ETV Bharat / state

मेकाहारा में पहला HIPEC treatment, ओवेरियन कैंसर से पीड़ित 45 साल की महिला का सफल ऑपरेशन

author img

By

Published : Jun 11, 2021, 9:22 AM IST

रायपुर के मेकाहारा हॉस्पिटल (Mekahara Hospital ) में पहली बार ओवेरियन कैंसर (ovarian cancer) से पीड़ित महिला का (HIPEC) तकनीक से सफल ऑपरेशन किया गया. क्षेत्रीय कैंसर संस्थान के डॉक्टरों ने लगभग 7 से 8 घंटे ऑपरेशन कर महिला को नया जीवन दिया.

Ovarian cancer of 45 year old woman was successfully operated with Hipec treatment in Mekahara Hospital of raipur
ओवेरियन कैंसर से पीड़ित 45 साल की महिला का सफल ऑपरेशन

रायपुर: डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय स्थित क्षेत्रीय कैंसर संस्थान के डॉक्टरों ने गुरुवार को ओवेरियन कैंसर (ovarian cancer) का सफल ऑपरेशन किया. यूटरेस कैंसर से जूझ रही 45 साल की महिला का उपचार हाईपेक ( Hyperthermic intraperitoneal chemotherapy (HIPEC)तकनीक से कर महिला को नया जीवन दिया है. लगभग 7 से 8 घंटे तक कैंसर सर्जरी ऑपरेशन थियेटर में चली. इस पूरी प्रक्रिया में क्षेत्रीय कैंसर संस्थान के डॉक्टरों ने मरीज के कैंसरग्रस्त गांठों को नष्ट करने के लिये पहली बार हाइपेक तकनीक (HIPEC) का प्रयोग किया. हाइपेक प्रक्रिया (HIPEC) कैंसर सर्जरी के साथ की जाती है. जिसमें कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए उच्च तापमान के साथ कीमोथेरेपी दवाओं का उपयोग शामिल है.

Ovarian cancer of 45 year old woman was successfully operated with Hipec treatment in Mekahara Hospital of raipur
मेकाहारा में पहला HIPEC treatment

क्षेत्रीय कैंसर संस्थान के निदेशक प्रो. डॉ. विवेक चौधरी के नेतृत्व में हाईपेक ( Hyperthermic intraperitoneal chemotherapy (HIPEC) तकनीक से कैंसर का ऑपरेशन किया गया. इस इलाज में कैंसर सर्जन प्रो डॉ आशुतोष गुप्ता, डॉ भारत भूषण, डॉ शांतनु तिवारी, डॉ क्षितिज वर्मा, डॉ मनीष साहू और एनेस्थेटिस्ट डॉ सोनाली साहू की मुख्य भूमिका रही.

बस्तर के रास्ते रायुपर पहुंचा मानसून, 24 से 48 घंटों का रेड अलर्ट

क्या है हाईपेक (HIPEC) तकनीक

हाइपरथर्मिक इंट्रापेरिटोनियल कीमोथेरेपी ( Hyperthermic intraperitoneal chemotherapy (HIPEC) कैंसर उपचार की एक पद्धति है. जिसमें उदर गुहा (
abdominal cavity) के जरिए सर्जरी के तुरंत बाद कीमोथेरेपी दवाएं दी जाती हैं. दवाओं को एक निश्चित तापमान पर गर्म किया जाता है. पेट के ट्यूमर और प्रभावित अन्य हिस्सों को सर्जरी के जरिये हटाने के बाद हाईपेक (HIPEC) तकनीक का उपयोग किया जाता है. इस प्रक्रिया के दौरान रोगी के शरीर का तापमान (body temperature) सुरक्षित रखा जाता है. इस तकनीक का फायदा यह है कि कीमोथेरेपी की दवा पेट के सभी हिस्सों तक पहुंच जाती है और कैंसर कोशिकाओं को नष्ट कर देती है. जिससे भविष्य में कैंसर की पुनरावृत्ति का जोखिम कम हो जाता है. यह कई हफ्तों में किये जाने वाले लम्बे उपचार के बजाय ऑपरेटिंग रूम में किया जाने वाला एक ही उपचार है. नब्बे प्रतिशत दवा पेट के अंदर रहती है जो शरीर के बाकी हिस्सों पर दवा के विषाक्त प्रभाव को कम करती है.

सीएम भूपेश बघेल राजनांदगांव और धमतरी को देंगे करोड़ों के विकासकार्यों की सौगात

कैंसर के लिए पहला HIPEC treatment

क्षेत्रीय कैंसर संस्थान के कैंसर सर्जन प्रो डॉ आशुतोष गुप्ता (Cancer Surgeon Prof Dr Ashutosh Gupta) ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि रायपुर की 45 वर्षीय महिला ओवेरियन कैंसर (ovarian cancer) की बीमारी का इलाज कराने कैंसर विभाग में पहुंची थी. यहां पर कैंसर संस्थान के निदेशक प्रो डॉ विवेक चौधरी ने महिला की बीमारी की जांच रिपोर्ट के आधार पर पाया कि यह कैंसर काफी एडवांस स्टेज में है. समय रहते उपचार करना जरूरी है. ट्यूमर बोर्ड की मीटिंग (tumor board meeting) में डॉ विवेक चौधरी और डॉ आशुतोष गुप्ता ने महिला के उपचार के संबंध में दिशा-निर्देश तय किया और महिला के एडवांस स्टेज के ओवेरियन कैंसर (ovarian cancer) से प्रभावित हिस्सों को नष्ट करने के लिये हाईपेक (HIPEC) पद्धति से उपचार करने का निर्णय लिया. इसके बाद सर्जरी कर पेट के अंदर के कैंसरग्रस्त गांठों को नष्ट किया गया. शेष कैंसर कोशिकाओं को दवाओं के जरिए नष्ट करने के लिए पेट के माध्यम से सीधे कीमोथेरेपी (chemotherapy) दी गई.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.