RTE के तहत बच्चों के एडमिशन में देरी, पढ़ाई हुई प्रभावित

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Published : Aug 4, 2021, 4:28 PM IST

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स्कूली बच्चे ()

छत्तीसगढ़ में नए शिक्षण सत्र की शुरुआत होने के साथ प्रदेश के स्कूलों में पढ़ाई शुरू हो गई है. वहीं शिक्षा का अधिकार अधिनियम (Right to Education Act) के तहत प्राइवेट स्कूलों (Private Schools) में गरीब बच्चों का प्रवेश (Admission of Poor Children) अभी तक नहीं हो पाया है. जिसके कारण बच्चे पढ़ाई में पिछड़ रहे हैं. गरीब बच्चों के लिए प्रदेश में 6,625 निजी स्कूलों में आरटीई की 83,686 सीटें उपलब्ध हैं.

रायपुर: प्रदेश में नए शिक्षण सत्र की शुरुआत होने के साथ प्रदेश के स्कूलों में पढ़ाई शुरू (Start Studying in Schools) हो गई है. 2 अगस्त से प्रदेश के स्कूल खुल गए हैं, लेकिन शिक्षा का अधिकार अधिनियम (Right to Education Act) के तहत प्राइवेट स्कूलों (Private Schools) में गरीब बच्चों का प्रवेश (Admission of Poor Children) अभी तक नहीं हो पाया है. जिसके चलते बच्चे पढ़ाई में पिछड़ रहे हैं. यही नहीं पिछले साल भी आरटीई के तहत पढ़ने वाले बच्चों के प्रवेश में देरी हुई थी. जिसके चलते बच्चे पढ़ाई में बहुत पिछड़ गए थे.

RTE के तहत प्रवेश में देरी

हजारों आवेदन लेकिन लॉटरी में हो रही देरी

बता दें कि प्रदेश के निजी स्कूलों में प्रवेश के लिए अब तक 67,238 से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं. आरटीई के अंतर्गत निजी स्कूलों में नर्सरी और पहली में 25 फीसदी सीटें बीपीएल के लिए आरक्षित होती है. प्रदेश में 6,625 निजी स्कूलों में आरटीई की 83,686 सीटें उपलब्ध हैं. इन सीटों के लिए 67,238 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं लेकिन लॉटरी निकालने का इंतजार किया जा रहा है.

इस मामले में छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन (Chhattisgarh Private School Management Association) के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने कहना है कि आरटीई में गरीब बच्चों का प्रवेश होता है. सीबीएसई स्कूल (CBSE Schools) में उनकी पढ़ाई अप्रैल महीने से शुरू हो गई है. हमने शिक्षा मंत्री से मिलकर निवेदन किया था कि आरटीई के आवेदनों का निराकरण जल्द से जल्द करें, ताकि बच्चों की पढ़ाई जल्दी शुरू हो सके. पढ़ाई ना शुरू होने के कारण उन्हें बहुत नुकसान हो रहा है.उन्होंने कहा कि सितंबर तक एडमिशन कराने की बात कही जा रही है. पिछले साल और लेट एडमिशन हुए थे.

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प्रवेश प्रक्रिया में भी है विसंगतियां

राजीव गुप्ता ने बताया कि आरटीई (RTI) में प्रवेश की जटिल प्रक्रिया है. जिस बच्चे का एडमिशन चाहिए उनके पास लोगों का नाम सर्वे सूची में होना अनिवार्य है. किसी पालक को अपने बच्चे का एडमिशन कराना है तो पहले उसे सर्वे सूची में अपना नाम सर्च कर, उसे अटेस्टेड करवाना होता है. इन सभी दिक्कतों को दूर करने के लिए सरकार से आग्रह किया गया है. प्रक्रिया में शिथिलता लाया जाए, अगर सरकार किसी को गरीब मानती है तो उसे बीपीएल कार्ड दे देती है.जब बीपीएल राशन कार्ड (Bpl ration card) को गरीबी रेखा माना जा रहा है तो सर्वे सूची की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए ताकि जरूरतमंद और गरीब बच्चों का एडमिशन ना रुके. इसके लिए सरकार को सुझाव भी दिया गया है.

जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि 2 अगस्त से ही स्कूल खुल गए हैं. इसे ध्यान में रखते हुए विभाग ने आरटीई में प्रवेश के लिए टाइमलाइन जारी कर दिया है. इसके अंर्तगत 4 तारीख तक सभी बच्चों के डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन किए जाएंगे और 6 तारीख तक लॉटरी प्रक्रिया शुरु हो जाएगी. लॉटरी में नाम आते ही बच्चों को उन विद्यालय में प्रवेश मिलना शुरू हो जाएगा.

RTE को लेकर जारी नोटिफिकेशन

  • आरटीई में प्रथम चरण की आवेदन की तारीख 4 अगस्त निर्धारित की गई.
  • 5 अगस्त को नोडल अधिकारी के द्वारा दस्तावेज का सत्यापन करना होगा.
  • 6 अगस्त से 8 अगस्त तक राज्य स्तर से प्रथम लॉटरी निकाली जाएगी.
  • 9 अगस्त से 15 अगस्त तक स्कूलों में बच्चों का दाखिला कराया जाएगा.
  • ड्यूटी चरण के लिए आवेदन आमंत्रित की तिथि 16 अगस्त से 26 अगस्त तक निर्धारित की गई है.
  • 27 अगस्त से 2 सितंबर तक नोडल अधिकारी के द्वारा दस्तावेज सत्यापन के किया जाना है.
  • 3 सितंबर से 5 सितंबर तक राज्य स्तर से ड्यूटी लॉटरी निकाली जाएगी.
  • 6 सितंबर से 11 सितंबर तक स्कूलों में बच्चों का दाखिला कराया जाना है.
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