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छत्तीसगढ़ की संस्कृति को बचाने और सहेजने के लिए बनाई जाएगी डिजिटल लाइब्रेरी

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Published : Jul 6, 2021, 10:37 PM IST

digital library in chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में बनेगी डिजिटल लाइब्रेरी

छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति अब डिजिटल लाइब्रेरी (digital library) में दिखेगी. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने संस्कृति विभाग (Chhattisgarh Culture Department) की बैठक में ये बात कही. बैठक में सीएम बघेल ने छत्तीसगढ़ की संस्कृति को और बेहतर बनाने के लिए विभाग के अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए.

रायपुर: मंगलवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने अपने निवास में संस्कृति विभाग के कार्यों की समीक्षा की. बैठक में प्रदेश के कालाकारों को मजबूत करने और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए चर्चा की गई. इसके अलावा छत्तीसगढ़ की संस्कृति को और बेहतर बनाने के लिए अधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए. सीएम ने कहा कि छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति (Culture of Chhattisgarh) को सहेजने के लिए अब डिजिटल लाइब्रेरी (digital library) तैयार की जाएगी.

सीएम बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की वैभवशाली और समृद्ध संस्कृति के विभिन्न आयामों को सहेजने के लिए डिजिटल लाइब्रेरी तैयार की जाए. जिसके जरिए विश्व पटल पर छत्तीसगढ़ की संस्कृति (Culture of Chhattisgarh) को नई पहचान दिलाने में और आने वाली पीढ़ी को अपनी संस्कृति से अवगत कराने में सहायता मिलेगी.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने कहा कि छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति (Folk Culture of Chhattisgarh) में अनेक वाद्ययंत्रों का प्रचलन रहा है. बहुत से लोगों को अब इनकी जानकारी नहीं है. ऐसे वाद्ययंत्रों की जानकारियां उनके नाम, बजाने की विधि समेत अन्य जानकारी रिकॉर्ड कर डिजिटल रूप से संग्रहित की जानी चाहिए. छत्तीसगढ़ के विभिन्न अंचलों के लोक नृत्यों, लोक कलाकारों के संबंध में भी जानकारी एकत्र की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की लोक कलाकार प्रोत्साहन योजना सहित संस्कृति विभाग की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से छत्तीसगढ़ की संस्कृति का संरक्षण, संवर्धन का महत्वपूर्ण कार्य कर रहे अधिक से अधिक युवा कलाकारों को प्रोत्साहन दिया जाए.

कलाकारों को 9 करोड़ 56 लाख रूपए का दिया गया मानदेय

संस्कृति विभाग के सचिव अन्बलगन पी (Anbalagan P) ने बैठक में जानकारी दी कि लोक कलाकार प्रोत्साहन योजना, मानस मंडली प्रोत्साहन योजना, अर्थाभावग्रस्त होनहार कलाकारों के लिए छात्रवृत्ति योजना प्रारंभ की गई है. साल 2020-21 में 131 प्रकरणों में 14 लाख 76 हजार रूपए की सहायता दी गई. सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश करने वाले 1 हजार 678 कलाकार दलों को 9 करोड़ 56 लाख रूपए का मानदेय दिया गया है.

विभिन्न क्षेत्र के कलाकारों को दी गई वार्षिक प्रोत्साहन राशि

बैठक में जानकारी दी गई कि लोक कलाकार प्रोत्साहन योजना के तहत प्रत्येक साल 100 लोक कलाकारों को प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान किया गया है. नृत्य-संगीत, लोक नाट्य, लोकगाथा, छत्तीसगढ़ी गीतकार विधा के अधिकतम 30 कलाकार अथवा दल को कला के संरक्षण, संवर्धन और विकास के लिए 24 हजार रूपए की वार्षिक प्रोत्साहन राशि दी गई है.

प्रदेश स्तरीय मानस मंडली में पहले स्थान वाले कलाकार को मिलेंगे 5 लाख रुपए

बैठक में बताया गया कि मानस मंडली प्रोत्साहन योजना 2021 के तहत ग्राम पंचायत, ब्लॉक स्तर, जिला स्तर, राज्य स्तर पर पंजीकृत रामायण मंडलियों की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएगी और पहले स्थान प्राप्त करने वाले रामायण मंडलियों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. ग्राम पंचायत स्तर पर पहले स्थान पर आने वाली 12 हजार मंडलियों में प्रत्येक को 5 हजार रूपए, ब्लॉक स्तर पर पहले स्थान में चयनित 146 मंडलियों को 10 हजार, जिला स्तर पर पहले स्थान में चयनित रामायण मंडलियों को 50 हजार रूपए, राज्य स्तर पर पहले स्थान पर चयनित मंडली को 5 लाख रूपए, दूसरे स्थान में आने वाले मंडली को 3 लाख रूपए और तीसरे स्थान में चयनित मंडली को 2 लाख रूपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी.

राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य समारोह 2021 की तैयारी शुरु

संस्कृति विभाग (Chhattisgarh Culture Department) के सचिव ने बैठक में बताया कि राजधानी रायपुर में स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekanand) के रायपुर प्रवास की स्मृतियों को सहेजने के लिए स्वामी विवेकानंद स्मारक भवन (डे-भवन) तैयार किया जा रहा है, जिसमें स्वामी विवेकानंद की जीवनी, उनकी आध्यात्मिक यात्रा, रायपुर प्रवास, स्वामी विवेकानंद के विदेश प्रवास और भारतीय संस्कृति पर उनके प्रभाव को प्रदर्शित करने के लिए अलग-अलग गैलरी बनाई जा रही है. उन्होंने यह भी बताया कि नवा रायपुर के पुरखौती मुक्तांगन में छत्तीसगढ़ सांस्कृतिक स्पेस केन्द्र विकसित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य समारोह 2021 (National Tribal Dance Festival 2021) की तैयारियां विभाग ने शुरु कर दी है.

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