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छत्तीसगढ़ में पहले चरण का चुनाव प्रचार खत्म, दिग्गजों ने लगाया दम, अब सात नवंबर को होगा मतदान

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 5, 2023, 5:33 PM IST

First phase election
छत्तीसगढ़ में पहले चरण का चुनाव प्रचार खत्म

छत्तीसगढ़ चुनाव में पहले चरण की गहमागहमी का पहला दौर खत्म हो गया. पहले चरण में छत्तीसगढ़ की 20 विधानसभा सीटों पर सात नवंबर को मतदान होना है.जिसमें बस्तर संभाग की 12 सीटें और दुर्ग संभाग की 8 सीटें शामिल हैं. रविवार शाम 5 बजे के बाद सभी चुनाव प्रचार का शोर थम गया. अब अलग अलग पार्टियों के प्रत्याशी और कार्यकर्ता सिर्फ डोर टू डोर ही प्रचार के लिए वोटरों तक जा सकते हैं. चुनाव आयोग भी प्रचार की सीमा खत्म होने के बाद प्रत्याशियों पर कड़ी नजर रही है.

रायपुर: पहले चरण में छत्तीसगढ़ की जिन 20 सीटों पर वोट डाले जाने हैं उनका अगर समीकरण समझा जाए तो इन 20 सीटों में 12 सीटें ऐसी हैं जो एसटी प्रत्याशियों के लिए आरक्षित हैं जबकी एक सीट एसी प्रत्याशी के लिए आरक्षित किया गया है. मुकाबला कांटे का और जोरदार होने वाला है लिहाजा चुनाव आयोग ने भी अपनी तैयारी पूरी कर रखी है, चाहे वो सुरक्षा के लिहाज से हो या फिर तैयारियों के हिसाब से.

मैदान में महारथी: पहले चरण में जिन महारथियों की किस्मत का फैसला होगा में सबसे पहला नाम प्रदेश के पूर्व मुखिया रहे रमन सिंह का है, जो राजनांदगांव सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. दूसरा जो सबसे हाई प्रोफाइल सीट है वो है चित्रकोट. इस सीट से खुद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज चुनाव लड़ रहे हैं और उनका मुकाबला इस बार विनायक गोयल से है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज को युवा और तेज तर्रार नेता माना जाता है. पार्टी में उनकी साख और जनता के बीच पैठ का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि पार्टी ने उनकी प्रतिभा को पहचानते हुए ही पहले प्रदेश अध्यक्ष बनाया फिर सांसद होते हुए विधायक का टिकट दिया. तीसरा जो सबसे हाई प्रोफाइल सीट है वो है कवर्धा सीट. यहां से मोहम्मद अकबर जो सरकार के कद्दावर मंत्रियों में गिने जाते हैं वो खड़े हैं. मोहम्मद अकबर को घेरने के लिए बीजेपी ने प्रचार के दौरान अपने बड़े बड़े नेताओं को उतार रखा था जिसमें खुद योगी भी शामिल थे. हाई प्रोफाइल सीटों की जब चर्चा हो रही है तो फिर कांग्रेस सरकार के आबकारी मंत्री कवासी लखमा को कैसे भूला जा सकता है. कवासी लखमा अपनी परंपरागत सीट कोंटा से खड़े हैं और उनका मुकाबला बीजेपी के सोयम मुका से है. कवासी लखमा की कोंटा में अच्छी पैठ मानी जाती है लेकिन बीजेपी ने जमीनी नेता सोयम मुका को उतारकर मुकाबले को नया धार दे दिया है. 20 सीटों में से पांचवी हाईप्रोफाइल सीट है केशकाल. इस सीट से तीन बार से कांग्रेस के सिटिंग विधायक रहे संत राम नेता का मुकाबला आईएएस की नौकरी छोड़ बीजेपी के टिकट पर भाग्य आजमा रहे नीलकंठ टेकाम से है. छठी और आखिरी हाई प्रोफाइल सीट नारायणपुर की है. इस सीट पर बीजेपी के पूर्व मंत्री रहे केदार कश्यप का सीधा मुकाबला चंदन कश्यप से है. यहां दोनों प्रत्याशी एक ही जाति से आते हैं लिहाजा वोटों के बंटने और सियासी समीकरण के उलझने की संभावना बनी हुई है.

दिग्गजों ने लगाया दम: पहले चरण की बीस सीटों पर जिन महारथियों ने चुनाव प्रचार किया उसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं. पीएम ने कांकेर, दुर्ग और राजनांदगांव जैसी हाईप्रोफाइल सीटों पर प्रचार किया, तो वहीं कांग्रेस की ओर से तीन महारथियों ने इस बार मोर्चा संभाल रखा था. राहुल गांधी ने जहां बस्तर और रायगढ़ में प्रचार किया वहीं प्रियंका गांधी ने खरसिया, जगदलपुर और बिलासपुर में प्रचार कर कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश की. कांग्रेस की ओर से जो तीसरे दिग्गज रहे प्रचार में मल्लिकार्जुन खड़गे उन्होने ने भी सुकमा और महासमुंद में कांग्रेस के लिए प्रचार किया

अब जनता करेगी फैसला: कुल मिलाकर जिन 20 सीटों पर 7 तारीख को मतदान होना है उसपर बीजेपी के दिग्गजों से लेकर कांग्रेस तक के महारथियों ने प्रचार कर पार्टी के लिए माहौल बनाया. पर असली माहौल तो 7 नवंबर को बनेगा और इस माहौल को बनाएगी जनता, क्योंकि जनता जनार्दन है. पार्टियां जितनी भी जोर आजमाइश कर लें, असली महारथी तो अंत में जनता ही निकल आती है, क्योंकि वहीं जिताती है और वहीं हराती भी है

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