रायपुर: छत्तीसगढ़ में किसी भी आपात परिस्थिति में मदद के लिए पुलिस विभाग की एक नंबर सब्बो बर स्लोगन के साथ हेल्पलाइन सेवा शुरू की थी, लेकिन डायल 112 हेल्पलाइन नंबर को लफंगों ने दिल्लगी का जरिया बना लिया है. लफंगो की इस हरकत से महिला स्टाफ काफी परेशान है. हालांकि पुलिस ऐसे लफंगो को सबक भी सिखा रही है. उनके खिलाफ न केवल अपराध दर्ज कर रही हैं, बल्कि प्रतिबंधात्मक कार्रवाई कर जेल की हवा भी खिला रही हैं.
'3 हजार कॉल ऐसे जिसमें नहीं करता कोई बात'
अगर कोई पुरुष स्टाफ कॉल रिसीव करता है तो उनसे महिला स्टाफ से बात कराने को कहा जाता है. सिविल लाइन स्थित नए पुलिस कंट्रोल रूम के डायल 112 के एसपी धर्मेंद्र गर्ग ने बताया कि 'रोजाना करीब 3 हजार कॉल्स ऐसे होते हैं जिसमें कोई बात ही नहीं करता केवल डायल करके छोड़ देते हैं.
![Female staff of Dial 112 troubled by rhetoric in raipur](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-rpr-01-dial-112-pkg-cg10001_17022020113501_1702f_1581919501_423.jpg)
'रोजाना आते हैं 1-2 हजार क्रैक कॉल्स'
साथ ही उन्होंंने कहा कि '1-2 हजार क्रैक कॉल्स आते हैं जिनमें अभद्र भाषा और गंदी बातें की जाती है. ऐसे कॉल करने वालों की जानकारी संबंधित जिलों के पुलिस अफसरों को देकर उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाती है. डेढ़ साल के अंदर ऐसे 20 बदमाशों के खिलाफ केस भी दर्ज कराए गए हैं और अन्य बदमाशों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई है.'
93 लोगों ने 24,186 बार कॉल किया
11 जिलों में मई 2019 से जनवरी 2020 तक 93 लोगों ने 24186 बार कॉल किया है. जिसमें 9 हजार 593 बदमाशों ने कॉल किया है. वहीं 9 हजार 936 कॉल करने पर बात नहीं करने वाले शामिल है और 3 हजार 846 अन्य आवश्यक कॉल करने वालों की संख्या है.