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रायपुर: सरकार की शर्त पर बढ़ाई गई NMDC के खदान की लीज

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Published : Dec 18, 2019, 9:46 PM IST

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प्रदेश सरकार ने NMDC के खदान की लीज बढ़ाते हुए यह शर्त रखी कि एनएमडीसी प्रदेश में संचालित लौह अयस्क आधारित उद्योगों को उनकी आवश्यकता अनुसार लौह अयस्क की आपूर्ति निरंतर करता रहेगा.

रायपुर: प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (NMDC) के बैलाडीला लौह अयस्क खदान की लीज को अपनी शर्त पर बढ़ा दिया है. एनएमडीसी लौह अयस्क खनन में देश के सबसे बडा सार्वजनिक उपक्रम है. इसका लगभग तीन चौथाई खनिज उत्पादन छत्तीसगढ़ के बैलाडीला पहाड़ियों से होता है.

क्या है शर्त
2015 में भारत सरकार ने खनिज अधिनियम और नियमों में जो संशोधन किए थे. उसके बाद कई राज्यों में लौह अयस्क की खदानें 2020 मार्च के बाद जब तक नए सिरे से नीलामी ना हो जाए तब तक बंद होने की सम्भावनाएं बनी हुई हैं. इससे स्टील उद्योग भी कच्चे माल उपलब्धि को लेकर बेहद चिंतित हैं. ऐसे में प्रदेश सरकार ने लीज बढ़ाते हुए यह शर्त रखी कि NMDC प्रदेश में संचालित लौह अयस्क आधारित उद्योगों को उनकी आवश्यकता अनुसार लौह अयस्क की आपूर्ति निरंतर करता रहेगा.

इस अधार पर जारि हुआ खनीपट्टा
राष्ट्रीय खनिज विकास निगम लिमिटेड (एनएमडीसी) के चार खनीपट्टों को 1965 के पश्चात अभी खान एवं खनिज ( विकास एवं विनियमन ) अधिनियम 1957 के अधीन बनाए गए नियमों के तहत राज्य शासन ने खनिज ( सरकारी कम्पनी द्वारा खनन ) नियम, 2015 के अंतर्गत विस्तारण का स्वीकृति जारी किया गया है.

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NMDC को MMDR एक्ट 1957, वन संरक्षण अधिनियम 1960, वन, पर्यावरण अधिनियम 1980 के तहत सभी नियमों और निर्देशों का पालन करना होगा. साथ ही खनिज (परमाणु और हाइड्रोकार्बन ऊर्जा खनिजों से भिन्न्) रियायत नियम 2016 के नियम के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य में संचालित लौह आधारित उद्योगों को उनके आवश्यकतानुसार लौह अयस्क की आपूर्ति निरंतर बनाए रखना होगा.

Intro:एनएमडीसी के खदान की लीज बड़ाई

स्थानीय उद्योगों को उनकी आवश्यक्ता अनुसार लौह अयस्क की आपूर्ति की शर्त के साथ राज्य शासन ने एनएमडीसी के खदान की लीज बड़ाई

रायपुर । राष्ट्रीय खनिज विकास निगम लिमिटेड ( एनएमडीसी) के चार खनीपट्टों को 1965 के पश्चात अभी खान एवं खनिज ( विकास एवं विनियमन ) अधिनियम 1957 के अधीन बनाए गए नियमो के तहत राज्य शासन द्वारा खनिज ( सरकारी कम्पनी द्वारा खनन ) नियम, 2015 के अंतर्गत विस्तारण का स्वीकृति जारी किया गया है।

Body:एनएमडीसी लोह अयस्क खनन में देश के सबसे बडा सार्वजनिक उपक्रम है एवं उनकी लगभग तीन चौथाई खनिज उत्पादन छत्तीसगढ़ के बैलाडीला पहाड़ियों से होता है। छत्तीसगढ़ के उद्योगों के विकास एवं स्थानीय रोज़गार को उत्तरोत्तर वृद्धि को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा बैलाडीला से एनएमडीसी द्वारा खनन किए गए लोह अयस्क की उपलब्धि निरंतर एवं प्राथमिकता के साथ छत्तीसगढ़ में स्थित उद्योगों को मिलें यह सुनिश्चहित करने की शर्त के साथ ही खनिपट्टा विस्तारण करने के निर्देश दिया गया ।

तदानुसार खनिज साधन विभाग द्वारा खनी रियायत नियम , 2016 के नियम 12(1)(आई) के तहत छत्तीसगढ़ राज्य में संचालित लोह अयस्क आधारित उद्योगों को उनके अवश्यकतानुसार खनिज लोह अयस्क की आपूर्ती निरंतर बनाए रखने की शर्त के साथ खनी पट्टों का विस्तारण आदेश जारी किया गया है।

उल्लेखनीय है कि 2015 में भारत सरकार द्वारा खनिज अधिनियम एवं नियमो में लाए गए संशोधन के पश्चात कई राज्यों में लोह अयस्क खदाने 2020 मार्च के बाद जब तक नये सिरे से नीलामी ना हो जाय तब तक बंद होने की सम्भावनाये बनी हुई है। इससे स्टील उद्योग भी कच्चे माल उपलब्धि को लेकर बेहद चिंतित है। समय पर की गयी खनीपट्टा विस्तारण से एवं उसमें स्थानीय उद्योगों की निरंतर लोह अयस्क उपलब्ध होने के रास्ता निकालने से राज्य एवं जनता के हित को ध्यान में रखा गया।

एनएमडीसी द्वारा प्रतिवर्ष लगभग 24 मिलियन मेट्रिक टन लोह अयस्क का उत्पादन किया जाता है एवं स्थानीय उद्योगों द्वारा लगभग 7 मिलियन मेट्रिक टन की आवश्यकता बताई जा रही है।Conclusion:
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