लेमन ग्रास में छिपे हैं हजारों औषधीय गुण, जानिए कैसे करें खेती

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Published : Nov 21, 2022, 7:08 PM IST

Updated : Nov 21, 2022, 7:15 PM IST

लेमन ग्रास में छिपे हैं हजारों औषधीय गुण
लेमन ग्रास में छिपे हैं हजारों औषधीय गुण ()

Lemon grass cultivation in Raipur लेमन ग्रास फार्मिंग में किसान पारंपरिक खेती से बेहतर कमाई कर सकते हैं. इसकी खेती में सबसे अधिक फायदा यह होता है कि एक बार रोपाई करने के बाद किसान चार से पांच साल तक कमाई कर सकते हैं. आज हम आपको लेमन ग्रास की खेती से जुड़ी जानकारी देंगे.

रायपुर : लेमन ग्रास एक औषधीय पौधा है. इसकी खेती प्रदेश के किसान आसानी से कर सकते हैं. इसके लिए उपजाऊ जमीन की आवश्यकता नहीं होती. लेमन ग्रास को एक बार लगाने के बाद यह 4 साल तक पैदावार देगी. लेमन ग्रास की साल में 4 बार कटाई की जा सकती है. प्रदेश के किसान लेमन ग्रास की खेती करके अच्छी उपज और पैदावार ले सकते हैं. लेमन ग्रास को मवेशियों के द्वारा कम नुकसान होता है. इसे नींबू घास के नाम से भी जाना जाता है. लेमन ग्रास में ज्यादा देखरेख की आवश्यकता नहीं पड़ती और इसमें मेहनत भी कम लगती है.

लेमन ग्रास में छिपे हैं हजारों औषधीय गुण, जानिए कैसे करें खेती
कैसे करें लेमन ग्रास की खेती : इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय (Indira Gandhi Agricultural University) के औषधीय वैज्ञानिक डॉक्टर एसएस टुटेजा (Medicinal Scientist Dr SS Tuteja) ने बताया कि "जिन किसानों के पास बड़ी जमीन है, या फिर सामूहिक खेती करना चाहते हैं तो लेमन ग्रास की खेती करना किसानों के लिए फायदेमंद है. लेमन ग्रास की बाजार मांग बहुत अच्छी है. किसानों को इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है. लेमन ग्रास का तेल निकाला जाता है. यह तेल काफी महंगे दाम में बाजार में बिकता है. इसके लिए किसानों को आसवन यंत्र लगाने की जरूरत पड़ती है. लेमन ग्रास के लिए ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती. इसके साथ ही खेती जमीन पर इसकी खेती नहीं करना चाहिए. भर्री जमीन पर लेमन ग्रास को आसानी से लगाया जा सकता है. लेमन ग्रास लगाने के लिए कतार से कतार की दूरी 40 से 50 सेंटीमीटर होनी चाहिए. पौधे से पौधे की दूरी 40 सेंटीमीटर होनी चाहिए." (Lemon grass cultivation in Raipur)
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लेमन ग्रास की कितनी किस्में : इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के औषधीय वैज्ञानिक डॉक्टर एसएस टुटेजा का कहना है कि "कृष्णा कावेरी प्रगति प्रमान और लखनऊ के द्वारा निकाली गई किस्म सिमशिखर जैसी उन्नतशील किस्मों की खेती प्रदेश के किसान कर सकते हैं. इसकी खेती करने के लिए इसका बीज रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय से प्राप्त कर सकते हैं. प्रदेश के किसान जून और जुलाई के साथ ही फरवरी और मार्च के महीने में भी इसकी खेती कर सकते हैं. लेमन ग्रास की साल में 4 बार कटाई की जा सकती है. लेमन ग्रास से निकाले गए तेल का उपयोग परफ्यूम बनाने में, इत्र बनाने में, अगरबत्ती बनाने में और कीटनाशक दवाई बनाने में उपयोग किया जाता है."

Last Updated :Nov 21, 2022, 7:15 PM IST
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