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भारत के महान वैज्ञानिक और आविष्कार

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Published : Aug 13, 2022, 4:31 PM IST

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भारत के महान वैज्ञानिक और आविष्कार

चाहे शून्य के आविष्कार की बात रही हो या फिर महत्वपूर्ण गणितीय और ज्योतिषीय विचारों की, भारत का नाम इन सभी के साथ जुड़ा है. आज हम आपको उन्हीं लोगों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके आविष्कारों ने दुनिया में हलचल पैदा कर दी.

भारत में वैज्ञानिकों का एक अतुल्य इतिहास है. हमारे पास दुनिया के शीर्ष वैज्ञानिक हैं जो भारत में पैदा हुए (Famous Scientists and Inventors of India) थे. इन (Saluting Bravehearts ) वैज्ञानिकों ने अपने नवाचारों, विचारों और विचारों, पुरस्कारों से दुनिया को हिला दिया. हर महान आविष्कार का कारण कल्पना (dil se desi ) है.

1. प्रफुल्ल चंद्र रे ( Prafulla chandra Roy) : प्रफुल्ल चंद्र रे एक वैज्ञानिक, रसायनज्ञ, शिक्षाविद, उद्योगपति थे. वे सबसे अनुभवी शिक्षाविद और रसायनज्ञ के रूप में जाने जाते थे. रे ने भारत में पहली दवा कंपनी द बंगाल केमिकल्स एंड फार्मास्यूटिकल्स (The Bengal Chemicals and Pharmaceuticals )का गठन किया था. प्रफुल्ल के किताब ए हिस्ट्री ऑफ हिंदू केमिस्ट्री फ्रॉम द अर्लीएस्ट टाइम्स टू द 16th सेंचुरी के लेखक थे. चिकित्सा के विषय में खुद को समर्पित करने और राजनीति में सक्रिय भाग लेने के लिए उन्होंने पूरे जीवन शादी नहीं की. प्रफुल्ल रे ने 1896 में स्थिर यौगिक मरक्यूरस नाइट्राइट ( Mercurus Nitrite ) की खोज की थी. जिसका इस्तेमाल दवा कंपनियों ने खूब किया.

2. श्रीनिवास रामानुजन (Shrinivas Ramanujan) : भारत के ब्रिटिश शासन के बाद से एक महान गणितज्ञ बने हुए हैं. उन्होंने कभी भी गणित विषय में कोई उचित प्रशिक्षण नहीं लिया, लेकिन उनके योगदान ने इस विषय को नया अर्थ दिया है. उन्होंने अपने तर्क से विषय में सनसनी पैदा की और कई अन्य गणितज्ञों के दिमाग को जन्म दिया. number theory, continued fractions, infinite series और mathematical analysis उनके कुछ योगदान में शामिल है.

3.होमी जहांगीर भाभा ( Homi Jahangir Bhabha ) : होमी जहांगीर भाभा एक लोकप्रिय परमाणु भौतिक विज्ञानी थे. टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, जिसे ( TIFR भी कहा जाता है ) में भौतिकी के संस्थापक थे. एक पारसी परिवार में जन्मे, भाभा ने भौतिकी के विषय में अपने अंतहीन सिद्धांतों और नवाचारों के साथ निस्वार्थ भाव से राष्ट्र का सेवा करना जारी रखा.उन्होंने भारत के कई परमाणु विकास में सक्रिय रूप में हिस्सा लिया.

4.जगदीश चंद्र बोस (Jagdish Chandra Bose) : जगदीश चंद्र बोस एक भौतिक विज्ञानी ( physicist ), वनस्पतिशास्त्री ( botanist ), जीव विज्ञानी ( biologist ) और बहुश्रुत ( Polymath ) थे. वह एक प्रसिद्ध पुरातत्वविद और ब्रिटिश भारत के दौरान विज्ञान कथाओं के शुरुआती लेखक भी थे. कई विज्ञान संस्थान और संगठनों ने भी उन्हें रेडियो विज्ञान के पिताओं में से एक की उपाधि दी. उन्हें बंगाली साइंस फिक्शन के पिता की उपाधि से भी सम्मानित किया गया. उनके कुछ प्रमुख आविष्कारों में क्रेस्कोग्राफ ( Creskograph ) शामिल है.

5. सीवी रमन (CV Raman): चंद्रशेखर वेंकटरमन एक प्रसिद्ध भौतिक विज्ञानी थे. जिन्होंने प्रकाश प्रकीर्णन विषय में अभूतपूर्व कार्य किए. उन्होंने कई सारे पुरस्कार और सम्मान मिले. इतने सारे पुरस्कार और सम्मान प्राप्त करने के बावजूद, वे जमीन से जुड़े रहे और अपने उत्कृष्ट ज्ञान और कौशल के साथ राष्ट्र के लिए योगदान देना जारी रखा. वास्तव में, वे पहले एशियाई भारतीय थे जिन्होंने विज्ञान की किसी एक शाखा पर लिखा था.प्रकाश के बिखरने की घटना की खोज ( Phenomenon of Light Scattering ) जिसे रमन प्रभाव के रूप में भी जाना जाता है.

6.हरगोविंद खुराना (hargovind khurana) : हरगोविंद एक लोकप्रिय भारतीय-अमेरिकी जैव रासायनज्ञ ( Biochemist ) थे. चिकित्सा के क्षेत्र में उनके महान योगदान और शोध कार्यों को आज भी याद किया जाता है. हरगोविंद खुराना का जन्म ब्रिटिश भारत के दौरान हुआ था. कुछ वर्षों अमेरिका में रहने के बाद वे अमेरिका के नागरिक भी बन गए. खुराना ने एक प्रोफेसर के रूप में काम किया और अमेरिका और भारत के कई प्रमुख संस्थानों में अपने विषयों को पढ़ाया. उनके कुछ प्रमुख कार्य प्रोटीन का उत्पादन है जो उन्होंने एंजाइमों की एक श्रृंखला के समर्थन से बनाया हैं.

7.डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम ( Dr APJ Abdul Kalam) : डॉक्टर एपीजे का पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलाबदिन अब्दुल कलाम हैं. वे सबसे प्रमुख एयरोस्पेस वैज्ञानिकों में से एक थे और उन्होंने भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में भी कार्य किया. उनके मुख्य विषयों में भौतिकी और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग शामिल थे. लगभग 4 दशकों तक, एपीजे अब्दुल कलाम ने निस्वार्थ भाव से डीआरडीओ DRDO और इसरो ISRO में वैज्ञानिक और अनुसंधान विशेषज्ञ के रूप में कार्य किया. वे भारत के कई अंतरिक्ष कार्यक्रमों और सैन्य मिसाइल परियोजना में भी सक्रिय रूप से शामिल थे. एपीजे अब्दुल कलाम को बैलेस्टिक मिसाइल और लॉन्च वाहनों में उनके अद्भुत योगदान के लिए ‘ भारत के मिसाइल मैन ‘ के रूप में भी जाना जाता है. स्विट्जरलैंड दिवंगत डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की यात्रा के सम्मान में 26 मई को विज्ञान दिवस के रूप में मनाता है.एपीजे अब्दुल कलाम के अन्य राजनीतिक और तकनीकी योगदान में पोखरण – II ( भारत का पहला परमाणु परीक्षण ), विंग्स ऑफ द फायर, इंडिया 2020, इगनाइटेड माइंड्स शामिल हैं.

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