पूर्व संसदीय सचिव अंबेश जांगड़े कोसला मंदिर पहुंचे. वहां पूजा अर्चना के बाद जांगड़े ने भी यही दावा किया कि चंदखुरी माता कौशल्या का जन्मस्थान नहीं है. पूर्व संसदीय सचिव अंबेश जांगड़े ने कहा कि इस मामले को वे वरिष्ठ भाजपा नेताओं के बीच रखेंगे और इस मुद्दे को विधानसभा में भी उठाया जाएगा.

सीएम ने कहा- नाकामी स्वीकारे रमन

जैसे-जैसे जुबानी जंग तेज हुई, सीएम भूपेश बघेल का भी बयान आ गया. सीएम ने कहा कि रमन सिंह को पीड़ा नहीं होनी चाहिए बल्कि उन्हें अपनी नाकामी को स्वीकार करना चाहिए. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि 15 साल में रमन सिंह ने राम वन पथ गमन नहीं बनाया. आज हम इसे पर्यटन के हिसाब से औक संस्कृति के हिसाब से उसे डेवलप कर रहे हैं, तो रमन सिंह को पीड़ा नहीं होनी चाहिए. उन्हें अपनी नाकामी को स्वीकार करना चाहिए.

सरकार ने मनाया था दो साल का जश्न

चंदखुरी में सरकार भव्य मंदिर का निर्माण करा रही है. दो साल के कार्यकाल पूरे होने पर भूपेश मंत्रिमंडल ने चंद्रखुरी पहुंचकर माता कौशल्या मंदिर में पूजा अर्चना की थी. इसके बाद से दी इस पर बयानबाजी जारी है.

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