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इन गीतों से मां होती है प्रसन्न, जानिए छत्तीसगढ़ के जस गीतों का महत्व

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Published : Oct 6, 2019, 1:45 PM IST

जस गीत हमारी धरोहर है जो हमारे बड़े बुजुर्गों द्वारा गाया जाता था. कलाकारों को इसी माध्यम से अपनी कला को प्रस्तुत करने और माता रानी की सेवा करने का मौका मिलता है.

जसगीत कार्यक्रम

रायपुर: छत्तीसगढ़ अपनी लोककला के लिए पहचाना जाता है, जहां के विविध कलाओं में जस गान का भी अहम स्थान है. छत्तीसगढ़ में पारंपरिक रूप में गाये जाने वाले लोकगीतों में जसगीत का अहम स्‍थान है. मां दुर्गा की भक्ति में गाए जाने वाला जस गान खासतौर पर नवरात्र के दौरान गाया जाता है.

छत्तीसगढ़ के जस गीतों का महत्व

कई मंदिरों में हर शाम को इसका आयोजन किया जाता है. जस गीत को सेवा गीत भी कहा जाता है, जो पूरे छत्तीसगढ़ में गाया जाता है. मां की भक्ति और उपासना के अलग-अलग रंग पूरे देश में देखने को मिलते हैं. छत्तीसगढ़ का जस गायन भी मां की भक्ति को लेकर समर्पित है. इस गायन में खास तौर पर मां की कृपा उनके द्वारा राक्षसों के संहार और प्रदेश के अलग-अलग शहरों में स्थापित मां की कहानी गाई जाती हैं.

मां दुर्गा की उपासना
मां दुर्गा की उपासना

पारंपरिक तरीके से की जाती है मां की पूजा
मांदर की थाप पर जोश भरे जस गीत सुनकर कई भक्त झूमते नजर आते हैं. इन्हें बाद में एक खास पूजा कर शांत कराया जाता है. हमने जस गीत को अच्छे से समझने के लिए जस गाने वाले कलाकारों से बात की. आइए इस बातचीत के माध्यम से छत्तीसगढ़ की परंपरा और माटी की खुशबू को और करीब से महसूस करते हैं. जस गीत मंडली के सदस्यों का कहना है कि ये हमारा पारंपरिक गीत है.

झांझ व मंजिरे के साथ गाया जाने वाला गीत
उनका कहना है कि जस गीत हमारी धरोहर है, जो हमारे बड़े बुजुर्गों द्वारा गाया जाता था. हम जैसे कलाकारों को इसी माध्यम से अपनी कला को प्रस्तुत करने और माता रानी की सेवा करने का मौका मिलता है.जस गीत पारंपरिक रूप से मांदर, झांझ व मंजिरे के साथ गाया जाने वाला गीत है.

Intro:छत्तीसगढ़ अपनी लोककला के लिए पहचाना जाता है, जहां के विविध कलाओं में जस गान का भी अहम स्थान है। मां दुर्गा की भक्ति में गाए जाने वाला जस गान खासतौर पर नवरात्रि के दौरान गाया जाता है ,वैसे कई देवी मंदिर में हर शाम को इसका आयोजन किया जाता है ।जस गान को सेवा गीत भी कहा जाता है इसे पूरे छत्तीसगढ़ में गाया जाता है..


Body:कई बार मांदर की थाप पर जोश भरे जस गीत सुनकर कई भक्त झूमते नजर आते हैं इन्हें बाद में एक खास पूजा कर शांत कराया जाता है मां की भक्ति और उपासना के अलग-अलग रंग पूरे देश में देखने को मिलता है ।छत्तीसगढ़ का जस गायन भी मां की भक्ति को लेकर समर्पित है ,इस गायन में खास तौर पर मां की कृपा ,उनके द्वारा राक्षसों के संहार और प्रदेश के अलग-अलग शहरों में स्थापित मां की कहानी गाई जाती हैं।


Conclusion:हमने जस गीत को अच्छे से समझने के लिए जस गाने वाले कलाकारों से बात की आइए इस बातचीत के माध्यम से छत्तीसगढ़ की परंपरा और माटी की खुशबू को और करीब से महसूस करते हैं....
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