ETV Bharat / state

SPECIAL: कभी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का अड्डा हुआ करता था संभाग आयुक्त कार्यालय

author img

By

Published : Dec 9, 2020, 1:33 PM IST

divisional-commissioner-office-was-once-a-den-of-freedom-fighters-in-raipur
कभी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का अड्डा हुआ करता था राजधानी का संभाग आयुक्त कार्यालय

राजधानी में विकास को बढ़ावा देने कई ऐतिहासिक धरोहरों का अस्तित्व ही खत्म कर दिया जा रहा है. शहर में कई ऐसे ऐतिहासिक जगह है जहां किसी जमाने में देश को स्वतंत्र करने की रणनीति बना करती थी. आज के संभाग आयुक्त कार्यालय में किसी जमाने में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का जमावड़ा लगा रहता था.

रायपुर: देश को आजाद कराने के लिए छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ने स्वाधीनता के लिए लड़ाई लड़ी है. ऐसे में रायपुर शहर से भी बहुत से स्वतंत्रता संग्राम सेनानी है जिन्होंने देश को स्वतंत्र कराने में अपना योगदान दिया है. ETV भारत स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के स्थान के बारे में बताने जा रहा है. जहां देश को आजाद कराने के लिए रणनीतियां बनाई जाती थी.

संभाग आयुक्त कार्यालय में होती थी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की बैठक

राजधानी के इसी जगह बनती थी देश को आजाद करने की योजनाएं

रायपुर शहर के जीई रोड स्थित संभाग आयुक्त कार्यालय कभी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का अड्डा हुआ करता था. वर्तमान का संभाग आयुक्त कार्यालय डिस्ट्रिक्ट काउंसिल भवन के नाम से जाना जाता था और इस भवन का निर्माण 1885 के आसपास हुआ था.

पढ़ें: रायपुर: विकास के नाम पर ध्वस्त किए जा रहे ऐतिहासिक धरोहर

राजधानी में कई ऐतिहासिक धरोहर

इतिहासकार रामेंद्रनाथ मिश्र ने बताया कि रायपुर नगर में ऐतिहासिक धरोहर या भवन अनेक रहे हैं, जो आजादी की लड़ाई के साक्षी के रूप में रहे है. वर्तमान आयुक्त कार्यालय डिस्ट्रिक्ट काउंसिल का भवन था. वहां से पूरे जिले में शिक्षा का संचालन होता था. वहां बैठक हुआ करती थी. यह भवन आजादी के संबंधित स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के विचार विमर्श और बौद्धिक जागृति का सबसे बड़ा केंद्र बिंदु हुआ करता था. कई स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वहीं मीटिंग करते थे, जिनमें पंडित रविशंकर शुक्ल, पंडित वामन राव लाखे, पंडित सुंदरलाल त्रिपाठी,, पंडित सुंदरलाल शर्मा महंत लक्ष्मीनारायण दास जैसे तमाम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रणनीतियां बनाया करते थे. मिश्र ने कहा कि ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित और संवर्धित करके रखना चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ी हमारे इतिहास और धरोहरों से परिचित हो सकें.

शिक्षा को बढ़ावा देने इसी भवन से हुई थी शुरुआत

तत्कालीन डिस्ट्रिक्ट काउंसिल भवन में शिक्षा को बढ़ावा देने की पहल की भी शुरुआत की गई थी. यह बौद्धिक जागृति का सबसे बड़ा केंद्र हुआ करता था. इतिहासकार मिश्र ने बताया कि पहले यह इलाका सीपी बरार में आया करता था. पंडित रविशंकर शुक्ल 1936 के आसपास काउंसिल के अध्यक्ष हुआ करते थे, उस समय यहीं से शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विद्या मंदिर की अनूठी योजना की रणनीति तैयार की गई थी. उसके बाद इसे लागू किया गया.

पढ़ें: SPECIAL: ब्रिटिशकालीन इमारतों का अद्भुत नमूना 'महाकौशल कला वीथिका', संरक्षण की दरकार

वर्तमान में आयुक्त कार्यालय

आजादी की लड़ाई का साक्षी रहा यह भवन कई मायने में महत्वपूर्ण है. समय बीतता गया और डिस्ट्रिक्ट काउंसिल भवन में जिला पंचायत कार्यालय लगने लगा. कुछ समय पहले ही जिला पंचायत कार्यालय को कलेक्ट्रेट परिसर में स्थानांतरित किया गया. वर्तमान में यहां संभाग आयुक्त का कार्यालय है.

धरोहरों को बचाना है जरूरी

रायपुर संभाग आयुक्त जी आर चुरेंद्र का कहना है कि बिल्डिंग ब्रिटिश काल में बनाया गया था. एक तरह से यह ऐतिहासिक धरोहर है. ऐसे भवनों और इमारतों को संजो कर रखना बेहद जरूरी है. इस परिसर में कमिश्नर कार्यालय का निर्माण होना है, लेकिन भवन का निर्माण पीछे जगह पर किया जाएगा. यह बिल्डिंग यथावत रहेगी. उन्होंने कहा कि रायपुर शहर में बहुत से ऐतिहासिक धरोहर है, जो ब्रिटिश कालीन हैं ऐसे धरोहर को बचा कर रखना चाहिए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.